कानपुर के लोग बोले, भारत जैसा और नहीं

Story by  संदेश तिवारी | Published by  [email protected] | Date 13-08-2021
75 जश्न-ए-हिंदुस्तान
75 जश्न-ए-हिंदुस्तान

 


देश आजादी के 75 वर्ष पूरे होने को लेकर जश्न में डूबा है. इस खुशी में हर देशवासी शामिल होना चाहता है. देश के प्रति अपनी भावनाएं व्यक्त करना चाहता है. ऐसे लोगों को मंच और अभिव्यक्ति दे रहा है आवाज द वाॅयस. आज से हम एक खास सीरिज शुरू कर रहे हैं. भारत के विभिन्न हिस्सों के लोग अपने वतन को लेकर क्या सोचते हैं, यहां उनकी भावनाएं प्रस्तुत की जाएंगी. इस कड़ी में देश के अलग-अलग हिस्से के लोग अपनी राय रख सकते हैं. पहली कड़ी में उत्तर प्रदेश के औ़द्योगिक शहर कानपुर वासियों ने यहां अपनी भावनाएं व्यक्त की हैं, जिन्हें प्रमुखता से छापा जा रहा है. यदि आप भी भारत को लेकर कुछ कहना चाहते हैं, तो हमें [email protected] पर अपने विचार लिखकर अपनी तस्वीर के साथ भेज दें.
 
संदेश तिवारी /  कानपुर

15 अगस्त 1947 को देश ब्रिटिश शासन से मुक्त होकर एक स्वतंत्र राष्ट्र बना था. 14 और 15  की मध्य रात्रि को कई विद्रोह के बाद भारत को स्वतंत्रता मिली थी. देश को स्वतंत्र हुए 74 वर्ष हो गए हैं. अगले साल.हम 75 वां स्वत्रंता दिवस मनाएंगे. इस बीच पूरे साल जश्न का दौर चलेगा. भारत 200 वर्ष तक अंग्रेजों के अधीन था जिसके बाद देश में आजादी के लिए काफी लड़ाई लड़ी गई. तमाम सेनानियों ने अपना बलिदान दिया. भारत को एक स्वतंत्र देश बनाया. 
.
rasheed
कानपुर के चमनगंज स्थित दुनिया के सर्वाधिक पढ़े जाने वाले उर्दू डेली के संपादक रशीद इल्मी कहते हैं कि स्कूल, कॉलेज और भारत के सभी संस्थानों में 15 अगस्त को तिरंगा फहराया जाता है. इस दिन बच्चे सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेते है  हास्य, नाटक, भाषण, नृत्य, जैसे कार्यक्रम आयोजित करते हैं. आज भी स्वतंत्र का ये त्यौहार नई प्रेरणा देता है.
 
आजादी कम नहीं है. लोगों पर धन हो, बेरोजगार के पास रोजगार हो ये भी आजादी है. सभी लोग मिलजुल कर रहें. आपसी भाईचारा बना रहे. अगस्त 1947 को प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने पहला झंडारोहण समारोह किया था. भारत या विदेश में रहने वाले प्रत्येक भारतीय नागरिक के दिल में इस दिन का बहुत महत्व है. वर्षों के संघर्ष के बाद भारत को 15 अगस्त को आजादी मिली ,इस दिन भारतीय नागरिकों को अंग्रेजों से पूर्ण स्वतंत्रता मिली और पूर्ण स्वायत्तता प्राप्त हुई.सभी को वर्षगाठ की बधाई.
ravina
 
कानपुर नगर कमिश्नरेट की आईपीएस रवीना त्यागी का कहना है वर्ष 2020 15 अगस्त को भारत में यह आजादी की 74वीं वर्ष गांठ मनाई जा रही है. यह दिन हमें स्वतंत्रता सेनानियों के संघर्षों और स्वतंत्रतो में उनके द्वारा बलिदान किए गए  व  जिस दर्द से वह मुश्किल समय व्यतीत किया है, वह हमें याद दिलाता है.
 
आज हम जिस आजादी का आनंद ले रहे हैं, वह लाखों लोगों का खून बहाकर हासिल की है. यह भारत के प्रत्येक नागरिक के अंदर देशभक्ति की भावना को जगाता है. यह वर्तमान पीढ़ी को उस समय के लोगों के संघर्षों को करीब से समझने का मौका देता है . उन्हें भारत के स्वतंत्रता सेनानियों से परिचित कराता है.सभी नगरवासी  75 सालगिरह धूमधाम से मनाएं.देश भर में आजादी का यह साल ढेरों खुशियां लाए.
mahesh
कानपुर के किदवई नगर विधानसभा से विधायक महेश त्रिवेदी का कहना है , स्वतंत्रता दिवस का अपना महत्व है. 15 अगस्त (स्वतंत्रता दिवस) लोगों में देशभक्ति की भावना पैदा करता है. यह लोगों को एकजुट करता है. उन्हें यह महसूस कराता है कि हम एक राष्ट्र हैं जहां कई अलग-अलग भाषाएं, धर्म और सांस्कृतिक मूल्य हैं.
 
अनेकता में एकता भारत का प्रमुख सारतत्व और शक्ति है. हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश हैं. जहां सत्ता आम आदमी में है. हर साल 15 अगस्त को हम उस दिन को मनाते हैं जब हम एक स्वतंत्र राष्ट्र बन गए. इसका अर्थ है कि हम खुद पर शासन करने के लिए स्वतंत्र थे. किसी और के द्वारा शासित नहीं थे.देश में आजादी की 75 वीं सालगिरह पर भारत सरकार अमृत महोत्सव मना रही है .पूरे साल इस दौरान आजादी के कार्यक्रम होंगे.
hashmi
नगर के मुस्लिम बुद्धजीवी और एमएन जौहर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष हयात जफर हाशमी का कहना है , अंग्रेजों ने भारत में लगभग 200 वर्षों तक शासन किया. ब्रिटिश शासन में जीवन दयनीय था. भारतीयों के साथ गुलाम जैसा व्यवहार किया जाता था.
 
ब्रिटिश सैनिक हमारे साथ अमानवीय व्यवहार करते थे. किसान भूख से मर रहे थे क्योंकि वे फसल नहीं उगा सकते थे. उन्हें भारी भूमि कर देना पड़ता था. आजादी से पहले अंग्रेजों के द्वारा भारतीय नागरिकों पर कई अत्याचार किए गए.उन्हें अपना जीवन व्यतीत करने केी भी कई तरह से स्वतंत्रता प्राप्त नहीं था. हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के द्वारा भारत को आजादी दिलाने के लिए कई संघर्षों का सामना करना पड़ा. आज हम सभी खुली हवा में सांस ले रहे है . कई मामलों में आज भी आजादी के लिए संघर्ष की आवश्यकता है.
 
कानपुर नगर की महिला महापौर प्रमिला पांडेय का कहना है, भारत के प्रसिद्ध नेताओं एवं स्वतंत्रता सेनानियों के द्वारा आजादी के लिए अंग्रेजों से लड़ाई लड़ी गई जिसमें मुख्य रूप से महात्मा गाँधी, भगत सिंह, सरदार पटेल, सुभाष चंद्र बोस जवाहरहरू,दादा भाई नौरोजी, रानी लक्ष्मी बाई, मंगल पांडे, आदि शामिल हैं. महान व्यक्तियों के द्वारा आजादी की लड़ाई लड़ी गई थी. इन महापुरुषों ने आजादी के लिए बलिदान दिया. इन सभी को विनम्र श्रद्धांजलि व  आजादी की वर्षगांठ की सभी कानपुरवासियों को बधाई.ं. देश तरक्की की ओर अग्रसर है .और यो ही आगे बढ़ता रहे.
 
suhail
कानपुर के कैंट विधायक सुहैल अंसारी का कहना है, आजादी के 74 वें जन्मदिवस पर उन्हें प्रेरणा मिलती है . लाखों सेनानियों ने अपने प्राणों की आहुति देकर भारत से अंग्रेजों को भगाया. हमें उन सभी पर गर्व है. उन्हे श्रद्धांजलि.
अब सभी भारतीयों को पूर्ण रूप से पता है कि देश की आजादी के लिए लाखों शहीदों ने जो बलिदान किया है वह जाया नहीं गया.
 
अब ये हम अभी का दायित्व है कि देश का गौरव मान बढ़ाएं . ब्रिटिशों द्वारा भारतीयों को तौर तरीके सीखने के लिए उनसे कुछ भी करा लेते थे जो भारतीयों को समझ नहीं आता था, उन्हें लगता था वो तौर तरीके सिखाने में हमारी मदद कर रहें है. ऐसा करते करते ब्रिटिश भारतीयों पर शासन करने लगे.ब्रिटिशों ने भारतीयों को न केवल शारीरिक बल्कि उन्हें मानसिक रूप से भी परेशान किया.  स्वतंत्रता की सालगिरह पर सभी देशवासियों को बधाई. सभी लोग आपस में मिलजुल कर रहे.