बसंत पंचमीः हिंदुओं ने मुस्लिम बहुल इंडोनेशिया की सरस्वती प्रतिमा के दर्शन किए

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 27-01-2023
बसंत पंचमीः हिंदुओं ने मुस्लिम बहुल इंडोनेशिया की सरस्वती प्रतिमा के दर्शन किए
बसंत पंचमीः हिंदुओं ने मुस्लिम बहुल इंडोनेशिया की सरस्वती प्रतिमा के दर्शन किए

 


राकेश चौरासिया / नई दिल्ली
 
जनसंख्या में विश्व के सबसे बड़े मुस्लिम देश इंडोनेशिया ने अमेरिका स्थित अपने दूतावास के बाहर मां सरस्वती की प्रतिमा स्थापित की है. यह मुस्लिम बहुत इंडोनशिया की सनातन वैदिक हिंदू धर्म के प्रति श्रद्धा को दर्शाता है. भारतीय अमेरिकियों ने बसंत पंचमी के अवसर पर मां सरस्वती की इस प्रतिमा के दर्शन किए. गौरतलब है कि बसंत पंचमी को जश्ने-बहार भी कहा जाता है और हिंदू धर्म में बसंत पंचमी पर मां सरस्वती, लेखनी और पुस्तकों की पूजा करने का पारंपरिक विधान है.

इंडोनेशिया में 26.65 करोड़ मुस्लिम आबादी है और इस नाते वह दुनिया का सबसे बड़ा मुस्लिम बहुल देश है. और इंडोनेशियाई आबादी में हिंदुओं की संख्या महज तीन फीसदी है, जो ज्यादातर बाली द्वीप में रहते हैं. यहां रामलीला भी होते हैं, जिनके पात्र और दर्शक मुस्लिम भी होते हैं. इसके बावजूद इंडोनेशिया को नेतृत्व और लोग बहुत जाहिरा तौर पर तसलीम करते हैं कि उसके पूर्वज सनातन वैदिक हिंदू धर्म के अनुयायी थे और सीता-राम, राधा-कृष्ण, लक्ष्मी- विष्णु, नवदुर्गा और पार्वती-शंकर उनके पूर्वज हैं. परंतु विडंबना यह है कि 79.8 प्रतिशत हिंदू आबादी वाले भारत की सरकार ने एक बार तो प्रभु राम को काल्पनिक ही बता दिया था. किंतु इंडोनेशिया अपने श्रुति इतिहास से बिल्कुल परहेज नहीं करता है. 
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ट्विटर यूजर रवि कुमार यादव ने सोशल मीडिया पर लिखा है, ‘‘विश्व के सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका में विश्व के सबसे बड़े मुस्लिम देश इंडोनेशिया के दूतावास के बाहर माँ सरस्वती की प्रतिमा. बसंत पंचमी पर श्रद्धा के साथ भारतीय संस्कृति की व्यापकता पर गर्व का अनुभव भी करिये.’’
इस बारे में स्वाति बेल्लम लिखती हैं, "वाशिंगटन डीसी में इंडोनेशिया 🇮🇩 दूतावास में देवी सरस्वती। वे दुनिया के सबसे बड़े इस्लामिक राष्ट्र हैं, लेकिन अपने हिंदू अतीत और संस्कृति को नहीं भूले हैं। उम्मीद के मुताबिक भारतीय दूतावास में विशाल गांधी प्रतिमा है और समृद्ध भारतीय संस्कृति या इतिहास के बारे में कुछ भी नहीं है."
वाशिंगटन डीसी में देवी सरस्वती की 16 फुट की मूर्ति 2013 में स्थापित की गई थी. दुनिया में सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी वाले देश इंडोनेशिया ने वाशिंगटन डीसी को शिक्षा और ज्ञान की हिंदू देवी मां सरस्वती की भव्य प्रतिमा भेंट की थी. देवी की मूर्ति, एक कमल के ऊपर, महात्मा गांधी की एक मूर्ति के सामने भारतीय दूतावास से एक ब्लॉक दूर खड़ी है.
 
व्हाइट हाउस से एक मील की दूरी पर प्रतिमा का औपचारिक रूप से उद्घाटन किया गया था. यह प्रतिमा अब शहर के निवासियों और बड़ी संख्या में आने वाले पर्यटकों और खासकर हिंदू भारतीय अमेरिकियों के लिए पहले से ही एक आकर्षण बन गई है.
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अमेरिका में इंडोनेशियाई दूतावास के एक प्रवक्ता के अनुसार, ‘‘देवी सरस्वती हिंदू धर्म में नौ देवियों में से एक हैं. इंडोनेशिया में बाली लोगों के बीच मुख्य रूप से प्रचलित धर्म हिंदू है, जो खुद दुनिया का सबसे बड़ा मुस्लिम-बहुल देश है. फिर भी, इंडोनेशियाई दूतावास में उसका प्रतिनिधित्व केवल किसी धार्मिक आधार पर नहीं, बल्कि इसके प्रतीकात्मक मूल्यों के लिए अधिक था, जो इंडोनेशिया-यूएस के व्यापक साझेदारी के तहत संबंधों, विशेष रूप से शिक्षा और लोगों से लोगों के संपर्क के कई प्रमुख सिद्धांतों के समानांतर है.’’
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प्रतिमा का निर्माण अप्रैल, 2013 के मध्य में शुरू हुआ था. न्योमन सुदरवा के नेतृत्व में पांच मूल बाली द्वीप के मूर्तिकारों द्वारा इसे बनाया गया था, जिन्होंने पांच सप्ताह में प्रतिमा निर्माण का काम पूरा किया था.