सेराज अनवर / पटना
बिहार में कोरोना के कहर को देखते हुए नीतीश सरकार ने सभी धर्मस्थल 30अप्रैल तक के लिए बंद करने का आदेश दिया है. आदेश के बाद मस्जिदों के दरवाजे बंद किए जा रहे हैं . बड़े समूह में सार्वजनिक स्थल पर तरावीह भी स्थगित कर दिए गए हैं. 13 या 14 से रमजान शुरू होना है. इस माकेे पर मस्जिदों के अलावा कई पब्लिक पैलेस में तरावीह का आयोजन होता है.
पटना के सब्जिबाग से सटे अंजुमन इस्लामिया हॉल में सबसे बड़ी तरावीह होती है.बिहार राज्य सुन्नी वक्फ बोर्ड की ओर से आयोजित इस छह रोजा तरावीह में हजारों लोग शिरकत करतें हंै.पक्ष-विपक्ष के कद्दावर सियासी हस्तियां भी यहीं तरावीह पढ़ना पसंद करते हैं. इस बार बिहार के अल्पसंख्यक मंत्री जमा खान ने एलान किया था कि तरावीह होगी तो वो भी अंजुमन में ही पढ़ेंगे.
हालात बदल गए हैं. धर्मस्थल मंदिर-मस्जिद में इबादत पर बंदिश लगा दी गई है.आनन-फानन में अंजुमन इस्लामिया हॉल में सब्जिबाग के मुसलमानों, उलेमा और धार्मिक संगठनों के साथ सुन्नी वक्फ बोर्ड ने एक आपात बैठक कर तरावीह को रद्द करने का फैसला लिया है.
बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि कोरोना की वजह से जो हालात पैदा हुए हैं और सरकार की ओर से गाइडलाईन जारी किए गए हैं ,उसके पसमंजर में अंजुमन में तरावीह का एहतेमाम किया जाना मुनासिब नहीं है. इसलिए इसे स्थगित किया जाता है.
मालूम हो कि तीन दिन पूर्व ही अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमा खान और सुन्नी वक्फ बोर्ड के चेयरमैन मोहम्मद इरशादुल्लाह ने अंजुमन इस्लामिया हॉल के निर्माण कार्यों के जायजे के दौरान ऐलान किया था कि इस साल माह ए मुबारक में नमाज ए तरावीह का एहतेमाम किया जाएगा. इसके ठेकेदारों और अधिकारियों को साफ-सफाई का आदेश दिया गया था.
इरशादुल्लाह ने आवाज द वॉयस से कहा-‘मौजूदा हालात में नमाज ए तरावीह का एहतेमाम मुल्तवी किया जा रहा है.’लेकिन यह हमलोगों के लिए बेहद मायूसकुन है.हमलोग इस बात की दुआ करें कि हालात जल्द से जल्द सामान्य हो जाएं और सभी को इस आलमी वबा से निजात मिले.
बैठक में इदारा ए शरिया के नाजिम ए आला सना उल्लाह रिजवी,मुफ्ती अमजद रजा,अधिवक्ता और सियासी-सामाजिक कार्यकर्ता आफाक अहमद खान,युवा मुस्लिम नेता मुमताज अहमद,पटना जिला अवकाफ कमेटी के अध्यक्ष अब्दुल बाकी,सचिव मोहम्मद उमर,पत्रकार इमरान सगीर,अनवारुल होदा,मशहूर जेवलर्स मोहम्मद आजम,हाजी मोहम्मद मोइन आदि मौजूद थे.