नई दिल्ली
रेलवे, सूचना एवं प्रसारण, और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार को सोनिक इंटीग्रेटेड लॉजिस्टिक्स हब का वर्चुअल उद्घाटन किया और दो नई डोर-टू-डोर माल और पार्सल सेवाओं को हरी झंडी दिखाई।
मंत्री ने कहा कि डोर-टू-डोर सेवाएं देश के लिए बेहद आवश्यक हैं, क्योंकि इससे लॉजिस्टिक्स की लागत में भारी कमी आएगी और प्रक्रिया में दक्षता भी बढ़ेगी। अब उद्योगों को पूरा रेक भरने की आवश्यकता नहीं, वे अपनी आवश्यकता अनुसार सीमित कंटेनर भी गंतव्य तक भेज सकते हैं।
उन्होंने बताया कि भारतीय रेलवे अब फैक्ट्रियों और ट्रेन लोडिंग/अनलोडिंग प्वाइंट्स के बीच की दूरी को पाटने का काम करेगा। गुड्स शेड्स और लॉजिस्टिक्स टर्मिनल पर कंटेनरों को भरने और खाली करने की सुविधा दी जाएगी ताकि ग्राहक नई सेवा का पूरा लाभ उठा सकें।
वैष्णव ने यह भी कहा कि सोनिक भारत का पहला ऐसा लॉजिस्टिक्स हब बन गया है जो इस तरह की सेवा दे रहा है। ‘गति शक्ति कार्गो टर्मिनल’ योजना के तहत अब तक 115 मल्टीमॉडल टर्मिनल विकसित किए गए हैं, जिससे ग्राहकों को व्यापक लाभ मिलेगा।
शुरुआत मुंबई-कोलकाता कॉरिडोर से हो रही है और जल्द ही यह सेवाएं देश के और शहरों में विस्तारित होंगी। मंत्री ने बताया कि एक प्रयोग कृषि उपकरणों जैसे ट्रैक्टर को सस्ती दरों पर पहुंचाने में सफल रहा है — जैसे कारों के लिए विशेष कोच होते हैं, वैसे ही अब ट्रैक्टर और JCB जैसी भारी मशीनों के लिए भी व्यवस्था की जा रही है।
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन और सीईओ सतीश कुमार ने कहा कि"डोर-टू-डोर डिलीवरी रेलवे लॉजिस्टिक्स की दिशा में एक नई क्रांति है। अब रेलवे सिर्फ मालवाहक नहीं, बल्कि समग्र लॉजिस्टिक्स सेवा प्रदाता बन रहा है। यह ‘विकसित भारत’ के विजन के अनुरूप है।”
भारत की रेलवे दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी मालवहन करने वाली प्रणाली है, जो सालाना 1.6 अरब टन माल ले जाती है।
स्थान: लखनऊ से 50 किमी और कानपुर से 20 किमी दूर, रणनीतिक रूप से स्थित है।
सेवाएं: कानपुर और लखनऊ क्षेत्र की लॉजिस्टिक आवश्यकताओं को पूरा करेगा, जिसमें डोर-टू-डोर डिलीवरी, इन्वेंट्री प्रबंधन और कार्गो वितरण शामिल हैं।
प्रबंधन: कंटेनर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (CONCOR) संचालन करेगा और पहले और अंतिम मील की कनेक्टिविटी सुनिश्चित करेगा।
माल की किस्म: उर्वरक, अनाज, सीमेंट और ट्रैक्टर सहित विविध वस्तुएं।
बुनियादी ढांचा: आधुनिक गोदाम, सुविधाजनक डोर-टू-डोर सेवा और श्रमिकों के लिए आवश्यक सुविधाएं।
उद्देश्य: निश्चित ट्रांजिट समय के साथ सड़क परिवहन का विश्वसनीय विकल्प।
मार्ग: दिल्ली, आगरा, कानपुर और कोलकाता को जोड़ता है।
विशेषताएं:
निश्चित ट्रांजिट समय: 120 घंटे।
प्रस्थान: हर बुधवार और शनिवार (सप्ताह में दो बार)।
लोडिंग/अनलोडिंग पॉइंट्स: तुगलकाबाद (दिल्ली), आगरा, कानपुर, कोलकाता।
बुकिंग विकल्प: डोर-टू-डोर, डोर-टू-टर्मिनल, टर्मिनल-टू-डोर, टर्मिनल-टू-टर्मिनल।
डिजिटल सेवा: CONCOR e-Logistics मोबाइल ऐप के माध्यम से सेवा की बुकिंग और प्रबंधन आसान।
सेवा मॉडल:
पहला चरण (First Mile): CONCOR के प्रमाणित साझेदारों द्वारा।
मध्य चरण (Middle Mile): रेलवे की पार्सल ट्रेन (48–60 घंटे का रनटाइम)।
अंतिम चरण (Last Mile): फिर से CONCOR साझेदार द्वारा अंतिम डिलीवरी।
मार्ग: मुंबई (भिवंडी रोड) से कोलकाता (सांकरैल), 1930 किमी।
ग्राहक:
Castrol India (लुब्रिकेंट्स)
VIP Industries (बैग)
Godrej & Boyce (रेफ्रिजरेटर व अन्य उपभोक्ता वस्तुएं)
Nestle (FMCG)
सुविधा: मुंबई और कोलकाता दोनों में 5400 सीएफटी कार्गो भंडारण सुविधा।
लाभ:
लॉजिस्टिक लागत में 7.5% की कमी
ट्रांजिट समय में लगभग 30% की बचत
यह पहल भारतीय रेलवे को पारंपरिक मालवाहन से लॉजिस्टिक्स सेवा के पूर्ण समाधान प्रदाता के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।