आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
स्थानीय शेयर बाजार में मंगलवार को लगातार तीसरे दिन गिरावट आई और बीएसई सेंसेक्स 58 अंक नीचे आ गया। वहीं एनएसई निफ्टी 33 अंक के नुकसान में रहा। अमेरिकी एच-1बी वीजा शुल्क काफी बढ़ाये जाने के बीच आईटी तथा प्रमुख कंपनियों के शेयरों में बिकवाली तथा विदेशी पूंजी निकासी के बीच बाजार में गिरावट आई.
उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में 30 शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसक्स 57.87 अंक यानी 0.07 प्रतिशत की गिरावट के साथ 82,102.10 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह ऊंचे में 82,370.38 अंक तक गया और नीचे में 81,776.53 अंक तक आया.
पचास शेयरों पर आधारित एनएसई निफ्टी 32.85 अंक यानी 0.13 प्रतिशत की गिरावट के साथ 25,169.50 अंक पर बंद हुआ.
विश्लेषकों के अनुसार, वाहन और चुनिंदा सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के शेयरों में लिवाली ने नुकसान को कम किया.
सेंसेक्स की कंपनियों में ट्रेंट, टेक महिंद्रा, हिंदुस्तान यूनिलीवर, अल्ट्राटेक सीमेंट, एशियन पेंट्स, इटर्नल और आईटीसी प्रमुख रूप नुकसान में रहीं.एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक के शेयरों में बिकवाली से भी प्रमुख सूचकांक नीचे आए।
दूसरी तरफ, लाभ में रहने वाले शेयरों में एक्सिस बैंक, बजाज फाइनेंस, मारुति और भारतीय स्टेट बैंक शामिल हैं.
जियोजीत इन्वेस्टमेंट्स लि. के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘घरेलू शेयर बाजार में कारोबार सीमित दायरे में रहा और अंत में यह लगभग स्थिर बंद हुआ। यह दर्शाता है कि निवेशक बाजार से दूरी बनाकर रहे। व्यापक धारणा सतर्क रही और छोटी और मझोली कंपनियों के शेयर मानक सूचकांकों से पीछे रहे.
नायर ने कहा कि जीएसटी कटौती के बाद त्योहारी मांग में मजबूती के संकेतों के बीच क्षेत्रवार देखा जाए तो वाहन, धातु और वित्तीय शेयरों में तेजी आई, जबकि एफएमसीजी (दैनिक उपयोग का सामान बनाने वाली कंपनियों) और रियल्टी शेयरों पर मुनाफावसूली का दबाव रहा.