आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
नई दिल्ली, 24 जून 2025: इजरायल और ईरान के बीच चले आ रहे तनाव के बीच जैसे ही अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से दोनों देशों के बीच सीजफायर की घोषणा हुई, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर राहत की लहर दौड़ पड़ी. इसका सीधा असर भारत के शेयर बाजार पर भी देखने को मिला, जहां मंगलवार को मार्केट ने ज़बरदस्त उछाल के साथ कारोबार की शुरुआत की.
भारतीय निवेशकों के चेहरे खिल उठे जब बाजार खुलते ही बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स और निफ्टी ने दमदार शुरुआत की. सेंसेक्स ने 900 अंकों की छलांग लगाई, तो निफ्टी भी 270 अंकों की मजबूती के साथ खुला. यह तेजी निवेशकों के लिए राहत भरा संकेत है, खासकर तब जब सोमवार को बाजार गिरावट के साथ बंद हुआ था.
सेंसेक्स और निफ्टी की धमाकेदार ओपनिंग
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स मंगलवार को 82,534.61 अंकों के स्तर पर खुला, जबकि सोमवार को इसमें 511 अंकों की गिरावट दर्ज की गई थी। दूसरी ओर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी भी 270 अंकों की उछाल के साथ खुला. इससे साफ है कि निवेशकों के बीच अंतरराष्ट्रीय तनाव कम होने की खबर ने भरोसा लौटाया है.
अंतरराष्ट्रीय संकेतों ने दी मजबूती
अमेरिका से लेकर एशिया तक के बाजारों में राहत के संकेत पहले से ही देखने को मिल रहे थे. बीते दिन अमेरिका के शेयर बाजार भी मजबूती के साथ बंद हुए। Dow Jones में 374.96 अंकों की तेजी दर्ज की गई, वहीं S&P में करीब 0.51 प्रतिशत और Nasdaq में 183.56 अंकों का उछाल आया. इन अंतरराष्ट्रीय संकेतों ने भारतीय बाजार में भी सकारात्मक माहौल तैयार किया.
इजरायल और ईरान के बीच जारी तनाव के कारण निवेशक लगातार सतर्कता बरत रहे थे और बाजार में अनिश्चितता बनी हुई थी. लेकिन जैसे ही युद्धविराम की घोषणा हुई, बाजार में जोखिम लेने की प्रवृत्ति बढ़ी और निवेशकों ने खरीदारी शुरू कर दी। इससे बाजार में नई ऊर्जा का संचार हुआ.
क्या है आगे की राह?
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर सीजफायर स्थायी रूप से बना रहता है और वैश्विक स्तर पर तनाव नहीं बढ़ता, तो भारतीय बाजार में यह तेजी बनी रह सकती है. साथ ही घरेलू आर्थिक संकेतकों में मजबूती, मानसून की सामान्य स्थिति और विदेशी निवेश में बढ़ोतरी जैसे कारक भी बाजार को सपोर्ट दे सकते हैं.
हालांकि, बाजार विशेषज्ञों ने यह भी चेताया है कि निवेशकों को अभी भी सतर्क रहना चाहिए, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय मामलों में स्थिरता पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है. विदेशी निवेशकों की गतिविधियां, कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव और डॉलर के मुकाबले रुपया जैसी चीजें भी बाजार की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाएंगी.
कुल मिलाकर, इजरायल-ईरान के बीच युद्धविराम ने निवेशकों को थोड़ी राहत दी है और बाजार में एक नई तेजी की शुरुआत का संकेत मिला है. सेंसेक्स और निफ्टी की आज की उड़ान यही दर्शाती है कि जब वैश्विक तनावों में कमी आती है, तो आर्थिक संभावनाएं भी उज्जवल होती हैं. निवेशकों के लिए यह समय उम्मीद की नई किरण लेकर आया है, लेकिन साथ ही यह भी जरूरी है कि वे रणनीतिक दृष्टिकोण अपनाएं और बाजार की चाल पर नज़र बनाए रखें.