कोलकाता
रेटिंग एजेंसी क्रिसिल की एक ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका के साथ प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) के चलते भारत का वस्तु व्यापार अधिशेष घट सकता है।
भारत सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2024-25 में अमेरिका के साथ भारत का व्यापार अधिशेष 41.18 अरब अमेरिकी डॉलर रहा। हालांकि, बीटीए लागू होने के बाद भारत द्वारा अमेरिका से ऊर्जा, कुछ कृषि उत्पाद और रक्षा उपकरणों जैसे क्षेत्रों में आयात बढ़ने की संभावना है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका पहले से ही भारत का सबसे बड़ा निर्यात साझेदार है, लेकिन स्मार्टफोन, दवा, वस्त्र, रत्न और आभूषण जैसे श्रम-प्रधान क्षेत्रों में अभी भी निर्यात बढ़ाने की गुंजाइश है।
अमेरिका ने अप्रैल 2025 में भारत समेत कुछ देशों पर जवाबी शुल्क लगाने की घोषणा की थी, लेकिन 10 अप्रैल से 90 दिनों के लिए शुल्क वृद्धि पर रोक लगा दी गई, जिससे व्यापार समझौते पर बातचीत की राह खुली।
भारत और अमेरिका के बीच बीटीए पर बातचीत चल रही है, और इसके पहले चरण के इस वर्ष सितंबर तक पूरा होने की उम्मीद है।
क्रिसिल की रिपोर्ट में चेताया गया है कि भारत को बीटीए के बाद अमेरिका से आयात बढ़ने के लिए तैयार रहना चाहिए, क्योंकि भारत में आयात शुल्क अमेरिका की तुलना में काफी अधिक हैं। इन शुल्कों में कटौती से अमेरिकी निर्यातकों को बड़ा लाभ मिलेगा।
हालांकि, भारत के निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि की संभावना कम है, क्योंकि अमेरिकी प्रशासन का फोकस भारत के साथ अपने व्यापार घाटे को कम करने पर है और भारत के अधिकांश प्रमुख निर्यात पहले से ही शुल्क मुक्त हैं।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि अमेरिका न केवल विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, बल्कि सबसे बड़ा आयातक देश भी है।