कोलकाता
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि वैश्विक अस्थिरता के बावजूद भारत 2027 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में मजबूती से अग्रसर है। उन्होंने कहा कि यह लक्ष्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और राष्ट्रीय एकजुटता के कारण संभव हो रहा है।
मर्चेंट्स चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (MCCI) द्वारा आयोजित एक वर्चुअल सत्र को संबोधित करते हुए गोयल ने कहा कि पिछले एक दशक के आर्थिक सुधार परिवर्तनकारी रहे हैं, केवल मामूली बदलाव नहीं।
“हम अगले तीन वर्षों में 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य को हासिल कर लेंगे। यह ‘विकसित भारत 2047’ की दिशा में पहला बड़ा मील का पत्थर होगा,” गोयल ने मंगलवार को कहा।
"मौका है भारत का, हमें इसे गंवाना नहीं चाहिए"
वैश्विक आर्थिक उतार-चढ़ाव और भूराजनैतिक चुनौतियों के बीच गोयल ने कहा कि भारत को इन अशांत हालात से एकता और संकल्प के साथ पार पाना होगा।
“महान अर्थव्यवस्थाएं शांत समुद्र में नहीं बनतीं। यह भारत का समय है। हमें यह मौका पहचानकर दुनिया के अग्रणी देशों की कतार में शामिल होना है।”
भारत ‘फ्रैजाइल फाइव’ से ‘टॉप फाइव’ तक पहुंचा
गोयल ने कहा कि भारत अब उस दौर से बहुत आगे निकल चुका है जब उसे 'फ्रैजाइल फाइव' देशों में गिना जाता था। अब वह दुनिया की शीर्ष पांच अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो गया है। उन्होंने बताया कि भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 698 अरब डॉलर तक पहुंच गया है, बैंकिंग प्रणाली मजबूत है और मुद्रास्फीति का स्तर आज़ादी के बाद के न्यूनतम औसत पर है।
प्रधानमंत्री की संवेदनशीलता और वैश्विक नेतृत्व
गोयल ने ईरान और यूक्रेन जैसे संघर्षग्रस्त क्षेत्रों में भारतीय नागरिकों की त्वरित निकासी के प्रयासों का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी नागरिकों के कल्याण को सर्वोपरि मानते हैं।
आपातकाल और आज की स्थिरता का फर्क
1975 में लगाए गए आपातकाल का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि आज का भारत एक स्थिरता का ओएसिस (नखलिस्तान) है, जबकि विश्वभर में अस्थिरता का माहौल है।
मजबूत एफटीए और MSMEs को फायदा
उन्होंने सरकार द्वारा यूके, ऑस्ट्रेलिया और यूरोपीय संघ जैसे विकसित देशों के साथ किए जा रहे फ्री ट्रेड एग्रीमेंट्स (FTAs) की चर्चा की और कहा कि ये भारत के निर्यातकों और MSME सेक्टर के लिए बड़े अवसर ला रहे हैं।
“हम कमजोर या प्रतिस्पर्धी अर्थव्यवस्थाओं से नहीं, बल्कि विकसित देशों से एफटीए कर रहे हैं। ये साझेदारियां हमारे उद्योग के लिए जबरदस्त अवसर लेकर आती हैं।”
AI और तकनीकी क्षेत्र में भारत तैयार
गोयल ने कहा कि भारत कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), क्वांटम कंप्यूटिंग और 3डी प्रिंटिंग जैसे क्षेत्रों में अग्रणी बनने की तैयारी में है। उन्होंने युवाओं से इन क्षेत्रों में रोजगार की संभावनाएं तलाशने को कहा।
“हमें नौकरी जाने से डरने के बजाय नई नौकरियों के सृजन की संभावनाओं पर ध्यान देना चाहिए। सरकार NASSCOM जैसी संस्थाओं के साथ मिलकर युवाओं को एआई स्किल्स से लैस कर रही है।”
उद्योगों से नवाचार और निर्यात पर जोर
अंत में गोयल ने उद्योगपतियों से आग्रह किया कि वे उत्पादन का पैमाना बढ़ाएं, नवाचार आधारित निर्यात को प्राथमिकता दें और नए वैश्विक बाजारों में कदम रखें।
“यह एक शुभ चक्र है—जितना ज्यादा पैमाना, उतनी प्रतिस्पर्धा; और जितनी प्रतिस्पर्धा, उतना निर्यात और समृद्धि। भारत की विकास गाथा हम सबकी है,” उन्होंने कहा।