आवाज द वाॅयस / गुरुग्राम
दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान से पहला घातक बर्ड फ्लू मामला सामने आने के बाद, जो गुरुग्राम के चक्करपुर गाँव से आया था, यहां केस्वास्थ्य और पशुपालन विभाग हरकत में आ गए हैं. एहतियात के तौर पर एक सर्वेक्षण शुरू किया है.
सभी पोल्ट्री फार्मों की जांच के लिए जिले में करीब 28 टीमों का गठन किया गया है.चक्करपुर गांव के आसपास 10 किलोमीटर के दायरे में सर्वे किया जा रहा है. लोगों को बर्ड फ्लू के लक्षणों के प्रति जागरूक किया जा रहा है.
पशुपालन विभाग की उप निदेशक पुनीता गहलावत ने कहा कि एम्स में जिस 11 वर्षीय बच्चे की मौत हुई वह गुरुग्राम के चक्करपुर गांव का रहने वाला था. एम्स दिल्ली द्वारा बच्चे के बर्ड फ्लू से पीड़ित होने की पुष्टि के बाद चक्करपुर गांव और आसपास के क्षेत्रों में सर्वेक्षण शुरू किया गया.
जिले के पोल्ट्री फार्मों की भी पशुपालन विभाग द्वारा लगातार जाँच की जा रही है. वर्तमान में जिले में करीब 20 पोल्ट्री फार्म हैं. इनकी जांच के लिए टीमों का गठन किया गया है. चक्करपुर गांव और आसपास के 10 किलोमीटर के दायरे में सर्वे के लिए अलग-अलग 17 टीमें काम कर रही हैं. इसके अलावा जिले के सभी पोल्ट्री फार्मों की जांच के लिए 28 टीमों का गठन किया गया है.
मंजीता नाथ दास, सलाहकार - आंतरिक चिकित्सा, कोलंबिया एशिया अस्पताल, गुरुग्राम ने कहा कि हाल में 11 साल के बच्चे की मौत से लोगों में दहशत है. पक्षियों के लिए घातक और वाहक के संपर्क में आने वाले मनुष्यों और अन्य जानवरों को आसानी से प्रभावित कर सकता है. वर्तमान में, वायरस मानव संपर्क के माध्यम से मनुष्यों से फैलने के लिए नहीं जाना जाता है, लेकिन मनुष्यों के लिए एक महामारी का खतरा बनने का जोखिम पैदा कर सकता है.
गुरुग्राम के उपायुक्त यश गर्ग ने जनता से अपील करते हुए कहा कि बीमार या मृत पक्षियों की सूचना तत्काल पशुपालन विभाग को दी जाए.अच्छी तरह से पका हुआ चिकन या अंडे खाने में कोई बुराई नहीं है,क्योंकि विशेषज्ञों के अनुसार 70 डिग्री तापमान पर वायरस नष्ट हो जाता है. प्रशासन ने पोल्ट्री किसानों और पोल्ट्री व्यवसाय से जुड़े लोगों के लिए एक एडवाइजरी भी जारी की है.