नई दिल्ली
देश के बैंकों की वित्तीय स्थिति लगातार मजबूत हो रही है। CareEdge Ratings की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही में गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (NPAs) में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है। अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों का ग्रॉस NPA (GNPA) अनुपात घटकर 2.1% पर आ गया है, जो पिछले वर्ष 2.6% था। कुल GNPA में भी 11.1% की गिरावट होकर यह ₹4.05 लाख करोड़ रह गया।
रिपोर्ट में कहा गया कि मजबूत रिकवरी, स्वस्थ अपग्रेड्स, नए फिसलाव में कमी और लगातार write-off एवं ARC बिक्री जैसे कदमों ने सम्पत्ति गुणवत्ता को बेहतर बनाया है। नेट NPA (NNPA) अनुपात भी लगातार तीसरी तिमाही में 0.5% पर स्थिर रहा, जो Q2FY25 में 0.6% था। NNPA मूल्य में 9.9% साल-दर-साल गिरावट होकर यह ₹0.88 लाख करोड़ पर आ गया।
तिमाही-दर-तिमाही आधार पर, SCBs के GNPA और NNPA में क्रमशः 4.2% और 5.1% की गिरावट दर्ज की गई। यह कम फिसलाव, उच्च रिकवरी, ज्यादा अपग्रेड और ARC के माध्यम से बढ़ती समाधान गतिविधियों का परिणाम है, जिससे पूरे बैंकिंग सिस्टम में संपत्ति गुणवत्ता में निरंतर सुधार दिखा।
रिपोर्ट के अनुसार पब्लिक सेक्टर बैंकों में भी सभी सेगमेंट में GNPAs की हिस्सेदारी में गिरावट देखी गई है। यह ताजा फिसलाव में कमी, लगातार write-off और विशेष रूप से रिटेल लेंडिंग में मजबूत अंडरराइटिंग नॉर्म्स के कारण संभव हुआ है।
क्रेडिट ग्रोथ के मोर्चे पर, Q2FY26 में 11.7% की वृद्धि दर्ज की गई, जो जमा वृद्धि 9.7% से अधिक है। हालांकि वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में जमा संग्रह बढ़ने की उम्मीद है, कुल क्रेडिट वृद्धि सामान्य रहने की संभावना व्यक्त की गई है।
CareEdge Ratings ने अनुमान लगाया कि बैंकिंग क्षेत्र की संपत्ति गुणवत्ता मजबूत बनी रहेगी और FY26 के अंत तक GNPA अनुपात 2.3-2.4% के दायरे में रहने की संभावना है।
हालांकि, रिपोर्ट ने चेतावनी भी दी कि लो-टिकट अनसिक्योर्ड पर्सनल लोन तथा माइक्रोफाइनेंस सेगमेंट में जोखिम बरकरार हैं। साथ ही, अमेरिका की टैरिफ नीतियों, वैश्विक आर्थिक सुस्ती और घरेलू नियामकीय कदमों के असर से भविष्य में क्रेडिट वृद्धि और संपत्ति गुणवत्ता पर दबाव पड़ सकता है।