Investor wealth increased by Rs 30.20 lakh crore due to good growth in the stock market in 2025.
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
विदेशी निवेशकों की निकासी, शुल्क से जुड़ी अनिश्चितताएं, ऊंचे मूल्यांकन और रुपये की कमजोरी जैसी कई चुनौतियों के बावजूद बीएसई के मानक सूचकांक सेंसेक्स में आठ प्रतिशत से अधिक की बढ़त से इस साल दलाल स्ट्रीट के निवेशकों की संपत्ति 30.20 लाख करोड़ रुपये बढ़ गई।
विश्लेषकों ने कहा कि तमाम प्रतिकूलताओं के बावजूद मजबूत घरेलू निवेशक समर्थन और सुदृढ़ व्यापक आर्थिक स्थिति, खासकर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर में तेज से शेयर बाजारों ने मजबूत प्रदर्शन किया।
इनक्रेड वेल्थ के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) नितिन राव ने कहा, ‘‘ विदेशी निवेशकों की निकासी एक चुनौती बनी रही, इसके बावजूद बाजार की मजबूती स्पष्ट दिखी। 2025 में भारतीय बाजार के प्रमुख कारकों में मजबूत घरेलू निवेशक समर्थन शामिल रहा।’’
बीएसई का 30 शेयर आधारित सेंसेक्स 29 दिसंबर तक 6,556.53 अंक यानी 8.39 प्रतिशत चढ़ा। एक दिसंबर को इसने 86,159.02 के अपने सर्वकालिक उच्च स्तर को छुआ।
इस साल अब तक बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण 30,20,376.68 करोड़ रुपये बढ़कर 4,72,15,483.12 करोड़ रुपये (करीब 5250 अरब अमेरिकी डॉलर) हो गया।
बीएसई में शामिल कंपनियों का बाजार पूंजीकरण पिछले साल अप्रैल में पहली बार 400 लाख करोड़ रुपये के स्तर को पार कर गया था।
एनरिच मनी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी पोन्मुदी आर. ने कहा कि 2025 को भारतीय शेयरों के लिए समेकन और बदलाव का वर्ष कहा जा सकता है।
उन्होंने कहा, ‘‘ कई वर्षों तक दोहरे अंक के मजबूत ‘रिटर्न’ के बाद इस साल मानक सूचकांकों में अपेक्षाकृत सीमित बढ़त रही। सेंसेक्स और निफ्टी में साल भर में करीब 8-10 प्रतिशत की वृद्धि हुई। वैश्विक प्रतिकूलताओं, विदेशी पूंजी की निकासी और मूल्यांकन में सुधार के बीच यह प्रदर्शन उल्लेखनीय रहा।’’
स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा कि घरेलू स्तर पर बाजारों को कमजोर कॉरपोरेट आय वृद्धि, ऊंचे मूल्यांकन, रुपये की कमजोरी और विदेशी संस्थागत निवेशकों की लगातार निकासी का सामना करना पड़ा जिससे स्थिर व्यापक आर्थिक पृष्ठभूमि के बावजूद धारणा सतर्क बनी रही।