नई दिल्ली
भारत के वस्तु निर्यात ने चीन के साथ व्यापार में जबरदस्त उछाल दिखाया है। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल से नवंबर 2025 तक भारत का चीन के लिए निर्यात पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 32.83% बढ़कर 12.22 अरब डॉलर हो गया, जबकि अप्रैल-नवंबर 2024 में यह 9.20 अरब डॉलर था।
इस वृद्धि से इस वित्तीय वर्ष में निर्यात मांग और प्रदर्शन में मजबूती का संकेत मिलता है। अप्रैल में निर्यात 1.39 अरब डॉलर से शुरू हुआ, मई में बढ़कर 1.62 अरब डॉलर हुआ। वर्ष के मध्य में थोड़ी गिरावट के बाद सितंबर से निर्यात ने फिर तेजी पकड़ी। सितंबर में 1.46 अरब डॉलर से बढ़कर अक्टूबर में 1.63 अरब डॉलर और नवंबर में 2.20 अरब डॉलर तक पहुँच गया।
पिछले वर्ष 2024-25 में निर्यात अपेक्षाकृत धीमा रहा था। अप्रैल में 1.25 अरब डॉलर से शुरू होकर अगस्त में घटकर 0.99 अरब डॉलर और नवंबर में 1.16 अरब डॉलर तक पहुंचा।
साथ ही, भारत का अमेरिका के लिए निर्यात भी तेज़ी से बढ़ा। नवंबर 2025 में अमेरिका को निर्यात 6.92 अरब डॉलर रहा, जो पिछले साल की 5.71 अरब डॉलर की तुलना में 21% अधिक है। अक्टूबर में अमेरिका के लिए निर्यात लगभग 9% घटकर 6.31 अरब डॉलर था।
मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, नवंबर 2025 में भारत का व्यापार घाटा 24.53 अरब डॉलर पर आया, जो अक्टूबर में 41.68 अरब डॉलर था। कुल व्यापार (वस्तु एवं सेवा) में निर्यात नवंबर 2025 में 73.99 अरब डॉलर दर्ज किया गया, जो पिछले वर्ष के 64.05 अरब डॉलर से अधिक है।
आयात मामूली घटकर 80.63 अरब डॉलर रहा, जिससे कुल व्यापार घाटा नवंबर 2025 में 6.64 अरब डॉलर पर आ गया, जो नवंबर 2024 में 17.06 अरब डॉलर था।यह आंकड़े भारत के निर्यात में मजबूती और व्यापार घाटे में उल्लेखनीय कमी का स्पष्ट संकेत हैं।






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