भारत डब्ल्यूआईपीओ के विश्व इनोवेशन सूचकांक में 40वें रैंक पर पहुंचा, 7 साल में 41 पायदान चढ़ा

Story by  मंजीत ठाकुर | Published by  [email protected] | Date 30-09-2022
भारत डब्ल्यूआईपीओ के विश्व इनोवेशन सूचकांक में 40वें रैंक पर
भारत डब्ल्यूआईपीओ के विश्व इनोवेशन सूचकांक में 40वें रैंक पर

 

मंजीत ठाकुर/ नई दिल्ली

भारत तेजी से एक ज्ञान अर्थव्यवस्था में बदल रहा है.पिछले पांच वर्षों में घरेलू पैटेंट दायर करने की दर में 46 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है इसके साथ ही भारत ने विश्व इनोवेशन इंडेक्स (जीआईआई) में 2015 के 81वें स्थान से आज 2022 में 40वें स्थान पर पहुंचने के लिए एक लंबा रास्ता तय किया है.

इस बारे में केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योगमंत्री पीयूष गोयल ने कहा, ‘‘पिछली बार जब रैंकिंग की गई थी, तो हम 46वें स्थान पर थे. हमने पिछले कुछ वर्षों में आईसीटी सेवाओं के निर्यात में भी प्रथम स्थान बनाये रखा है.”

गोयल ने कहा कि जीआईआई ने खुद को दुनिया भर की सरकारों के लिए नीतियों एवं उनके प्रभाव को प्रतिबिंबित करने के एक माध्यम के रूप में स्थापित किया है. उन्होंने कहा, ‘‘जीआईआई ने पिछले कुछ वर्षों से सरकार और उद्योग द्वारा एकजुट होकर काम करने के जरिये उठाये गए प्रगतिशील कदमों के कारण भारत के निरंतर विकास को मान्यता दी है.’’ 

उन्होंने कहा कि भारत आज जीआईआई सूचकांक में अपनी रैंकिंग को शीर्ष 25 में ले जाने की आकांक्षा रखता है.

गोयल ने कहा कि भारत ने डब्ल्यूएचओ के सहयोग से अपनी तरह का पहला वैश्विक पारंपरिक चिकित्सा केंद्र स्थापित किया है जो भारत के प्राचीन वैज्ञानिक कौशल का प्रतिनिधित्व करता है. उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे ‘ज्ञान अर्थव्यवस्था’ का महत्व बढ़ रहा है, इनोवेशन भारत में विकास के लिए रूपरेखा तैयार कर रहा है.

गोयल ने कहा कि भारत आज तीसरा सबसे बड़ा स्टार्ट अप इकोसिस्टम है और यहां 100 से अधिक यूनिकॉर्न हैं. उन्होंने कहा, ‘‘स्टार्ट अप क्रांति पूरे देश में फैल चुकी है. आधे से अधिक स्टार्ट अप्स सुदूर के छोटे शहरों से हैं.’’

गोयल ने कहा कि भारत ने 2015 में ‘डिजिटल इंडिया’ की यात्रा का सूत्रपात किया था और उसने अगले कुछ वर्षों के दौरान एक ट्रिलियन डॉलर की डिजिटल अर्थव्यवस्था का लक्ष्य निर्धारित किया है. उन्होंने बताया, ‘‘सरकार की पहलों तथा सार्वजनिक सेवाओं के डिजिटाइजेशन पर हमारा निरंतर फोकस रहा है.’’ 

पिछले वर्ष भारत में 40 प्रतिशत वैश्विक रियल टाइम डिजिटल लेनदेन हुए. उन्होंने इस बारे में कहा, ‘‘नवोन्मेषण को और अधिक सुदृढ़ बनाने के लिए, हमने राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की है जो इनक्यूबेशन तथा प्रौद्योगिकी विकास केंद्रों की स्थापना के माध्यम से पूछताछ की भावना को बढ़ावा देता है. उन्होंने कहा, 9000 से अधिक अटल टिकरिंग लैब्स के साथ, हम युवाओं को समाज की समस्याओं के समाधान का विकास करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं.’’