आवाज द वाॅयस /नई दिल्ली
भाविश अग्रवाल के नेतृत्व वाली ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी ने वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में ₹428 करोड़ का कंसोलिडेटेड नेट लॉस दर्ज किया है, जो पिछले साल इसी अवधि में ₹347 करोड़ था। कंपनी की परिचालन आय इस बार घटकर ₹828 करोड़ रह गई, जो कि एक साल पहले ₹1,644 करोड़ थी — यानी करीब 50% की गिरावट। तिमाही के दौरान ओला का EBITDA घाटा ₹237 करोड़ रहा, जबकि पिछले साल इसी तिमाही में यह ₹205 करोड़ था।
इन कमजोर नतीजों के बावजूद, कंपनी के शेयर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर सकारात्मक प्रतिक्रिया के साथ ₹41.92 प्रति शेयर पर ट्रेड कर रहे थे, जो 5.33% की बढ़त को दर्शाता है। कंपनी ने कहा कि उसका ऑटो सेगमेंट अब लगभग कैश न्यूट्रल हो चुका है और ऑपरेशनल खर्चों व वर्किंग कैपिटल में संरचनात्मक सुधार किए गए हैं।
ओला ने बताया कि उसकी नई लॉन्चिंग्स को बाज़ार में अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है। खासतौर पर, Gen 3 स्कूटर्स की डिमांड तेज़ी से बढ़ रही है, बाइक सेगमेंट में भी यूज़र्स की रुचि दिख रही है, और MoveOS+ जैसे डिजिटल सॉल्यूशंस हाई-मार्जिन रेवेन्यू ला रहे हैं। इसके अलावा, कंपनी ने रेयर अर्थ मैग्नेट्स और ABS से जुड़े रिस्क के लिए इन-हाउस समाधान भी तैयार कर लिए हैं।
तकनीकी दृष्टि से, ओला की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक उसका स्वदेशी रूप से विकसित 4680 ‘भारत सेल’ है, जिसका उत्पादन इस नवरात्रि से शुरू होगा और यही बैटरियां अब वाहनों को ऊर्जा देंगी। कंपनी को उम्मीद है कि FY26 के अंत तक वह मौजूदा 1.4 GWh बैटरी क्षमता का पूरा इस्तेमाल कर लेगी और शेष इंस्टॉलेशन पूरा कर 5 GWh की क्षमता तक पहुंच जाएगी। FY27 तक वह इस उत्पादन स्तर पर 5 GWh की खपत को भी स्केल कर सकेगी।
इसके साथ ही, कंपनी ने हेवी रेयर अर्थ फ्री (HRE-free) मोटर्स का भी सफल विकास किया है, जिन्हें Q3 FY26 में प्रोडक्शन में उतारा जाएगा। ओला ने यह भी बताया कि बीते दो तिमाहियों में उसने अपनी रणनीति में बदलाव करते हुए आक्रामक विस्तार से हटकर संतुलित और लाभकारी विकास की दिशा में कदम बढ़ाया है। अब कंपनी का फोकस संचालन को मजबूत करने, मार्जिन बेहतर बनाने और नए ग्राहकों तक पहुंचने पर है, और Q1 के नतीजों से यह रणनीति असर दिखा रही है।
FY26 के लिए ओला का अनुमान है कि वह 3.25 से 3.75 लाख वाहनों की बिक्री करेगी और ₹4,200 करोड़ से ₹4,700 करोड़ तक का राजस्व अर्जित करेगी। कंपनी का यह भी कहना है कि Gen 3 स्कूटर्स और Roadster बाइक को लेकर ग्राहकों में अच्छा उत्साह देखने को मिल रहा है, खासकर त्योहारों के मौसम को देखते हुए। सप्लाई चेन, इंजीनियरिंग और मैन्युफैक्चरिंग टीमें लगातार उत्पाद की गुणवत्ता सुधार रही हैं और BOM लागत घटा रही हैं, जिसका असर साल भर के लाभ में दिखेगा।
Q1 में ऑटो सेगमेंट का ग्रॉस मार्जिन 25.6% रहा, जो लगभग पूरी तरह PLI (Production Linked Incentive) के बिना था। कंपनी को उम्मीद है कि Q2 से PLI का लाभ मिलना शुरू हो जाएगा और FY26 के अंत तक ग्रॉस मार्जिन 35-40% के बीच रहेगा।
बैटरी सेल बिजनेस के लिए, कंपनी इस वर्ष 5 GWh इंस्टॉलेशन और लगभग ₹1,000 करोड़ के भुगतान पूरे करेगी, जिसमें से 70% मौजूदा टर्म लोन के ज़रिए फाइनेंस किया जाएगा। कंपनी ने दावा किया कि FY27 के अंत तक 5 GWh उत्पादन स्तर पर पहुंचने के साथ यह यूनिट फ्री कैश फ्लो पॉजिटिव हो जाएगी।
इस दौरान, ओला के नए Gen 3 स्कूटर्स की बिक्री कुल स्कूटर बिक्री का 80% रही। कंपनी का कहना है कि इन स्कूटर्स ने बेहतर मार्जिन दिए हैं और वारंटी क्लेम्स में उल्लेखनीय कमी आई है, जो इसके इंजीनियरिंग सुधारों को दर्शाता है। वहीं, Roadster X मोटरसाइकिल की बिक्री भी चरणबद्ध तरीके से बढ़ रही है और यह अब देशभर के 200 स्टोर्स में उपलब्ध है। त्योहारों के सीजन में इसका विस्तार और तेज़ी से किया जाएगा।