नई दिल्ली
देश के सात प्रमुख शहरों में वर्ष 2025 के दौरान आवासीय संपत्तियों की बिक्री में 14 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। रियल एस्टेट सलाहकार फर्म एनारॉक की रिपोर्ट में शुक्रवार को यह जानकारी दी गई। रिपोर्ट में कहा गया है कि घरों की बिक्री में कमी के बावजूद कीमतों में बढ़ोतरी से कुल बिक्री मूल्य छह प्रतिशत बढ़कर छह लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया।
रिपोर्ट के अनुसार मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर), दिल्ली-एनसीआर, बेंगलुरु, पुणे, कोलकाता, हैदराबाद और चेन्नई में कुल 3,95,625 घर बिके, जबकि 2024 में यह आंकड़ा 4,59,645 इकाइयां था।
एनारॉक ने बताया कि घरों की लगातार बढ़ती कीमतें, आईटी क्षेत्र में छंटनी, भू-राजनीतिक तनाव और अन्य आर्थिक अनिश्चितताओं ने मांग पर दबाव डाला। वर्ष 2025 में केवल चेन्नई ही ऐसा शहर रहा जहां घरों की बिक्री बढ़ी।
शहरवार आंकड़ों के अनुसार, एमएमआर में बिक्री 18 प्रतिशत घटकर 1,27,875 इकाइयों पर आ गई। पुणे में यह 20 प्रतिशत गिरकर 65,135 इकाइयों पर, बेंगलुरु में पांच प्रतिशत गिरकर 62,205 इकाइयों पर, दिल्ली-एनसीआर में आठ प्रतिशत कमी के साथ 57,220 इकाइयां रही। हैदराबाद में सबसे बड़ी गिरावट दर्ज हुई, यहां बिक्री 23 प्रतिशत घटकर 44,885 इकाइयों पर पहुंच गई, जबकि कोलकाता में 12 प्रतिशत की कमी हुई। इसके विपरीत, चेन्नई में बिक्री 15 प्रतिशत बढ़कर 22,180 इकाइयों पर पहुंच गई।
एनारॉक ने बताया कि सात प्रमुख शहरों में औसत आवासीय कीमतें आठ प्रतिशत बढ़कर 9,260 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गईं, जो पिछले साल 8,590 रुपये प्रति वर्ग फुट थीं।एनारॉक के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा, “2025 वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं, आईटी क्षेत्र में छंटनी और भू-राजनीतिक उथल-पुथल से भरा रहा। औसत कीमतों की वृद्धि दर पिछले वर्षों की तुलना में घटकर एक अंक में रह गई।”
पुरी ने कहा कि आने वाले साल में आवासीय क्षेत्र की वृद्धि इस बात पर निर्भर करेगी कि भारतीय रिजर्व बैंक ब्याज दरों में कितनी कटौती करता है और डेवलपर कीमतों को नियंत्रित रखने के लिए क्या कदम उठाते हैं।