डॉलर पर भारी पड़ा गोल्ड! सेंट्रल बैंकों ने बढ़ाई सोने की खरीद

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 09-09-2025
Gold outweighed the dollar! Central banks increased gold purchases
Gold outweighed the dollar! Central banks increased gold purchases

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली

 
वैश्विक अर्थव्यवस्था में अस्थिरता और अमेरिकी डॉलर की लगातार बदलती ताकत के बीच अब सेंट्रल बैंक बड़े पैमाने पर सोने की खरीद कर रहे हैं.अंतरराष्ट्रीय बाजार में गोल्ड की मांग एक बार फिर रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है, जिसका असर कीमतों पर भी साफ दिखाई दे रहा है.

वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, 2024 और 2025 की शुरुआत में दुनिया भर के सेंट्रल बैंकों ने अभूतपूर्व गति से सोना खरीदा है। रूस-यूक्रेन युद्ध, पश्चिमी देशों के आर्थिक प्रतिबंध, चीन और अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव, और वैश्विक मंदी के डर ने डॉलर पर भरोसा घटाया है. यही कारण है कि कई देश अपनी मुद्रा भंडार नीति में बदलाव कर रहे हैं और सोने को ‘सुरक्षित संपत्ति’ के तौर पर चुन रहे हैं.
 
रिपोर्ट बताती है कि 2024 में ही सेंट्रल बैंकों ने 1,037 टन से ज्यादा सोना खरीदा था, और 2025 के पहले छह महीनों में ही यह स्तर पार हो गया है. यह पिछले पांच दशकों में सबसे ज्यादा खरीद है। चीन, तुर्की, भारत, कतर, मिस्र और पोलैंड जैसे देशों के केंद्रीय बैंक सबसे आगे हैं.
 
सोने की बढ़ती खरीद डॉलर पर सीधा असर डाल रही है. कई विशेषज्ञों के अनुसार, डॉलर अब पहले जैसा “अभेद्य” रिज़र्व करेंसी नहीं रहा। इस प्रवृत्ति ने अंतरराष्ट्रीय वित्तीय व्यवस्था में धीरे-धीरे एक मल्टी-पोलर रिज़र्व सिस्टम को जन्म देना शुरू कर दिया है, जिसमें डॉलर के साथ सोने की अहमियत बढ़ती जा रही है.
 
अर्थशास्त्रियों का कहना है कि यह बदलाव केवल निवेश का मामला नहीं है, बल्कि रणनीतिक भी है. पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों के डर से कई देश अपने विदेशी मुद्रा भंडार को विविध बना रहे हैं। सोने की सबसे बड़ी खासियत यह है कि वह किसी देश की अर्थव्यवस्था या केंद्रीय बैंक पर निर्भर नहीं होता। इसीलिए इसे भू-राजनीतिक तनाव के समय सबसे सुरक्षित माना जाता है.
 
भारत ने भी अपने रिज़र्व मैनेजमेंट में सोने पर ध्यान बढ़ाया है। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने 2023-24 में लगभग 20 टन सोना खरीदा था और 2025 की शुरुआत में भी खरीद बढ़ाने के संकेत दिए हैं। इससे देश के विदेशी मुद्रा भंडार में सोने का अनुपात लगातार बढ़ रहा है.