India's fitness industry will more than double by 2030, reaching ₹37,700 crore: Report
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
नई दिल्ली, 9 सितंबर (एएनआई): भारत की फिटनेस इंडस्ट्री आने वाले वर्षों में जबरदस्त उछाल लेने वाली है। डेलॉइट इंडिया और हेल्थ एंड फिटनेस एसोसिएशन (HFA) की ‘इंडिया फिटनेस मार्केट रिपोर्ट 2025’ के मुताबिक, 2024 में अनुमानित ₹16,200 करोड़ (USD 1.9 बिलियन) की यह इंडस्ट्री 2030 तक बढ़कर ₹37,700 करोड़ (USD 4.5 बिलियन) के स्तर पर पहुंच जाएगी। यानी यह क्षेत्र करीब 15 प्रतिशत की वार्षिक औसत वृद्धि दर (CAGR) से आगे बढ़ेगा.
रिपोर्ट में कहा गया है कि फिटनेस अब केवल एक सीमित वर्ग का शौक नहीं रहा, बल्कि यह एक राष्ट्रीय आंदोलन और जीवनशैली में शामिल होने वाला रुझान बन चुका है. महामारी के बाद बढ़ती स्वास्थ्य-जागरूकता, आय में वृद्धि और डिजिटल कनेक्टिविटी ने इस सेक्टर को पारंपरिक सीमाओं से बाहर निकालकर तेजी से विस्तार करने में मदद की है.
2024 तक भारत में लगभग 1.23 करोड़ फिटनेस सुविधा सदस्य हैं, जबकि डेलॉइट का अनुमान है कि यह संख्या 2030 तक बढ़कर 2.33 करोड़ तक पहुंच जाएगी। यानी लगभग 11 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि। सदस्यता का पैठ स्तर 2030 तक 1.7 प्रतिशत पार कर सकता है, जिससे इस क्षेत्र की अपार संभावनाएं स्पष्ट होती हैं.
डेलॉइट इंडिया के पार्टनर प्रवीण गोविंदु ने कहा, “बाज़ार 2030 तक दोगुना होने को तैयार है, लेकिन सबसे बड़ी चुनौती और सबसे बड़ा अवसर यही है कि 18-62 आयु वर्ग के लगभग 82 करोड़ भारतीय आज भी पूरी तरह निष्क्रिय हैं. इंडस्ट्री को असली क्षमता तभी मिलेगी, जब यह मेट्रो और प्रीमियम ग्राहकों से आगे बढ़कर छोटे शहरों, महिलाओं और निम्न-आय वर्ग तक पहुंचे और समावेशी, किफायती व सामुदायिक फिटनेस मॉडल तैयार करे.
उन्होंने आगे कहा, “अगला दौर सिर्फ नए फिटनेस सेंटर खोलने का नहीं होगा, बल्कि इस निष्क्रिय आबादी को सक्रिय भागीदारों में बदलने का होगा – इनोवेशन, डिजिटल इंटीग्रेशन और कॉर्पोरेट वेलनेस प्रोग्राम के जरिए। अगर यह हो सका, तो फिटनेस केवल एक बिजनेस अवसर नहीं रहेगा बल्कि भारत की स्वास्थ्य-प्रथम अर्थव्यवस्था की नींव बन जाएगा.
हेल्थ एंड फिटनेस एसोसिएशन की अध्यक्ष और सीईओ लिज़ क्लार्क ने कहा, “भारत आज दुनिया की फिटनेस इंडस्ट्री में सबसे रोमांचक विकास अवसरों में से एक है। लगातार नवाचार, रणनीतिक निवेश और सहयोगी सार्वजनिक नीति के साथ भारत का फिटनेस सेक्टर वित्तीय तौर पर सार्थक रिटर्न और लाखों लोगों के लिए बेहतर स्वास्थ्य परिणाम ला सकता है.