नयी दिल्ली
चार उभरती प्रौद्योगिकियां - एआई, रोबोटिक्स, उन्नत ऊर्जा प्रणालियां और सेंसर नेटवर्क - वैश्विक श्रम बाजारों को नया रूप देने के लिए तैयार हैं।
एक अध्ययन में मंगलवार को यह बात कही गई। इस बदलाव का सबसे अधिक प्रभाव दुनिया भर के 80 प्रतिशत श्रमिकों को रोजगार देने वाले सात प्रमुख क्षेत्रों पर पड़ने का अनुमान है।
विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) ने अपनी ‘कल की नौकरियां: प्रौद्योगिकी और दुनिया के सबसे बड़े कार्यबलों का भविष्य’ शीर्षक वाली रिपोर्ट में कहा कि ये प्रौद्योगिकियां उत्पादकता बढ़ाने में मददगार होंगी।
इसमें आगे कहा गया कि कृषि, विनिर्माण, निर्माण, थोक और खुदरा व्यापार, परिवहन और लॉजिस्टिक, व्यवसाय और प्रबंधन, तथा स्वास्थ्य सेवा क्षेत्रों की नौकरियों में व्यापक बदलाव होंगे।
डब्ल्यूईएफ ने कहा कि इस उत्पादकता क्षमता को उजागर करने और जोखिम प्रबंधन के लिए निवेश पूंजी जुटाने, वैश्विक प्रौद्योगिकी प्रसार में तेजी लाने और समावेशी पहुंच सुनिश्चित करने जैसे ठोस उपाय करने होंगे।
डब्ल्यूईएफ के कार्य, वेतन और रोजगार सृजन प्रमुख टिल लियोपोल्ड ने कहा, ‘‘प्रौद्योगिकी विकास का रास्ता अभी आने वाले वर्षों में लिए गए निर्णयों से तय होगा।’’
लियोपोल्ड ने कहा, ‘‘यह महत्वपूर्ण है कि कौन सी प्रौद्योगिकियां सबसे अधिक परिवर्तनकारी होंगी और वे दुनिया के लगभग 80 प्रतिशत श्रमिकों वाले सात नौकरीपेशा क्षेत्रों को कैसे बदलेंगी।’’
वैसे तो वैश्विक बहस कार्यालय में बैठकर काम करने वाली नौकरियों पर केंद्रित रही है, लेकिन रिपोर्ट में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि कैसे उभरती प्रौद्योगिकियां ऐसे व्यवसायों से परे जमीनी स्तर पर भी बदलाव ला रही हैं।
ड्रोन तकनीक पहले ही संयुक्त अरब अमीरात में कुशल शहरी वितरण और ग्रामीण घाना में चिकित्सा उपकरणों जैसी महत्वपूर्ण आपूर्ति में इस्तेमाल की जा रही है। इसी तरह ऊर्जा उत्पादन और भंडारण प्रौद्योगिकियां थोक और खुदरा व्यापार कार्यबल में भी बदलाव ला रही हैं।