कैलिफोर्निया के अखरोट ने कश्मीर के ड्राई फ्रूट कारोबार को दिया झटका

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 21-09-2022
कैलिफोर्निया के अखरोट ने कश्मीर के ड्राई फ्रूट कारोबार को दिया झटका
कैलिफोर्निया के अखरोट ने कश्मीर के ड्राई फ्रूट कारोबार को दिया झटका

 

आवाज द वॉयस श्रीनगर 
 
कैलिफोर्निया के अखरोट ने कश्मीर के ड्राई फ्रूट उद्योग को करारा झटका दिया है.लगातार पांचवें वर्ष अखरोट की दरों में लगभग 50 प्रतिशत की गिरावट आई है.  स्थानीय फल जैविक होने के बावजूद चीनी और कैलिफोर्निया की किस्मों की तुलना में उच्च पोषक तत्व हैं.
 
 कश्मीर वॉलनट ग्रोअर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष हाजी बहादुर खान ने  बताया कि दोनों गिरी और छिलके वाले अखरोट बाजार में फेंकने की कीमतों पर बिक रहे हैं.उन्हांेने कहा,मौजूदा बाजार पिछले वर्षों की तुलना में अलग नहीं है. फिलहाल गिरी 200 रुपये से 800 रुपये किलो बिक रही है. कुछ साल पहले यह 1200 रुपये प्रति किलो बिक रही थी.
 
इसी तरह छिले हुए अखरोट के भाव 120 रुपये से लेकर 200 रुपये प्रति किलोग्राम के बीच हैं. “2016-17 में, एक किलोग्राम छिलके वाला अखरोट 270-400 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से बिकता था.
 
हम पिछले कई सालों से सरकार से यही मांग करते आ रहे हैं लेकिन कोई समाधान नहीं निकल रहा है. सेब की तरह, अखरोट कश्मीर बागवानी क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण घटक है. तत्काल सरकार की कार्रवाई और ध्यान देने की आवश्यकता है.
 
कश्मीर अखरोट के बाजार में धीरे-धीरे गिरावट ने कई डीलरों को इस व्यापार को छोड़ने के लिए मजबूर किया है.इस साल बारामूला के अखरोट के व्यापारी फारूक अहमद भट ने पिछले पांच वर्षों में हुए भारी नुकसान को देखते हुए भेड़ पालन को अपनाया है.
 
उन्हांेने कहा,अखरोट का कारोबार बहुत मुश्किल है. खासकर जब घरेलू बाजार में भी इसकी मांग बहुत कम है. कुछ साल पहले बड़ी मात्रा में निर्यात किया जा रहा था, लेकिन अब यह व्यापार व्यवहार्य नहीं है. मैंने भेड़ प्रजनन की ओर रुख किया है.
 
परेशानी को भांपते हुए, जम्मू और कश्मीर सरकार ने उत्पादकों को कैलिफोर्निया, चिली और चीनी किस्मों की आमद से लड़ने के लिए किसानांे को उच्च घनत्व वाले अखरोट के बागानों का रूख करने का सुझाव दिया है.
 
अधिकारियों ने कहा कि कश्मीर भारी मात्रा में अखरोट का उत्पादन करने में सक्षम नहीं है. इसके परिणामस्वरूप थोक आयात हुआ है.बागवानी विकास अधिकारी अब्दुल कुदस बेग ने कहा,“हमारे अखरोट की भारी मांग है. लेकिन हम बाजार में बिकने वाली किस्म का उत्पादन नहीं कर रहे हैं. एक विशेष किस्म, जिसकी भारी मांग है, का कश्मीर में थोक में उत्पादन नहीं किया जाता है, ”
 
पुलवामा के मुख्य बागवानी अधिकारी जावेद अहमद ने कहा कि विभाग ने उच्च घनत्व वाले पेड़ों के साथ नर्सरी स्थापित की है.विभाग वर्तमान में उच्च घनत्व वाले अखरोट के पेड़ों के बारे में जागरूकता बढ़ा रहा है.
 
अखरोट उत्पादन में भारत का विश्व में आठवां स्थान है. कश्मीर 2.75 लाख मीट्रिक टन अखरोट का उत्पादन करता है, जो देश के कुल उत्पादन का 90 प्रतिशत से अधिक है. घाटी में 89000 हेक्टेयर से अधिक भूमि अखरोट की खेती के अधीन है.