अमेरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकन व एनएसए डोभाल ने अफगानिस्तान और वैश्विक सुरक्षा पर की चर्चा

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] • 2 Years ago
अजीत डोभाल और एंटनी ब्लिंकेन
अजीत डोभाल और एंटनी ब्लिंकेन

 

नई दिल्ली. अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने बुधवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ कई द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर बातचीत की, जिसमें अफगानिस्तान, इंडो-पैसिफिक और वैश्विक सुरक्षा में तेजी से बदलती स्थिति शामिल है.

एनएसए ने अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से एक घंटे से अधिक समय तक मुलाकात की.

दोनों पक्षों ने सुरक्षा, रक्षा, आर्थिक और प्रौद्योगिकी से संबंधित क्षेत्रों में महत्वपूर्ण रणनीतिक मुद्दों पर चर्चा की.

संबंधों को अगले स्तर तक ले जाने के लिए दीर्घकालिक उपायों पर विशेष ध्यान दिया गया.

क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा से संबंधित समकालीन और भविष्य के मुद्दों पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया गया.

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ब्लिंकन मंगलवार को दो दिनों के लिए भारत पहुंचे और उम्मीद है कि इस साल के अंत में अमेरिका में क्वाड (भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका) शिखर सम्मेलन के लिए नींव रखी जाएगी.

इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शामिल होने की उम्मीद है. ब्लिंकन आज बाद में पीएम मोदी से मुलाकात करेंगे.

ब्लिंकन ने अफगानिस्तान में स्थिति, क्षेत्रीय सुरक्षा चिंताओं, कोविड -19 प्रतिक्रिया और इंडो-पैसिफिक जुड़ाव को बढ़ावा देने जैसे व्यापक मुद्दों पर चर्चा करने के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर से भी मुलाकात की.

इससे पहले दिन में, ब्लिंकन ने नागरिक समाज के नेताओं से मुलाकात की और कहा कि भारत और अमेरिका लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति प्रतिबद्धता साझा करते हैं. यह हमारे संबंधों की आधारशिला का हिस्सा है और भारत के बहुलवादी समाज और सद्भाव के इतिहास को दर्शाता है.

ब्लिंकन की भारत यात्रा अमेरिकी उप विदेश मंत्री वेंडी शेरमेन के चीन में होने के कुछ दिनों बाद हो रही है.जानकारी के मुताबिक दोनों के बीच बातचीत में क्षेत्र में टकराव से जुड़े सभी जटिल मुद्दों पर चर्चा हुई. 

उच्च सूत्रों ने बताया कि इस डोभाल और ब्लिंकन के बीच अफगानिस्तान में बिगड़ते हालात और तेज़ी से प्रभाव बढ़ा रहे तालिबान पर लंबी चर्चा हुई. यही नहीं दोनों के बीच पाकिस्तान और सीमा पार आतंकवाद पर भी चर्चा हुई. इसके साथ ही बाइडन सरकार और मोदी सरकार के बीच सभी क्षेत्रों में आपसी संबंधों और सामरिक संबंधो को और मज़बूत करने पर भी सहमति बनी.