Nano Banana का जादू या जाल? चेहरों से खेल रही है AI तकनीक

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 16-09-2025
Nano Banana's magic or a trap? AI technology is playing with faces
Nano Banana's magic or a trap? AI technology is playing with faces

 

आवाज द वाॅयस/ नई दिल्ली
 
जैसे ही गूगल Gemini का नया AI फीचर Nano Banana सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, लोगों ने इसे तेजी से अपनाना शुरू कर दिया। यह टूल उपयोगकर्ताओं को 3D फिगर, रेट्रो साड़ी पोर्ट्रेट्स और पोलरॉइड-स्टाइल सेलिब्रिटी तस्वीरें बनाने की सुविधा देता है। Instagram और X (पूर्व में ट्विटर) जैसे प्लेटफॉर्म्स पर लाखों लोग अपनी AI-जेनरेटेड तस्वीरें शेयर कर रहे हैं, जो देखने में बेहद रियल लगती हैं। लेकिन इस डिजिटल उत्सव के बीच साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ गंभीर चेतावनी दे रहे हैं. ये ट्रेंड्स जितने मज़ेदार हैं, उतने ही खतरनाक भी हो सकते हैं.

विशेषज्ञों का कहना है कि जब आप अपनी तस्वीरें ऐसे AI टूल्स में अपलोड करते हैं, तो आप अनजाने में अपनी डिजिटल पहचान साझा कर रहे होते हैं. ये तस्वीरें न सिर्फ प्रोसेसिंग के लिए स्टोर की जा सकती हैं, बल्कि भविष्य में मॉडल ट्रेनि‍ंग, विज्ञापन विश्लेषण या अन्य व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए भी इस्तेमाल की जा सकती हैं. और यदि यह डेटा कभी लीक हो गया, तो गहरा खतरा हो सकता है. आपकी छवि का दुरुपयोग deepfakes, नकली पहचान पत्र, और यहां तक कि साइबर अपराधों में भी हो सकता है.

इसी बीच एक Instagram यूज़र @jhalakbhawani ने एक चौंकाने वाला अनुभव साझा किया. उन्होंने बताया कि उन्होंने Gemini Nano Banana का साड़ी पोर्ट्रेट ट्रेंड आज़माया, जिसमें वह एक ग्रीन फुल-स्लीव सूट में थीं. लेकिन जो AI-जनरेटेड फोटो आई, उसमें उनके बाएं हाथ पर एक तिल दिखाई दे रहा था, जो वास्तव में उनके शरीर पर मौजूद है, लेकिन अपलोड की गई फोटो में नहीं था. उन्होंने कहा, "ये बहुत डरावना था. Gemini ने कैसे यह अनुमान लगाया? कृपया सतर्क रहें."

इस घटना ने AI की ‘सीखने’ की ताकत को लेकर नई बहस छेड़ दी है. क्या AI केवल एक फोटो से आपकी वास्तविक पहचान के हिस्से निकाल सकता है?साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ सैकत दत्ता, जो DeepStrat के सीईओ हैं, बताते हैं कि चेहरा अपलोड करने के बाद उपयोगकर्ता का डेटा कई उद्देश्यों के लिए प्रोसेस किया जा सकता है और कई बार यह "एनॉनिमस" (गुमनाम) डेटा के रूप में भी उपयोग में लाया जा सकता है.

पर यह भरोसा करना कि ऐसे डेटा का कभी दुरुपयोग नहीं होगा, एक बड़ी भूल हो सकती है. उनके अनुसार, भारत जैसे देश में जहां KYC और फेस रिकग्निशन से जुड़े नियम सख्त हैं, इस तरह की तस्वीरें भारी जोखिम लेकर आती हैं. फर्जी दस्तावेज़, पहचान की चोरी और मनी लॉन्डरिंग जैसी गंभीर घटनाएं इस डेटा के दुरुपयोग से हो सकती हैं.

डॉ. अनिल राच, जो End Now Foundation के संस्थापक और डिजिटल लिटरेसी विशेषज्ञ हैं, इसे एक "डिजिटल वेलबीइंग का वेक-अप कॉल" मानते हैं. उनके अनुसार, जब लोग AI द्वारा बनाए गए अपने सुंदर चित्र देखते हैं, तो वास्तविक जीवन की छवि से मेल बैठा पाना कठिन हो जाता है. इससे आत्म-छवि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है और समाज में सुंदरता के मानक बिगड़ते हैं. साथ ही, प्राइवेसी का खतरा और गहरा होता जाता है.

वह MyFace App का उदाहरण देते हैं, जिसमें यूज़र्स की तस्वीरों का बिना अनुमति के पुन: उपयोग हुआ. AI द्वारा बनाई गई तस्वीरें अगर गलत हाथों में पड़ जाएं, तो उनसे नकली पहचानें और धोखाधड़ी करना बेहद आसान हो सकता है.

Google का Nano Banana टूल, जो Gemini ऐप का हिस्सा है, अगस्त 2025में लॉन्च हुआ और कुछ ही हफ्तों में ऐप स्टोर पर टॉप रैंक पर पहुंच गया. इसकी लोकप्रियता का कारण है इसका यूज़र-फ्रेंडली इंटरफेस और अत्यधिक यथार्थवादी (realistic) परिणाम.

यूज़र केवल एक तस्वीर और एक सिंपल प्रॉम्प्ट देकर बेहद प्रोफेशनल क्वालिटी की इमेज प्राप्त कर सकते हैं. उदाहरण के लिए, यदि आप अपने किसी फेवरेट सेलिब्रिटी के साथ एक पोलरॉइड-style फोटो बनाना चाहते हैं, तो बस उसकी इमेज और एक छोटा टेक्स्ट प्रॉम्प्ट डालें और मिनटों में तस्वीर तैयार हो जाती है.

हालांकि, सवाल यही है  क्या हम इस तरह की AI सुविधाओं को अपनाते समय अपनी सुरक्षा से समझौता कर रहे हैं? यह ट्रेंड एक बार फिर यह साबित करता है कि डिजिटल क्रिएटिविटी और डेटा प्राइवेसी के बीच संतुलन बनाए रखना कितना ज़रूरी है. AI की दुनिया में कुछ भी मुफ्त नहीं होता , अक्सर भुगतान आपकी जानकारी, आपकी पहचान और आपकी निजता से होता है.

AI से उत्पन्न हो रही सुंदर और आश्चर्यजनक तस्वीरों के पीछे, एक गंभीर सच्चाई छुपी है: आप जो चेहरे, पोशाकें और पृष्ठभूमियाँ देख रहे हैं, वो भले ही नकली हों, लेकिन आपका डेटा असली है  और उसकी सुरक्षा सिर्फ आपके हाथ में है.इसलिए अगली बार जब कोई AI ट्रेंड वायरल हो, तो उसमें भाग लेने से पहले एक बार ज़रूर सोचिए: क्या आप सिर्फ एक फोटो बना रहे हैं, या अपने चेहरे के ज़रिए अपना भविष्य खतरे में डाल रहे हैं?