जामिया की शिक्षिका डॉ. रख़्शंदा रूही मेहदी को उर्दू अकादमी का रचनात्मक लेखन पुरस्कार

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 05-01-2025
Jamia teacher Dr. Rakhshanda Ruhi Mehdi gets Urdu Academy's creative writing award
Jamia teacher Dr. Rakhshanda Ruhi Mehdi gets Urdu Academy's creative writing award

 

आवाज द वाॅयस /नई दिल्ली

 जामिया मिल्लिया इस्लामिया के सैयद आबिद हुसैन सीनियर सेकेंडरी स्कूल की शिक्षिका और प्रसिद्ध कहानीकार डॉ. रख़्शंदा रूही मेहदी को उनके रचनात्मक लेखन के लिए दिल्ली उर्दू अकादमी द्वारा सम्मानित किया जाएगा. इस प्रतिष्ठित पुरस्कार में दो लाख रुपये, शॉल, और स्मृति चिह्न प्रदान किए जाएंगे.

डॉ. रूही की साहित्यिक यात्रा प्रेरणादायक है. उनकी आठ प्रकाशित पुस्तकों में दो कहानी संग्रह, एक शोध पुस्तक "अलखदास," दो उपन्यासों के उर्दू से हिंदी अनुवाद, और अन्य किताबें शामिल हैं. उनकी लेखनी ने पाठकों और समीक्षकों के बीच गहरी छाप छोड़ी है.

साहित्य में योगदान के लिए पूर्व पुरस्कार

पिछले वर्ष, डॉ. रूही के कहानी संग्रह "मॉनसून स्टोर" को मध्य प्रदेश उर्दू अकादमी ने ₹50,000 का पुरस्कार प्रदान किया था. उनके साहित्यिक कार्यों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिली है। विशेष रूप से, पाकिस्तानी उपन्यास "नौलखी कोठी" के हिंदी अनुवाद ने उन्हें वैश्विक स्तर पर ख्याति दिलाई.डॉ. रूही आवाज द वाॅयस के लिए भी निरंतर लिखती हैं.

टीवी और मंच पर डॉ. रूही का योगदान

डॉ. रूही की कहानियाँ न केवल पढ़ी जाती हैं, बल्कि पर्दे और मंच पर भी जीवंत होती हैं. उनके लिखे ड्रामा सीरियल "चिलमन के पार" को डीडी उर्दू चैनल पर प्रसारित किया गया. इसके अलावा, उनकी कहानी "कहाँ है मंज़िल-ए-राह-ए-तमन्ना" का नाट्य मंचन प्यारे लाल भवन, दिल्ली में किया गया, जिसे दर्शकों से शानदार प्रतिक्रिया मिली.

साहित्यिक पृष्ठभूमि और परिवार का योगदान


डॉ. रख़्शंदा रूही मेहदी का संबंध साहित्यिक समृद्धि के लिए प्रसिद्ध देवबंद के एक प्रतिष्ठित परिवार से है. वह वरिष्ठ पत्रकार जमील मेहदी की भतीजी और मशहूर शायर अक़ील मेहदी की सुपुत्री हैं. साहित्य उनके परिवार की विरासत में रचा-बसा है, और डॉ. रूही ने इस परंपरा को गर्व से आगे बढ़ाया है.

वर्तमान साहित्यिक शैली और विषय

डॉ. रूही की कहानियाँ अपने समय की सच्चाईयों और भावनाओं की गहरी पड़ताल करती हैं. उनके साहित्य में प्रेम और संवेदनाओं के रंग समाहित हैं, जो पाठकों को भावनात्मक रूप से जोड़ते हैं. उनकी लेखनी उर्दू और हिंदी दोनों भाषाओं में समान रूप से प्रभावशाली है.

जामिया के लिए गर्व का पल

डॉ. रूही जामिया मिल्लिया इस्लामिया के सैयद आबिद हुसैन स्कूल की एक प्रसिद्ध शिक्षिका हैं. उनकी प्रतिभा पर स्कूल और पूरे विश्वविद्यालय को गर्व है. यह सम्मान उनकी साहित्यिक उपलब्धियों और रचनात्मकता की सराहना का प्रतीक है.

डॉ. रूही मेहदी ने न केवल लेखन के क्षेत्र में अपना नाम रोशन किया है, बल्कि अपनी कहानियों और अनुवाद कार्यों के माध्यम से समाज को भी प्रेरित किया है. यह पुरस्कार उनके रचनात्मक कौशल और साहित्यिक योगदान की एक और मान्यता है.


आवाज द वाॅयस की ओर से डॉ रूही को इस उपलब्धि के लिए हार्दिक बधाई !