कोरोना में मदद पहुंचाने वाले कौन हैं ‘मास्क मैन’ !

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] • 2 Years ago
मुखौटा लगाकर लोगों की सहायता करने वाले युवक कौन हैं !
मुखौटा लगाकर लोगों की सहायता करने वाले युवक कौन हैं !

 

मलिक असगर हाशमी / नई दिल्ली

इस्लाम हो या कोई और धर्म. सबकी बुनियादी शिक्षा में शामिल है.किसी की इस तरह मदद करें कि ‘एक हाथ से दे तो दूसरे को पता न लगे.’ कोरोना महामारी के दौरान जहां कई लोग भोजन, दवाई, आॅक्सीजन, अस्पताल सहित अन्य तरह से जरूरतमंदों की सहायता करते नजर आते हैं,
 
वहीं कुछ ऐसे भी हैं, जो कतई नहीं चाहते कि उनकी पहचान उजागर की जाए. ऐसे ही लोगों में युवाओं का एक गुट है जो अपने चेहरे पर मुखौटा लगाकर जरूरतमंदों के घर-घर जाकर रोजमर्रा की चीजें पहुंचा रहा है.
 
मुखौटा लगाए इन ‘खुदाई खितमदगारों’ में महिलाएं भी शामिल हैं, पर इनमें से हरेक की पहचान अब तक गुप्त है.उनके पहरावे से लगता है कि निश्चित ही वे न केवल कुलीन घराने से ताल्लुक रखते हैं, उंची शिक्षा भी ग्रहण किए हुए हैं.
 
चेहरे पर मुखौटा लगाए लोगों की मदद करने वाले इनदिनों सोशल मीडिया पर छाए हुए हैं. वे अचानक कहीं भी चेहरे पर मास्क लगाकर पहुंच जाते हैं और जरूरतमंद को आवश्यक सामानों का बड़ा सा पैकेट थमाकर निकल जाते हैं.
 
मुखौटा ओढ़े युवक कौन हैं ? कहां से आते हैं ? लोगों को जरूरत का सामान अपने पैसे से मुहैया करा रहे हैं या उनकी कोई और इस काम में सहायता कर रहा है ? वे किसी सामाजिक संगठन से तो नहीं जुड़े हैं ? इन महत्वपूर्ण सवालों के साथ ‘आवाज द वाॅयस’ ने भी मुखौटा लगाए सड़कों पर घूमने वाले इन युवाओं के बारे में जानकारी जुटाने की बहुत कोशिश की, पर पता नहीं चला.
 
 हां, इस दौरान यह बात जरूरत सामने आई कि उनकी मदद पहुंचाते हुए तस्वीरें कई लोगों ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर साझा की हैं. ऐसी ही कुछ तस्वीरें सिविल सर्विस एक्जाम की तैयारी करने वाले मयंक अवस्थी ने भी अपने ट्विटर हैंडल पर साझा किया है.
 
इस बारे में वह लिखते हैं-‘हर जगह खुद को दिखाना और प्रेजेंट करना वाहवाही लूटना नहीं होता, समाजसेवी का काम फोटोबाजी, अखबारबाजी नहीं है. वो खुद को बिना सामने लाए आत्मिक सुकून हेतु समाज सेवा करता है. फोटोबाजी करके वाहवाही लूटने के लिए नहीं.’

एक अन्य ने लिखा-‘दान ऐसा जो एक हाथ दे तो दूसरे को न पता चले, वही "उत्तम दान.दान ऐसा जिससे लेने वाला शर्मिंदा न हो!काश मात्र फोटो के लिए दान देने का दिखावा करने वाले इसका महत्व समझते!   ’
 
इस बारे में दिवाकर लिखते हैं-‘ "दाहिना हाथ दान करे, तो बाएं को खबर न लगे. युवाओं के एक ग्रुप जिसने अपनी पहचान सार्वजनिक नहीं कि है उनकी तस्वीर सोशल मीडिया पर जबरदस्त वायरल हो रही है, ये लोग अपनी पहचान छुपाकर (मास्क पहनकर) लोगों को मदद पहुंचा रहे है.'  ’