अल्पसंख्यक छात्रों का सपना होगा साकार, जब उठाएगा प्री और पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप का लाभ

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 14-03-2023
अल्पसंख्यक छात्रों का सपना होगा साकार, जब उठाएगा प्री और पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप का लाभ
अल्पसंख्यक छात्रों का सपना होगा साकार, जब उठाएगा प्री और पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप का लाभ

 

डॉ शुजात अली कादरी

प्री-मैट्रिक स्कॉलरशिप का लाभ अल्पसंख्यक समुदाय के 1से 10कक्षा में पढ़ने वाले विद्यार्थी उठा सकते है. इसके लिए जरूरी है कि वो मान्यता प्राप्त संस्थानों-निजी स्कूलों और सरकारी स्कूलों से शिक्षा ग्रहण कर रहे हों.

ऐसे छात्रों के माता-पिता-अभिभावक की वार्षिक आय एक लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए. छात्र ने पिछली परीक्षा में 50 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हों.इसके तहत छात्रवृत्ति प्राप्त करने वालों को ऐसी किसी अन्य योजना के तहत छात्रवृत्ति प्राप्त करने की अनुमति नहीं होगी.

छठी से 10 वीं कक्षा तक पढ़ने वाले छात्रावास और गैर छात्रावास के छात्र को प्रति वर्ष 500 रुपये और गैर आवासीय छात्रों को ट्यूशन फीस के लिए प्रति वर्ष 500 रुपये देने का प्रावधान है.

पहली कक्षा के आवासीय छात्रों को 10 महीने की अवधि के लिए प्रतिमाह 600 रुपये मिलेंगे. गैर-छात्रावास निवासियों के लिए 100 रुपये प्रति माह निर्धारित किए गए है, जबकि छठी से 10वीं कक्षा के छात्रों को मेंटेनेंस के लिए हर महीने 600 रुपये मिलते हैं.

सरकार द्वारा छात्रों को जो भी छात्रवृत्ति आवंटित की जाती है, उनमें से 30प्रतिषित लड़कियों के लिए निर्धारित है.

पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना

पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजनान्तर्गत स्वीकृत निजी विद्यालयों एवं शासकीय विद्यालयों-संस्थानों में 11 वीं एवं 12 वीं कक्षा में पढ़ रहे विद्यार्थी छात्रवृत्ति के पात्र होंगे. इसमें राष्ट्रीय स्तर के औद्योगिक प्रशिक्षण केंद्रों से 11 वीं और 12 वीं कक्षा के व्यावसायिक और तकनीकी पाठ्यक्रम भी शामिल हैं.

इसके लाभार्थियों के माता-पिता-अभिभावक की वार्षिक आय 2 लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए.छात्रवृत्ति उन्हें दी जाएगी जिन्होंने पिछली परीक्षा में 50 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं. इसके तहत छात्रों को किसी अन्य समान योजना का लाभ प्राप्त करने की अनुमति नहीं होगी.

700 रुपये कक्षा 11 और 12 के आवासीय और गैर आवासीय छात्रों के लिए निर्धारित किए गए हैं. यह राशि प्रवेश और शिक्षण शुल्क के लिए होगी.आवासीय और गैर आवासीय छात्रों को 11वीं और 12वीं कक्षा तक तकनीकी और व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए प्रति वर्ष 10,000रुपये मिलेंगे.

इसी तरह 11 वीं, 12 वीं और तकनीकी एवं व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए निवासी छात्रों को 380 रुपये प्रति माह और अनिवासी छात्रों को रखरखाव के लिए 230 रुपये मिलेंगे.स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर तकनीकी और व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के अलावा अन्य पाठ्यक्रमों के लिए अनिवासी छात्रों को 300 रुपये मिलेगा. रखरखाव के लिए निवासी छात्रों को 570 रुपये दिया जाएगा.

एमफिल और पीएचडी कोर्स के रेजिडेंट छात्रों को 1200 रुपये दिए जाएंगे. अनिवासी छात्रों के लिए 550 रुपये प्रतिमाह देने का प्रावधान है. यह उन शोध छात्रों के लिए है जिन्हें विश्वविद्यालय या किसी अन्य प्राधिकरण से कोई फेलोशिप नहीं मिलती. इस योजना में भी दी जाने वाली छात्रवृत्ति के बजट का 30 प्रतिषत लड़कियों के लिए आरक्षित है.

(लेखक मुस्लिम स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इंडिया के चेयरमैन हैं)