स्पेस किड्ज़ इंडिया के मिशन से जुड़ीं 26 अफ्रीकी देशों की छात्राएं

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 19-12-2025
Students from 26 African countries have joined Space Kidz India's mission.
Students from 26 African countries have joined Space Kidz India's mission.

 

चेन्नई

स्पेस किड्ज़ इंडिया की संस्थापक और सीईओ डॉ. श्रीमति केसन ने बताया कि शक्तिSAT मिशन, जो दुनिया का पहला ऑल-गर्ल्स लूनर सैटेलाइट मिशन है, अब एक वैश्विक पहल का रूप ले चुका है। इस मिशन से अफ्रीका के 26 देशों की छात्राएं जुड़ी हैं, जो अंतरिक्ष विज्ञान में लड़कियों की भागीदारी को एक नई दिशा दे रहा है।

एएनआई से बातचीत में डॉ. केसन ने कहा कि जब अफ्रीकी देशों की छात्राओं से तकनीक और उच्च शिक्षा में लड़कियों की भागीदारी को लेकर संवाद किया गया, तो सामने आया कि उनकी चुनौतियां ग्रामीण भारत की लड़कियों जैसी ही हैं। उन्होंने कहा, “दुनिया भर में लड़कियां लगभग समान सामाजिक और शैक्षणिक चुनौतियों का सामना कर रही हैं। इसी कारण हमने अफ्रीकी देशों की ज्यादा से ज्यादा बच्चियों को इस मिशन से जोड़ने का फैसला किया।”

डॉ. केसन ने किंगडम ऑफ एस्वातिनी की आईसीटी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री सवाना माज़िया की विशेष सराहना की। उन्होंने कहा कि मंत्री माज़िया ने इस मिशन से जुड़ने से पहले व्यक्तिगत रूप से इसकी प्रामाणिकता को समझने की कोशिश की, जो यह दर्शाता है कि वे समाज में लड़कियों के भविष्य को लेकर कितनी संवेदनशील और सजग हैं।

इस मिशन में नाइजीरिया, तंजानिया, इक्वेटोरियल गिनी, लेसोथो, मोज़ाम्बिक, ज़िम्बाब्वे और ज़ाम्बिया सहित कई देशों की छात्राएं शामिल हुई हैं। डॉ. केसन ने बताया कि एस्वातिनी में मिशन की सफल शुरुआत हो चुकी है और छात्राओं को जोहो प्लेटफॉर्म के माध्यम से विशेष रूप से तैयार किए गए 21 शैक्षणिक मॉड्यूल्स उपलब्ध कराए गए हैं।

उन्होंने कहा कि कई छात्राएं संघर्ष और हिंसा प्रभावित इलाकों से आती हैं, लेकिन भारत आकर सैटेलाइट बनाने का अवसर उन्हें नई उम्मीद और आत्मविश्वास दे रहा है। इस साझेदारी को नाइजीरियन स्पेस एजेंसी और दक्षिण अफ्रीकी स्पेस एजेंसी का भी समर्थन मिल रहा है।

डॉ. केसन के अनुसार, शक्तिSAT मिशन केवल एक वैज्ञानिक परियोजना नहीं, बल्कि स्पेस डिप्लोमेसी और वैश्विक एकजुटता का भी सशक्त उदाहरण बनकर उभर रहा है।