जामिया के टीचर ट्रेनिंग एवं नॉन-फॉर्मल एजुकेशन विभाग में एक सप्ताह का NSS और CCA कैंप शुरू

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 19-12-2025
A week-long NSS and CCA camp has started at Jamia's Department of Teacher Training and Non-Formal Education.
A week-long NSS and CCA camp has started at Jamia's Department of Teacher Training and Non-Formal Education.

 

नई दिल्ली

जामिया मिल्लिया इस्लामिया (JMI) के टीचर ट्रेनिंग और नॉन-फॉर्मल एजुकेशन (IASE) विभाग ने एक सप्ताह तक चलने वाले एनएसएस (NSS) और को-करिकुलर एक्टिविटीज़ (CCA) कैंप का औपचारिक शुभारंभ किया। यह कैंप विभाग की सह-पाठ्य गतिविधियों का अहम हिस्सा है और 23 दिसंबर 2025 तक चलेगा।

कैंप के पहले दिन सभी छात्रों की सक्रिय भागीदारी रही। कार्यक्रम की शुरुआत पवित्र क़ुरआन की तिलावत से हुई। इसके बाद विभाग के इंस्ट्रक्टर ज़ीशान ज़मीर अहमद के नेतृत्व में तराना टीम ने जामिया तराना और एनएसएस गीत प्रस्तुत कर माहौल को प्रेरक बना दिया। उद्घाटन दिवस पर डॉ. आरिफ़ मोहम्मद, असिस्टेंट प्रोफेसर, ने योग सत्र का संचालन किया, जिससे छात्रों में ऊर्जा और सकारात्मकता का संचार हुआ।

विभागाध्यक्ष प्रो. फ़राह फ़ारूक़ी ने स्वागत भाषण में मुख्य अतिथियों—प्रो. वी. के. त्रिपाठी (प्रोफेसर एमेरिटस एवं सामाजिक कार्यकर्ता), प्रो. एजाज़ मसीह (पूर्व डीन, शिक्षा संकाय) और डॉ. आबिद हुसैन (वरिष्ठ अधिकारी, NSS)—का अभिनंदन किया। उन्होंने NSS और CCA समन्वयकों तथा हाउस एडवाइज़र्स के प्रयासों की सराहना करते हुए टीमवर्क, स्वस्थ प्रतिस्पर्धा और सर्वांगीण विकास के महत्व पर ज़ोर दिया।

डॉ. आबिद हुसैन ने NSS गतिविधियों को व्यक्तित्व विकास और सामाजिक उत्तरदायित्व से जोड़ते हुए मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य की अहमियत बताई। मुख्य अतिथि प्रो. वी. के. त्रिपाठी ने अपनी स्वरचित ग़ज़ल और पुस्तक “अहिंसा के माध्यम से मुक्ति” के संदर्भों से छात्रों को प्रेरित किया। प्रो. एजाज़ मसीह ने शिक्षक की नैतिक भूमिका और मानवीय मूल्यों पर विचार रखे। धन्यवाद ज्ञापन डॉ. रईसा ख़ान ने प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।

दोपहर बाद छात्रों ने स्वच्छता और कैंपस विकास गतिविधियों—सफाई, पेड़ों की छंटाई, पेंट हटाना आदि—में भाग लिया। अगले दिनों में सफेदी-पेंटिंग, सांस्कृतिक कार्यक्रम और अंतर-हाउस प्रतियोगिताएँ (बैत-बाज़ी, फैंसी ड्रेस, सूफ़ियाना कव्वाली, स्ट्रीट प्ले) आयोजित होंगी। आठ हाउस—अजमल, अंसारी, आज़ाद, गांधी, मुजीब, नेहरू, सैय्यदैन और ज़ाकिर—भारत की भाषाई विविधता की थीम के साथ भाग लेंगे। अंतिम दिन सांस्कृतिक उत्सव और फ़ूड स्टॉल्स के साथ कार्यक्रम का समापन होगा।