रशिका इस्लाम ने बिना कोचिंग के असम सिविल सेवा परीक्षा में किया टॉप

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 19-01-2024
Rashika Islam topped Assam Civil Services Examination without coaching
Rashika Islam topped Assam Civil Services Examination without coaching

 

अरिफुल इस्लाम/ गुवाहाटी

रशिका इस्लाम ने असम लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा (सीसीई), 2022 में टॉप किया है. सीसीई के नतीजों में 54 मुस्लिम उम्मीदवारों ने राज्य सरकार के विभिन्न विभागों को चलाने के लिए सिविल सेवक, पुलिस अधिकारी और अन्य संबद्ध सेवाओं के अधिकारी बनने के लिए कठिन परीक्षा में सफलता हासिल की.

धुब्र जिले के गौरीपुर के मटियाबाग निवासी पूर्व सेना कर्नल सैदुल इस्लाम और रायहाना इस्लाम की बेटी रशिका इस्लाम ने एपीएससी द्वारा सीसीई परीक्षा में सर्वोच्च अंक हासिल किए हैं. रशिका की उपलब्धि ने गौरपुर के निवासियों के साथ पूरे धुबरी जिले को प्रसन्न किया है.
 
रशिका इस्लाम ने बुधवार शाम को परिणाम घोषित होने के तुरंत बाद आवाज-द वॉयस को बताया, एपीएससी परिणामों में शीर्ष पर अपना नाम देखकर मैं बहुत खुश हूं. 2020 में मैंने सीसीई का फाइनल पास कर लिया था.
 
लेकिन मेरी रैंक कम थी. मुझे धुबरी जिले में तैनात कर निरीक्षक की नौकरी मिल गई. मैं एपीएससी परीक्षा में अपनी रैंक सुधारना चाहती थी. हालांकि कर निरीक्षक की नौकरी करते हुए ऐसी कठिन परीक्षा के लिए अध्ययन करना मुश्किल था.
 
मेरे पति और माता-पिता ने सहायता की. मैंने इसकी तैयारी के लिए किसी भी संस्थान में कोई कोचिंग नहीं ली. मैं सिविल सेवा परीक्षा में सफलता के मंत्र पर मुफ्त यूट्यूब चैनल और वेबसाइट देखकर परीक्षा के लिए बहुत तैयारी करती हूं.
 
सीसीई-2022 के परिणामों में अपनी शीर्ष रैंक के आधार पर रशिका इस्लाम को असम सिविल सेवा (एसीएस) श्रेणी के लिए चुना गया है. सीसीई जैसी परीक्षा में सफल होने के लिए अध्ययन युक्तियों के बारे में पूछे जाने पर रशिका ने कहा कि ऐसे प्रश्न का कोई निश्चित उत्तर नहीं है.
 
उन्होंने कहा,“परीक्षा के लिए कड़ी मेहनत करने के अलावा कोई शॉर्टकट नहीं है. कर निरीक्षक के रूप में अपने व्यस्त कार्यक्रम के बावजूद, मैं सीसीई-2022 से पहले प्रतिदिन चार से पांच घंटे अध्ययन करने में सफल रही. ”
assam
 
रशिका के पति, जो असम सरकार में एक नौकरशाह हैं, ने अपनी पत्नी की सफलता में बहुत सहयोग किया है. चूँकि उनके पिता भारतीय सेना में थे, इसलिए रशिका को अपने स्कूल के दिनों में भारत के विभिन्न हिस्सों की यात्रा करने का मौका मिला. उन्होंने अलग-अलग जगहों के अलग-अलग आर्मी स्कूलों में पढ़ाई की है. उन्होंने नारेंगी, गुवाहाटी में आर्मी पब्लिक स्कूल में भी पढ़ाई की.
 
रशिका के अलावा 53 अन्य मुस्लिम छात्रों ने एपीएससी परीक्षा उत्तीर्ण की और एसीएस, एपीएस और अन्य संबद्ध सेवा के लिए चुने गए.एसीएस के लिए रशिका इस्लाम, वहीदुज जमान, जमानूर इस्लाम, असफाक लस्कर, बेनजीर इलियास, अबू सईद मोहम्मद, गोलजार हुसैन, अफ्फान खान का चयन किया गया है. असम पुलिस सेवा के लिए फैयाज अहमद, रूबीना बेगम, अरशद वसीम अहमद और एसके साजिदुर इस्लाम का चयन किया गया है.
 
कर अधीक्षक के लिए शब्नू रहमान एवं शाहजहां अली का चयन किया गया है. असम फाइनेंस सर्विसेज के लिए मोहम्मद अब्दुल वकील का चयन किया गया है.खंड विकास अधिकारी मोहसिन सिद्दीकी, जाहिद हुसैन हजारिका खुर्शीदा खानम और अंतरा हुसैन होंगे. जिला उद्योग केंद्र की सहायक प्रबंधक फरीदा यास्मीन होंगी. सहकारी समितियों के सहायक रजिस्ट्रार पिनाज रहमान होंगे. टैक्स इंस्पेक्टर पाकीजा बेगम और जावेद अख्तर लस्कर होंगे.
 
आबकारी निरीक्षक पद के लिए मोहम्मद तजीम अहमद, इमरान हुसैन, सरनाज मेहबूब का चयन हुआ है. सब रजिस्टर, मुद्रिका झबीउल्लाह बनेंगे. सहायक लेखा परीक्षा अधिकारी शबीहा शबनम, तनवीर, परवेज, हमीदुर्रहमान, सलीम माजिद, अंजुम परबीन और जहांगीर आलम बरभुइया का चयन किया गया है.
 
सहायक खाता अधिकारी पदों के लिए फिलोरिना बेगम, तनवीर अमीन, वसीम अहमद, सैयदा तमन्ना यास्मीन, मनीन उद्दीन अहमद, नेकिब जमान अहमद, जाफरीन रहमान, फिरदौस रहमान, जैकी अहमद, रौचना परबीन अकंद, मिर्जा कौसर अहमद, शम्सुर रहमान, अब्दुल अल्लाह अहमद का चुयन हुआ है. खैरुल इस्लाम, शबाना राकिया अहमद, मोहम्मद अली और अबू बकर सिद्दीकी भी चुने गए हैं.
 
अहमद फराज परिवहन सेवा विभाग में अनुसंधान सहायक होंगे. असम शहरी प्रशासनिक सेवा के लिए अजहरुल आलम, आसिफ अली खान, बैतुल आलम रहमान और अजमल हुसैन का चयन किया गया है.
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कुल मिलाकर 68 मुस्लिम उम्मीदवारों ने 2013, 2014, 2015, 2016 और 2018 में एपीएससी द्वारा आयोजित सीसीई को क्रैक किया है. अब एक ही वर्ष में 54 मुस्लिम उम्मीदवारों द्वारा एक ही परीक्षा को क्रैक करना असम में अल्पसंख्यक समुदाय के लिए बहुत उत्साहजनक और सकारात्मक विकास माना जा रहा है.
 
प्रख्यात सर्जन और पद्मश्री डॉ इलियास अली ने कहा, एसीएस और संबद्ध सेवाओं के लिए चयनित मुस्लिम उम्मीदवारों की संख्या भविष्य में अधिक होगी, बशर्ते उनके बीच गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का प्रसार हो.