हिंदी मीडियम छात्र मोहम्मद आजम ने पहले प्रयास में पास की आइआइटी प्रवेश परीक्षा, अब देते हैं कोचिंग

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 19-07-2022
मोहम्मद आजम
मोहम्मद आजम

 

 मोईनुद्दीन ग़नी / अमरोहा

कौन कहता है आसमान में सुराख नहीं हो सकता एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारो, यह पंक्तियां उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गांव जोगीपुरा में रहने वाले मोहम्मद आजम पर एकदम फिट बैठती है.

कौन हैं मोहम्मद आजम

मोहम्मद आजम का जन्म जनपद अमरोहा के छोटे से गांव जोगीपुरा में हुआ आज़म  के परिवार में तीन बहने हैं और वह तीन बहनों के इकलौते भाई हैं.उनके परिवार में उनके अलावा कोई ग्रेजुएट नहीं है और मोहम्मद आजम की माता भी पढ़ी-लिखी नहीं है.

मोहम्मद आजम ने बारहवीं की यूपी बोर्ड की परीक्षा में 82%अंक प्राप्त करने के साथ अपने जिले अमरोहा में प्रथम स्थान प्राप्त किया और अपने मंडल मुरादाबाद में उनका 11वॉ स्थान था. गांव में बेहद कम संसाधनों से जूझते हुए हिंदी मीडियम के इस छात्र ने आईआईटी की परीक्षा प्रथम बार में ही पास कर ली थी.

मोहम्मद आज़म का गांव से लेकर आइआइटी पास करने तक का सफर

मोहम्मद आज़म यूपी के ऐसे ठेठ गांव से आते हैं, जहां पढ़ाई लिखाई का कोई भी माहौल नहीं है न ही वहां बिजली की ठीक व्यवस्था है न ही वहां स्कूल है. आज़म स्कूली पढ़ाई के लिए 3किलोमीटर पैदल चलकर जाया करते थे.

उसके बाद आजम 11वीं की पढ़ाई के लिए 15किलोमीटर साइकिल चलाकर शहर जाया करते थे. आज़म ने गांव में बिजली न होते हुए भी अपनी मेहनत से ढिबरी की रोशनी में पढ़ाई की और 12वीं की यूपी बोर्ड की परीक्षा में अपने जिले अमरोहा में प्रथम स्थान प्राप्त किया और अपने मंडल मुरादाबाद में 11वॉ स्थान मोहम्मद आजम ने प्राप्त किया.

12वीं में जिले में प्रथम स्थान आने के बाद आजम को पता ही नहीं था कि आगे उन्हें भविष्य में करना क्या है, क्योंकि उनके घर में भी पढ़ाई लिखाई का कोई माहौल नहीं था और गांव की ऐसी पृष्ठभूमि थी कि वहां भी कोई यह बताने वाला नहीं था कि बारहवीं के बाद क्या किया जाए.

मोहम्मद आजम की प्रतिभा को देखते हुए उनके एक अध्यापक ने उन्हें सुझाव दिया कि तुम आईआईटी की कोचिंग करने दिल्ली चले जाओ. मोहम्मद आजम टीचर का कहना मान कर आईआईटी की कोचिंग करने दिल्ली आ गए और दिल्ली आकर उन्होंने नोएडा में आइआइटी की कोचिंग शुरू कर दी.

यहां आजम के साथ एक समस्या आई कि आजम को जो भी टीचर पढ़ाते थे वह सब अंग्रेजी में पढ़ाया करते थे और आजम जिस पृष्ठभूमि से आते हैं भले ही उनके अंक ज्यादा थे लेकिन उनकी अंग्रेजी अच्छी नहीं थी. इसीलिए टीचर का पढ़ाया उनके समझ नहीं आता था अब आजम आईआईटी की कोचिंग लेने तो दिल्ली आ गए लेकिन यहां आकर अंग्रेजी अच्छी ना होने की वजह से उन्हें बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ा.

 

फिर भी मोहम्मद आजम ने हिम्मत नहीं हारी और अपनी अंग्रेजी को अच्छा किया अपनी अंग्रेजी को उन्होंने इतना अच्छा कर दिया कि वह धीरे-धीरे टीचर के लेक्चर टीचर से पढ़ाया बताया समझने लगे. उसके बाद मोहम्मद आजम ने निरंतर मेहनत करते हुए प्रथम बार में ही आईआईटी की परीक्षा पास कर ली और आईआईटी में उनकी 11,693रैंक आई.

मोहम्मद आजम ने नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, एनआइटी सिलचर, असम में एडमिशन लिया. उनका एडमिशन इलेक्ट्रिकल ट्रेड में हुआ.

जब आजम आईआईटी पास करने के बाद अपने इंस्टिट्यूट के फर्स्ट ईयर में ही पढ़ाई कर रहे थे,तभी से उन्होंने असम में घर-घर जाकर आईआईटी के इच्छुक बच्चों को पढ़ाना शुरू कर दिया था.

फिर उसी वक्त से ही जब आजम अपने इंस्टिट्यूट में पढ़ाई कर रहे थे. तभी से ही उनके पढ़ाए हुए बच्चों का भी आईआईटी में सिलेक्शन होने लगा. आजम ने आईआईटी की पढ़ाई पूरी करने के बाद कुछ समय तक एक कंपनी में नौकरी भी की, लेकिन नौकरी करने में उन्हें मजा नहीं आया फिर उन्होंने आईआईटी की तैयारी कर रहे बच्चों को पढ़ाने का ही फैसला कर लिया. उन्होंने असम में मात्र 6छात्रों की संख्या के साथ अपना कोचिंग सेंटर शुरू किया.

आज असम में आजम के एडु-स्पेस अकेडमी में 120छात्र आईआईटी की कोचिंग ले रहे हैं. जनवरी 2018से उनकी ये कोचिंग अकैडमी असम में चल रही है और तब से यहां से बहुत सारे छात्रों का आईआईटी में अच्छी रैंक पर सिलेक्शन भी हो चुका है. 

आजम का मानना है कि वह प्रैक्टिकल कराने पर ज्यादा विश्वास करते हैं और उनकी एकेडमी की क्लासेज में उनकी फैकल्टी प्रैक्टिकल्स के द्वारा छात्रों को ज्यादा समझाती है. उससे छात्रों का इंटरेस्ट पढ़ाई में बना रहता है और वह अच्छा प्रदर्शन करते हैं ऐसा आजम का मानना है.

मोहम्मद आजम से जुड़ा एक रोचक किस्सा

मोहम्मद आजम अपने जोगीपुरा गांव के पहले ऐसे छात्र हैं जिन्होंने गणित विषय पढ़ाई के लिए चुना इनसे पहले किसी ने भी गणित विषय उस गांव में लिया ही नहीं था और आज आजम आईआईटी के बच्चों को गणित विषय ही पढ़ाते हैं.