नई दिल्ली
जामिया मिल्लिया इस्लामिया (जेएमआई) के 105वें स्थापना दिवस समारोह के अवसर पर समाज कार्य विभाग ने डॉ. एम.ए. अंसारी सभागार में 'एनईपी-2020 की संभावनाएं' विषय पर उच्चस्तरीय पैनल चर्चा का आयोजन किया। यह कार्यक्रम विभाग की वार्षिक एस.आर. मोहसिनी मेमोरियल व्याख्यान श्रृंखला का हिस्सा भी था।
सम्मानित पैनल में प्रो. अनिल डी. सहस्रबुद्धे, अध्यक्ष, एनईटीएफ, एनबीए, एनआईआरएफ और ईसी एनएएसी; प्रो. ममीदला जगदीश कुमार, पूर्व अध्यक्ष, यूजीसी और पूर्व कुलपति, जेएनयू; तथा प्रो. डी.पी. अग्रवाल, पूर्व अध्यक्ष, यूपीएससी शामिल थे। पैनल में जेएमआई के कुलपति प्रो. मजहर आसिफ़ और रजिस्ट्रार प्रो. मोहम्मद महताब आलम रिज़वी भी उपस्थित थे।
कार्यक्रम की शुरुआत पवित्र कुरान के पाठ और जामिया स्कूल के छात्रों द्वारा जामिया तराना के भावपूर्ण गायन से हुई। रजिस्ट्रार प्रो. मोहम्मद महताब आलम रिज़वी ने स्वागत भाषण में एनईपी के मसौदा निर्माण में योगदान देने वाले पैनलिस्टों की सराहना की और भारतीय ज्ञान प्रणालियों (आईकेएस) के समकालीन शिक्षा में समावेश का महत्व रेखांकित किया।
प्रो. ममीदला जगदीश कुमार ने एनईपी के "मल्टीपल एंट्री और एग्जिट" मॉडल की व्याख्या करते हुए शोध, जिज्ञासा और आलोचनात्मक सोच को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। प्रो. डी.पी. अग्रवाल ने शिक्षकों की भूमिका पर बल दिया और कहा कि शिक्षक ही एनईपी-2020 की सफलता की प्रेरक शक्ति हैं। उन्होंने छात्रों के लिए लचीली, कौशल-संपन्न और मूल्य संवर्धन वाली शिक्षा की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला।
प्रो. अनिल डी. सहस्रबुद्धे ने जेएमआई के 48 विभागों और 28 उत्कृष्टता केंद्रों के बहु-विषयक शिक्षा मॉडल को एनईपी के अंतःविषयक दृष्टिकोण के साथ जोड़ा और शोध, नवाचार एवं स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र में शिक्षकों की सक्रिय भागीदारी की आवश्यकता पर जोर दिया।
जेएमआई की एनईपी शीर्ष समिति की अध्यक्ष प्रो. मिनी शाजी थॉमस ने "नई तालीम टू एनईपी: ए ट्रांस्फोर्मेशनल जर्नी फ्रॉम 1920–2020 एंड बियॉंड" पर प्रस्तुति देते हुए चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रम (एफवाईयूपी), मल्टीपल एंट्री-एग्जिट सिस्टम और अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट की सफलताएं साझा कीं।
कुलपति प्रो. आसिफ़ ने पैनलिस्टों का आभार व्यक्त करते हुए एनईपी-2020 को पूरी लगन से लागू करने और छात्रों के बहुभाषी, कौशल-संपन्न और मूल्य संवर्धन वाले विकास पर जोर देने की प्रतिबद्धता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि जामिया छात्र-केंद्रित दृष्टिकोण अपनाकर सुरक्षित और समावेशी शैक्षणिक वातावरण सुनिश्चित करता है।
समाज कार्य विभाग के अध्यक्ष प्रो. आर.आर. पाटिल ने धन्यवाद ज्ञापित किया और समारोह का समापन विभाग के प्लेसमेंट ब्रोशर के विमोचन के साथ हुआ। इसके अतिरिक्त, डॉ. ज़ाकिर हुसैन पुस्तकालय द्वारा "सेलेब्रेटिंग फाउंडर्स एंड जामिया ऑथर्स" पुस्तक प्रदर्शनी और जामिया लेखकों की ग्रंथ सूची का भी विमोचन किया गया।

 
                                        



 
                                
 
                                     
                                     
                                     
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