बर्लिन
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने बर्लिन में एक महत्वपूर्ण वार्ता से पहले स्पष्ट किया है कि यदि पश्चिमी देश यूक्रेन को मजबूत और कानूनी रूप से बाध्यकारी सुरक्षा गारंटी प्रदान करते हैं, तो कीव नाटो में शामिल होने पर जोर नहीं देगा। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका को रूस को क्षेत्र सौंपने के लिए उन पर दबाव नहीं बनाना चाहिए।
जेलेंस्की जर्मनी की राजधानी बर्लिन में अमेरिका और यूरोप के अधिकारियों के साथ युद्ध समाप्ति संबंधी वार्ताओं में भाग लेने पहुंचे हैं। वह अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ और ट्रंप के दामाद जेरेड कुशनर से होने वाली चर्चा से पहले चांसलरी पहुंचे।
“पश्चिम ने नाटो में शामिल होने का रास्ता बंद किया, इसलिए सुरक्षा गारंटी जरूरी”
वार्ता से पहले ‘व्हाट्सऐप ग्रुप चैट’ पर पत्रकारों से बातचीत में जेलेंस्की ने कहा कि अमेरिका और यूरोप के कई देशों ने फिलहाल यूक्रेन की नाटो सदस्यता को समर्थन नहीं दिया। ऐसे में अब कीव उम्मीद करता है कि उसे नाटो सदस्य देशों को मिलने वाली सुरक्षा के समान ही गारंटी दी जाए।
उन्होंने कहा,“ये सुरक्षा गारंटी रूस को दोबारा युद्ध शुरू करने से रोकने के लिए बेहद ज़रूरी हैं। यह हमारी ओर से एक महत्वपूर्ण समझौता होगा।”जेलेंस्की ने यह भी जोर दिया कि कोई भी सुरक्षा गारंटी कानूनी रूप से बाध्यकारी होनी चाहिए और इसके लिए अमेरिकी कांग्रेस की मंजूरी अनिवार्य है।
यूक्रेन-अमेरिका सैन्य बैठक पर नजर
उन्होंने कहा कि उनका दल हाल ही में स्टटगार्ट में यूक्रेनी और अमेरिकी सैन्य अधिकारियों के बीच हुई बैठक की रिपोर्ट की प्रतीक्षा कर रहा है।जेलेंस्की आज देर रात जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज़ और कुछ अन्य यूरोपीय नेताओं से भी अलग-अलग मुलाकात करने वाले हैं।
ट्रंप की जल्द समझौता चाहने की इच्छा—बड़ी बाधाएँ कायम
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति और रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप रूस-यूक्रेन युद्ध को जल्द से जल्द समाप्त करने की इच्छा जता चुके हैं, लेकिन समझौते की राह कई मुद्दों पर अटकी है। सबसे बड़ा विवाद दोनेत्स्क क्षेत्र पर नियंत्रण को लेकर है।
जहाँ अधिकांश क्षेत्र पर रूस का कब्जा है, वहीं कुछ हिस्से अभी भी यूक्रेनी सेना के नियंत्रण में हैं।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन चाहते हैं कि यूक्रेन इन शेष क्षेत्रों से भी सेना हटा ले, लेकिन कीव ने इसे सख्ती से खारिज किया है।
“दोनेत्स्क में आर्थिक क्षेत्र का प्रस्ताव अव्यवहारिक” — जेलेंस्की
जेलेंस्की ने बताया कि अमेरिका ने दोनेत्स्क के कुछ हिस्सों से पीछे हटने और वहां एक ‘मुक्त आर्थिक क्षेत्र’ बनाने का सुझाव दिया था, लेकिन उन्होंने इसे व्यावहारिक नहीं माना।उन्होंने पूछा,“इस आर्थिक क्षेत्र का संचालन कौन करेगा? यह उचित प्रस्ताव नहीं है।”
उन्होंने आगे कहा कि यदि बफर ज़ोन या आर्थिक क्षेत्र की बात की जा रही है तो यह स्पष्ट होना चाहिए कि सैनिक कहाँ-कहाँ से हटेंगे।“अगर यूक्रेनी सैनिक 5-10 किलोमीटर पीछे हटें, तो रूसी सैनिक कब्ज़े वाले इलाकों में उतनी ही दूरी क्यों न पीछे हटें?”
\“जहाँ खड़े हैं, वहीं खड़े रहना ही अभी सबसे यथार्थपरक विकल्प”
जेलेंस्की ने इस पूरे मुद्दे को अत्यधिक संवेदनशील बताते हुए कहा कि वर्तमान परिस्थिति में सबसे व्यावहारिक विकल्प यही है कि “हम जहां खड़े हैं, वहीं खड़े रहें।”यूक्रेन की यह स्थिति संकेत देती है कि वह सुरक्षा गारंटी को नाटो सदस्यता से ज़्यादा प्राथमिकता दे रहा है, लेकिन रूस को कोई भी क्षेत्रीय रियायत देने के लिए तैयार नहीं।