गोल्डन बॉय से चर्चित ऋषि सुनक कौन हैं ?

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 14-07-2022
गोल्डन बॉय से चर्चित ऋषि सुनक कौन हैं ?
गोल्डन बॉय से चर्चित ऋषि सुनक कौन हैं ?

 

मलिक असगर हाशमी /नई दिल्ली
 
बोरिस जॉसन के इस्तीफे के बाद ब्रिटेन में चल रही प्रधानमंत्री पद की दौड़ में यूं तो कहने को करीब आठ राजनेता शामिल हैं. मगर इसमें सबसे आगे हैं भारतीय मूल के ऋषि सुनक.  उन्होंने   चुनाव के पहले दौर की बाजी मार ली है, इसलिए उन्हें अब ब्रिटेन के पीएम पद का सबसे मजबूत दावेदार माना जाने लगा है.

पूर्व चांसलर ऋषि सनक ने शुक्रवार (8 जुलाई) को यूके के अगले प्रधानमंत्री और कंजरवेटिव पार्टी के नेता बनने के लिए अपनी पेशकश की थी. उन्होंने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर अपने अभियान की शुरुआत की थी. इस दौरान उन्होंने अपनी भारतीय विरासत पर जोर दिया और कहा कि उनका परिवार ही उनके लिए सब कुछ है.
 
भारतीय मूल के ब्रिटेन नेता ने कहा कि वह विश्वास बहाल करना, अर्थव्यवस्था का पुनर्निर्माण करना और देश को फिर से जोड़ना चाहते है. देशभक्ति, निष्पक्षता, कड़ी मेहनत के सदियों पुराने रूढ़िवादी मूल्यों को लेकर आगे बढ़ना चाहते हैं.
 
सुनक ने इन शब्दों के साथ अपनी दावेदारी तब पेश की जब एक दिन पहले प्रधान मंत्री बोरिस जॉनसन नेे इस्तीफा दे दिया. जॉनसन, जिन्होंने अपनी ही पार्टी की बढ़ती आलोचनाओं के बावजूद लगातार पद छोड़ने से इनकार करते रहे था.
 
50 से अधिक मंत्रियों के सरकारी पदों को छोड़ने के बाद आखिरकार उन्हें पीएम पद छोड़ना पड़ गया. इस्तीफे का सिलसिला दो सबसे वरिष्ठ मंत्रियों, ऋषि सुनक और साजिद जाविद के अचानक सरकार से बाहर निकलने के बाद शुरू हुआ. उन्होंने 5 जुलाई को कैबिनेट को अलविदा कह दिया था.
 
वित्त मंत्री का पद छोड़ते समय सुनक ने अपने त्याग पत्र में लिखा है,जनता उम्मीद करती है कि सरकार ठीक से, सक्षम और गंभीरता से संचालित होगी. उन्होंने कहा, मेरा मानना ​​है कि ये मानक लड़ने लायक हैं और इसलिए मैं इस्तीफा दे रहा हूं.
 
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कौन हैं ऋषि सुनक?

42 वर्षीय टोरी सांसद का जन्म ब्रिटेन के साउथेम्प्टन में भारतीय मूल के माता-पिता के घर हुआ. उनके पिता राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (एनएचएस) के लिए एक सामान्य चिकित्सक थे.
 
उनकी मां एक स्थानीय फार्मेसी चलाती थीं. उनके दादा-दादी पंजाब में पैदा हुए थे. 1960 के दशक में ब्रिटेन जाने से पहले पूर्वी अफ्रीका चले गए थे, जहां उन्होंने कथित तौर पर प्रशासनिक नौकरी की.
 
उन्होंने अभिजात वर्ग के निजी स्कूल विनचेस्टर कॉलेज में अध्ययन किया, जिसके बाद वे ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय गए, जहां उन्होंने एमबीए किया. उन्होंने प्रतिष्ठित फुलब्राइट छात्रवृत्ति भी जीती थी.
 
उनके प्रभावशाली रिज्यूमे में गोल्डमैन सेक्स और विभिन्न हेज फंड में एक निवेश बैंकर के रूप में काम करना शामिल है. सुनक ने 2009 में इंफोसिस के अरबपति मालिक नारायण मूर्ति के वारिस अक्षता मूर्ति से शादी की है.
 
ऋषि सुनक का राजनीतिक करियर

सनक का राजनीतिक करियर 2015 में शुरू हुआ, जब उन्हें रिचमंड, यॉर्कशायर के लिए कंजर्वेटिव सांसद चुना गया. ब्रेक्सिट के शुरुआती समर्थक, उनका करियर तब चरमरा गया जब उन्हें यूके की पूर्व पीएम थेरेसा मे की सरकार में जूनियर मंत्री बनाया गया.
 
सुनक, जिन्होंने 2019 में बोरिस जॉनसन के टोरी नेतृत्व चुनाव का समर्थन किया था, को उस वर्ष ट्रेजरी के मुख्य सचिव के पद से पुरस्कृत किया गया. फरवरी 2020 में एक कैबिनेट फेरबदल के बाद, सुनक को राजकोष के चांसलर के रूप में पदोन्नत किया गया. यह ऐसा पद है जो मंत्रिस्तरीय रैंकिंग में तीसरे स्थान पर है. केवल उप प्रधानमंत्री और प्रधानमंत्री ही उनके आगे होते हैं.
 
नवनिर्वाचित चांसलर के रूप में, उन्हें दुनिया भर में कोरोनोवायरस महामारी फैल गई और यूके में तालाबंदी कर दी गई तब अर्थव्यवस्था का नेतृत्व करने की कठिन चुनौती का सामना करना पड़ा. 
 
बीबीसी ने बताया कि ब्रिटेन के नागरिकों की मदद के लिए जो कुछ भी करना है करने का वचन देते हुए, उन्होंने 350 बिलियन का वित्तीय बचाव पैकेज लॉन्च किया, जिससे उनकी व्यक्तिगत सर्वेक्षण रेटिंग में जबरदस्त वृद्धि हुई. इसके उन्हें खूब तारीफ मिली. उनके इस कदम से बड़े पैमाने पर बेरोजगारी को टाला गया.
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ऋषि सुनकी की नीतियों की आलोचना

सुनक कुछ वर्षों में कंजर्वेटिव पार्टी के माध्यम से तेजी से बढ़े बढ़ने वाले नेता हैं. इसके साथ ही उन्हें चांसलर के रूप में अपनी भूमिका के दौरान विपक्ष और जनता की तीखी आलोचना का सामना भी करना पड़ा था.
 
कथित तौर पर कोविड -19 लॉकडाउन के दौरान घरों को पर्याप्त वित्तीय सहायता नहीं देने के लिए सुनक की आलोचना की गई थी. रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2021 में उन्हांेने ब्रिटेन के 70 वर्षों के इतिहास में सर्वाधिक कर लगाए.
 
चांसलर के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान, यूके को भी 40 वर्षों में मुद्रास्फीति की उच्चतम दर का सामना करना पड़ा. इस साल अप्रैल में उपभोक्ता कीमतों में 9 प्रतिशत की वृद्धि हुई.
 
तब बैंक ऑफ इंग्लैंड ने चेतावनी दी कि सुनक के इस कदम से आने वाले समय में यह वृद्धि 11 प्रतिशत तक पहुंच जाएगी. नतीजतन, यूके में विभिन्न यूनियनों ने उच्च वेतन के लिए हड़ताल करना शुरू कर दिया.
 
पिछले महीने, ब्रिटेन को 30 वर्षों में अपनी सबसे बड़ी रेल हड़ताल का सामना करना पड़ा.40,000 से अधिक रेल कर्मचारियों ने बड़े पैमाने पर वाकआउट किया और अन्य समूहों ने भी औद्योगिक कार्रवाई ठप करने की धमकी दी.
 
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ऋषि सुनक की व्यक्तिगत छवि

ब्रिटिश राजनीति के गोल्डन बॉय को व्यक्तिगत घोटालों का भी सामना करना पड़ा, जब उनकी पत्नी अक्षता मूर्ति के संपत्ति पर विवाद छिड़ गया. अप्रैल में पता चला कि उन्हें ब्रिटेन में गैर-अधिवास का दर्जा प्राप्त था. इस प्रकार, उन्हांेने अपनी विदेशी आय पर ब्रिटेन में कर का भुगतान नहीं किया.
 
बीबीसी की एक रिपोर्ट में कहा गया है,हालांकि यह अवैध नहीं है. लेबर पार्टी ने कहा कि यह चांसलर की पत्नी के लिए कम कर बिल के लिए लुभावनी पाखंड था, जबकि सनक लाखों श्रमिकों के लिए कर बढ़ा रहे थे.
 
विवाद के बाद, मूर्ति ने घोषणा की कि वह यूके के करों का भुगतान करना शुरू कर दंेगी. रिपोर्टों से संकेत मिलते हैं कि उन्हांेने इंफोसिस में अपने शेयरों से लाभांश पर करों में लगभग 20 मिलियन पाउंड की बचत की.
 
उनकी छवि को पार्टीगेट कांड के कारण भी नुकसान हुआ, जब मीडिया रिपोर्टों और सरकारी जांच से पता चला कि जॉनसन और सनक सहित सरकारी अधिकारियों ने ब्रिटेन के सख्त लॉकडाउन नियमों का उल्लंघन किया और पार्टियों में भाग लिया. दोनों पर जून 2020 में जॉनसन की बर्थडे पार्टी में शामिल होने के लिए मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने जुर्माना लगाया था.
 
सुनक के लिए आगे क्या ?

उनके खिलाफ आलोचनाओं के बावजूद, सर्वेक्षणों से संकेत मिलता है कि सुनक पीएम पद की दौड़ में सबसे आगे है. 7 जुलाई को प्रकाशित 716 कंजर्वेटिव पार्टी के सदस्यों के एक यूगोव स्नैप पोल ने सुनक को तीसरा सबसे लोकप्रिय टोरी उम्मीदवार दिखाया.
 
व्यापार नीति राज्य मंत्री पेनी मोर्डंट और रक्षा सचिव बेन वालेस पैक के बाद लोग उन्हें सबसे ज्यादा पसंद करते हैं.
 
कैसे होगा पीएम का चुनाव ?

विभिन्न वरिष्ठ कंजर्वेटिव सांसदों ने सार्वजनिक रूप से सुनक की उम्मीदवारी का समर्थन किया है और उनके रेडी फॉर ऋषि अभियान को बढ़ावा दिया है, जिसमें बीबीसी के अनुसार ओलिवर डाउडेन, जिन्होंने जून में पार्टी अध्यक्ष के रूप में इस्तीफा दिया और हाउस ऑफ कॉमन्स के नेता मार्क स्पेंसर शामिल हैं.
 
हालांकि हमें यह जानने में अभी 2-3 महीने का समय लगेगा कि क्या यूके का पहला भारतीय मूल के प्रधानमंत्री सुनक होंगे ? 1992 की बैकबेंच टोरी एमपी की समिति (सरकार या विपक्षी पदों पर नहीं रहने वाले मंत्री) आने वाले सप्ताह में प्रधानमंत्री पद की दौड़ के लिए समय सारिणी जारी करेगी.
 
दौड़ में भाग लेने के लिए, एक उम्मीदवार को कम से कम 8 अन्य टोरी सांसदों के नामांकन की आवश्यकता होती है. यदि दो से अधिक उम्मीदवार हैं, तो संख्या को घटाकर दो करने के लिए गुप्त मतदान की एक श्रृंखला आयोजित की जाएगी.
 
इसके बाद, कंजर्वेटिव पार्टी द्वारा अंतिम वोट किया जाएगा, और विजेता कंजर्वेटिव पार्टी और पीएम का नेता बन जाएगा.