अमेरिकी शुल्क के कारण छोटे उद्यमों के मामले में एनपीए बढ़ने की आशंका: क्रिसिल

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 06-10-2025
US tariffs could lead to higher NPAs for small businesses: Crisil
US tariffs could lead to higher NPAs for small businesses: Crisil

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली 

 
बैंकों द्वारा सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को दिए गए ऋण से जुड़ी सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां वित्त वर्ष 2025-26 के अंत तक मामूली रूप से बढ़कर लगभग 3.9 प्रतिशत हो सकती हैं।
 
घरेलू रेटिंग एजेंसी क्रिसिल रेटिंग्स ने सोमवार को यह आशंका जताई।
 
क्रिसिल रेटिंग्स ने कहा कि इन गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (एपीए) में वृद्धि मुख्य रूप से अमेरिका के भारतीय निर्यात पर लगाए गए 50 प्रतिशत शुल्क के चलते होगी।
 
गौरतलब है कि इस क्षेत्र का कुल एनपीए, जो बैंकिंग प्रणाली के बकाया ऋणों का 17 प्रतिशत है, वित्त वर्ष 2024-25 के अंत में 3.59 प्रतिशत था।
 
एजेंसी की निदेशक सुभा श्री नारायणन ने कहा, ''हमारा अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष में एमएसएमई क्षेत्र के एनपीए में मामूली वृद्धि होगा, जो 3.7-3.9 प्रतिशत तक पहुंच सकता है। ऐसा मुख्य रूप से अमेरिका के शुल्कों में भारी वृद्धि करने के चलते होगा।''
 
नारायणन ने कहा कि ये शुल्क कपड़ा, परिधान और कालीन, रत्न एवं आभूषण, झींगा और प्रसंस्कृत समुद्री खाद्य पदार्थ और रसायन उद्योग के कुछ क्षेत्रों को प्रभावित करेंगे।