अमेरिका ने ग्वाटेमाला और होंडुरास के साथ शरणार्थी समझौते पर किए हस्ताक्षर

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 27-06-2025
US signs refugee agreement with Guatemala and Honduras
US signs refugee agreement with Guatemala and Honduras

 

ग्वाटेमाला सिटी

अमेरिका ने ग्वाटेमाला और होंडुरास के साथ एक नया समझौता किया है, जिसके तहत इन देशों में अब दूसरे देशों से आने वाले शरणार्थियों को शरण दी जा सकेगी, जो सामान्यतः अमेरिका में शरण की मांग करते। अमेरिकी गृह सुरक्षा सचिव क्रिस्टी नोएम ने गुरुवार को अपनी सेंट्रल अमेरिका यात्रा के समापन पर यह जानकारी दी।

यह कदम पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की प्रशासनिक नीति को आगे बढ़ाता है, जिसमें अमेरिका अन्य देशों से आए शरणार्थियों को उनके देश या किसी तीसरे देश में वापस भेजने का विकल्प तलाशता रहा है, ताकि निर्वासन की प्रक्रिया तेज की जा सके।

नोएम ने इसे अमेरिका आने वाले शरणार्थियों के लिए वैकल्पिक मार्ग बताया। उन्होंने कहा कि ये समझौते कई महीनों से तैयार किए जा रहे थे, और अमेरिका ने होंडुरास व ग्वाटेमाला पर दबाव भी बनाया कि वे इन्हें स्वीकार करें।

“अब होंडुरास और आज के बाद ग्वाटेमाला ऐसे देश बन गए हैं जो इन लोगों को शरणार्थी दर्जा दे सकते हैं,” नोएम ने कहा। “हमने कभी यह नहीं माना कि अमेरिका ही एकमात्र विकल्प होना चाहिए। शरणार्थियों को किसी भी सुरक्षित जगह जाना चाहिए जहां उन्हें खतरे से सुरक्षा मिल सके – वह जरूरी नहीं कि अमेरिका ही हो।”

ट्रम्प काल के समझौतों की वापसी

पूर्व राष्ट्रपति ट्रम्प के पहले कार्यकाल में अमेरिका ने ग्वाटेमाला, होंडुरास और एल साल्वाडोर के साथ इसी तरह के "सेफ थर्ड कंट्री" समझौते किए थे। इसके तहत अमेरिका उन शरणार्थियों को अमेरिका में शरण देने से इनकार कर सकता था, जिन्हें इन तीसरे देशों में भेजा जा सकता था – यह मानते हुए कि वे देश "सुरक्षित" हैं।

कनाडा के साथ ऐसा ही एक समझौता अमेरिका 2002 से लागू कर रहा है।

हालांकि उस समय ग्वाटेमाला, होंडुरास और एल साल्वाडोर से बड़ी संख्या में लोग अमेरिका की ओर पलायन कर रहे थे, जिससे इन देशों की खुद की शरण प्रणाली काफी दबाव में थी और संसाधनों की कमी झेल रही थी।

फरवरी में हुए समझौतों का विस्तार

फरवरी 2025 में अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने एल साल्वाडोर और ग्वाटेमाला के साथ भी समझौते किए थे।

  • ग्वाटेमाला के मामले में वह केवल ट्रांजिट पॉइंट था — यानी शरणार्थियों को वहां से होकर उनके देश भेजा जाना था, शरण के लिए नहीं।

  • एल साल्वाडोर के साथ समझौता और व्यापक था — अमेरिका वहां से प्रवासियों को भेज सकता था और उन्हें हिरासत में भी रखा जा सकता था।

मेक्सिको ने इनकार किया, लेकिन सहयोग जारी

मेक्सिको की राष्ट्रपति क्लाउडिया शीनबाम ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि उनका देश "सेफ थर्ड कंट्री" समझौते पर हस्ताक्षर नहीं करेगा, लेकिन इसके बावजूद ट्रम्प के कार्यकाल में 5,000 से अधिक प्रवासियों को मानवीय आधार पर स्वीकार किया गया है, और उन्हें उनके मूल देशों में लौटाने में सहायता भी दी गई।

पनामा और कोस्टा रिका भी शामिल

अमेरिका ने पनामा और कोस्टा रिका के साथ भी समझौते किए हैं ताकि वे अन्य देशों के प्रवासियों को स्वीकार करें। हालांकि अब तक भेजे गए लोगों की संख्या सीमित रही है — फरवरी में पनामा को 299 और कोस्टा रिका को 200 से कम प्रवासी भेजे गए।

अमेरिका को मिल रहा है नया विकल्प

इन समझौतों से अमेरिका को ऐसे देशों के प्रवासियों के लिए विकल्प मिलते हैं, जिन्हें सीधे उनके देश भेजना संभव नहीं होता। यह नीति शरणार्थियों के लिए अमेरिका को एकमात्र विकल्प मानने की सोच को चुनौती देती है और क्षेत्रीय सहयोग के नए रास्ते खोलती है।