युद्ध के बाद पहले संबोधन में ख़ामेनेई का ऐलान— ईरान ने ज़ायोनियों और अमेरिका को करारा जवाब दिया

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 27-06-2025
Khamenei declares in his first speech after the war -
Khamenei declares in his first speech after the war - "Iran has given a befitting reply to the Zionists and America"

 

आवाज द वाॅयस/ नई दिल्ली

रान के सर्वोच्च नेता आयतुल्ला अली ख़ामेनेई ने इज़राइल के साथ हुए 12 दिवसीय युद्ध के बाद पहली बार राष्ट्र को संबोधित किया। गुरुवार को प्रसारित इस टेलीविज़न भाषण में उन्होंने ईरान की सैन्य सफलता और राष्ट्रीय एकजुटता की सराहना करते हुए स्पष्ट शब्दों में कहा—

“मैं ज़ायोनी सरकार (इज़राइल) पर आपकी जीत के लिए आपको बधाई देता हूँ। इस्लामिक रिपब्लिक की मार से ज़ायोनी कुचल दिए गए हैं और अब नष्ट होने की कगार पर हैं। वे बहुत बोलते थे, लेकिन हमारे प्रहारों ने उन्हें तोड़ दिया।”

“अमेरिकी हस्तक्षेप भी नाकाम रहा”

ख़ामेनेई ने दावा किया कि युद्ध में अमेरिका ने सीधा हस्तक्षेप किया क्योंकि उसे अंदेशा हो गया था कि अगर वह नहीं कूदा, तो इज़राइल का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा। लेकिन उनका कहना था—

“अमेरिका के हस्तक्षेप से भी उन्हें कुछ हासिल नहीं हुआ। हमने अमेरिका को भी निर्णायक झटका दिया है। मैं अमेरिका पर जीत के लिए समस्त ईरानी राष्ट्र को बधाई देता हूं।”

“ईरान की एकता अद्वितीय है”

ख़ामेनेई ने 90 मिलियन की आबादी वाले देश ईरान की एकता की प्रशंसा करते हुए कहा—

“हमारा पूरा राष्ट्र अपने सशस्त्र बलों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहा। ईरानियों ने संकट की घड़ी में अपनी राष्ट्रीय प्रतिबद्धता और अद्वितीय चरित्र का परिचय दिया।”

“ईरान पर आक्रमण की कीमत भारी होगी”

ईरानी सर्वोच्च नेता ने चेतावनी दी कि यदि कोई देश ईरान के खिलाफ़ फिर से आक्रमण की कोशिश करेगा, तो उसे भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। उन्होंने कहा—

“ज़ायोनियों को कभी यह कल्पना नहीं थी कि उन्हें ईरान से ऐसा झटका मिलेगा। हमने उनकी बहुस्तरीय रक्षा प्रणाली को ध्वस्त कर दिया और उनके महत्वपूर्ण सैन्य केंद्रों पर सफल हमले किए।”

“ट्रंप के दावे खोखले निकले”

ख़ामेनेई ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को भी आड़े हाथों लिया और कहा—

“ट्रंप का यह दावा झूठ है कि उन्होंने हमारे परमाणु प्रतिष्ठानों को नष्ट कर दिया। अमेरिका को इससे कुछ भी हासिल नहीं हुआ। हमारी परमाणु क्षमताएं सुरक्षित हैं।”

उन्होंने आगे बताया कि अमेरिका ने कतर के अल-उदीद सैन्य अड्डे पर हमला करके सच्चाई से ध्यान भटकाने की कोशिश की, लेकिन वास्तविक नुकसान का खुलासा समय के साथ होगा।

“ईरान कभी आत्मसमर्पण नहीं करेगा”

ख़ामेनेई ने अपने संबोधन में ट्रंप के उस बयान पर भी प्रतिक्रिया दी जिसमें उन्होंने कहा था कि अमेरिका तब तक संतुष्ट नहीं होगा जब तक ईरान आत्मसमर्पण नहीं कर देता।

“हम कभी आत्मसमर्पण नहीं करेंगे। हम एक मजबूत राष्ट्र हैं। हमने अमेरिका के मुंह पर तमाचा मारा है। अमेरिका चाहता है कि ईरान उसके अधीन हो जाए, लेकिन यह सपना कभी पूरा नहीं होगा।”

“हमारा देश गौरवशाली है और ऐसा ही रहेगा”

अपने भाषण के अंत में ख़ामेनेई ने ईरानी जनता को संबोधित करते हुए कहा—

“हमारा देश मजबूत है, हमारी सभ्यता इतिहास की गहराइयों में दर्ज है। हमारे लोग सम्मानित हैं और वे विजयी बने रहेंगे। यह ईश्वर की कृपा है।”

इस पूरे संबोधन में ख़ामेनेई ने युद्ध के बाद की ईरानी रणनीतिक जीत, जनसमर्थन और आत्मगौरव को प्रमुखता से रेखांकित किया, और यह स्पष्ट संदेश दिया कि ईरान न तो पीछे हटेगा और न ही दबेगा।