आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने बृहस्पतिवार को मलेशिया में अपने रूसी समकक्ष से मुलाकात के बाद कहा कि अमेरिका और रूस ने यूक्रेन शांति वार्ता के लिए नए विचारों का आदान-प्रदान किया है.
रुबियो ने रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ बातचीत के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यह एक नया और अलग दृष्टिकोण है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं इसे शांति की गारंटी वाली बात नहीं कहूंगा, लेकिन यह एक ऐसा विचार है, जिसे मैं राष्ट्रपति (डोनाल्ड ट्रंप) के समक्ष प्रस्तुत करूंगा.’’ रुबियो ने हालांकि, इस बारे में विस्तार से कुछ नहीं कहा.
अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप इस बात से निराश और हताश हैं कि इस संघर्ष को समाप्त करने के लिए रूसी पक्ष की ओर से बहुत लचीलापन नहीं दिखाया गया है.
रुबियो ने लावरोव से करीब 50 मिनट की वार्ता से कहा, ‘‘हमें इस संघर्ष का समाधान कैसे निकाला जा सकता है, इसके लिए आगे बढ़ने का एक खाका तैयार करना होगा। हमने इस बारे में कुछ विचार साझा किए कि यह कैसा दिख सकता है.’
उन्होंने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि इसमें बदलाव आएगा... और जहां भी हमें बदलाव लाने के अवसर दिखेंगे, हम वहां शामिल होते रहेंगे.’’
दोनों नेताओं ने कुआलालंपुर में दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संगठन (आसियान) के क्षेत्रीय मंच की वार्षिक बैठक से इतर बातचीत की. मंच में 10 आसियान सदस्य तथा रूस, चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, यूरोपीय संघ और अमेरिका सहित उनके सबसे महत्वपूर्ण राजनयिक साझेदार शामिल होते हैं.
रुबियो के पदभार ग्रहण करने के बाद से यह उनकी लावरोव से दूसरी सीधी मुलाकात थी। हालाँकि, दोनों नेता कई बार फोन पर बात कर चुके हैं. उनकी पहली मुलाकात फरवरी में सऊदी अरब के रियाद में हुई थी, जब ट्रंप प्रशासन रूस और यूक्रेन की शांति स्थापना की इच्छा को परखने की कोशिश कर रहा था।
दोनों नेताओं की बृहस्पतिवार की बैठक ऐसे समय में हुई, जब अमेरिका ने यूक्रेन को रक्षात्मक हथियारों की कुछ खेप भेजना फिर से शुरू कर दिया है.
रुबियो अन्य विदेश मंत्रियों से भी मुलाकात कर रहे हैं, जिनमें से कई ऐसे देश भी हैं जिनपर एक अगस्त से अमेरिका द्वारा आयात शुल्क लगाया जाना है.