संयुक्त राष्ट्र
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेस ने चेतावनी दी है कि लगातार बढ़ रहा वैश्विक सैन्य खर्च स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार जैसे बुनियादी क्षेत्रों में निवेश को घटा रहा है, जबकि यह खर्च शांति की गारंटी भी नहीं देता।
गुटेरेस ने मंगलवार को कहा कि ठोस सबूत मौजूद हैं कि अत्यधिक सैन्य व्यय अक्सर शांति को कमजोर करता है। यह हथियारों की दौड़ को बढ़ावा देता है, अविश्वास को गहरा करता है और उन संसाधनों को मोड़ देता है, जिन पर स्थिरता की नींव टिकती है।
रिकॉर्ड स्तर पर सैन्य खर्च
दस साल की सैन्य बढ़ोतरी के बाद वैश्विक सैन्य व्यय 2.7 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँच चुका है। इस पर संयुक्त राष्ट्र ने ‘The Security We Need: Rebalancing Military Spending for a Sustainable and Peaceful Future’ नामक रिपोर्ट तैयार की है, जिस पर चर्चा 22 सितंबर से शुरू होने वाली महासभा की वार्षिक बैठक में होगी।
2015 में तय किए गए 17 सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) में भूख मिटाना, स्वास्थ्य सुधारना, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना और असमानता घटाना शामिल है। लेकिन गुटेरेस की जुलाई 2025 की रिपोर्ट के मुताबिक इन लक्ष्यों में से सिर्फ 35% ही सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
गुटेरेस ने कहा –“आज का सैन्य खर्च अस्थिर और असंतुलित है। यदि दुनिया को सुरक्षित बनाना है, तो जितना पैसा हम युद्ध पर खर्च करते हैं, उतना ही गरीबी मिटाने पर भी निवेश करना होगा।”
रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष
स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट के अनुसार, मौजूदा रुझान जारी रहे तो 2035 तक वैश्विक सैन्य व्यय 6.6 ट्रिलियन डॉलर तक पहुँच सकता है।
बीते साल 100 से अधिक देशों ने सैन्य खर्च बढ़ाया।
केवल 93 अरब डॉलर (कुल सैन्य बजट का 4%) प्रतिवर्ष खर्च करके 2030 तक वैश्विक भूखमरी समाप्त की जा सकती है।
5 ट्रिलियन डॉलर से गरीब और निम्न-मध्यम आय वाले देशों के हर बच्चे को 12 साल की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जा सकती है।
1 अरब डॉलर का सैन्य खर्च लगभग 11,200 नौकरियां पैदा करता है, जबकि यही राशि शिक्षा में 26,700, स्वच्छ ऊर्जा में 16,800 और स्वास्थ्य क्षेत्र में 17,200 नौकरियां दे सकती है।
संयुक्त राष्ट्र के अन्य अधिकारियों की राय
निरस्त्रीकरण प्रमुख इज़ूमी नाकामित्सु ने कहा, “वैश्विक प्राथमिकताओं का पुनर्संतुलन विकल्प नहीं बल्कि मानवता के अस्तित्व के लिए अनिवार्यता है।”
यूएनडीपी के कार्यकारी प्रशासक हाओलियांग ज़ू ने कहा, “जब लोग स्वस्थ, शिक्षित और गरिमापूर्ण जीवन जीते हैं, तो समाज अधिक शांतिपूर्ण होते हैं। लेकिन जहाँ गरीबी और अविकास है, वहाँ हिंसा और असुरक्षा पनपती है।”
नाकामित्सु से पूछा गया कि देशों को सैन्य खर्च घटाने और विकास पर खर्च बढ़ाने के लिए कैसे मनाया जाएगा। उन्होंने कहा, “इसका कोई एकमात्र समाधान नहीं है। लेकिन हमारा उद्देश्य है कि संयुक्त राष्ट्र के 193 सदस्य देश और जनता इस गंभीर बहस को आगे बढ़ाएं कि वैश्विक सुरक्षा कैसे विकास और आर्थिक प्रगति में निवेश करके हासिल की जा सकती है।”