आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
संयुक्त राष्ट्र आने वाले महीनों में अपने विभिन्न शांति मिशन और बलों में भारी कटौती करेगा, जिसके तहत हजारों शांति रक्षकों को विभिन्न स्थानों से वापस बुलाया जाएगा। यह कदम अमेरिका द्वारा संयुक्त राष्ट्र को दिए जाने वाले वित्त पोषण में कटौती के बाद उठाया जा रहा है।
संयुक्त राष्ट्र के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न उजागर करने की शर्त पर बुधवार को बताया कि दुनियाभर में शांतिरक्षकों में 25 प्रतिशत तक की कटौती की जाएगी क्योंकि संयुक्त राष्ट्र का सबसे बड़ा वित्त पोषक अमेरिका, देश के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ‘‘अमेरिका प्रथम’’ नीति के तहत अपनी प्राथमिकताओं में बदलाव कर रहा है।
अधिकारी ने बताया कि नौ वैश्विक मिशन में तैनात 50,000 से अधिक शांति रक्षकों में से करीब 13,000 से 14,000 सैन्य और पुलिस कर्मियों को उनके देशों में वापस भेजा जाएगा। साथ ही अगले वर्ष के लिए शांति मिशन के 5.4 अरब अमेरिकी डॉलर के बजट में लगभग 15 प्रतिशत की कटौती की जाएगी।
यह निर्णय संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस और प्रमुख दानदाता देशों के बीच हुई बैठक के बाद लिया गया जिनमें संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका के नए राजदूत माइक वाल्ट्ज भी शामिल थे।
संयुक्त राष्ट्र के अधिकारी ने बताया कि अमेरिका ने कहा है कि वह इस बार शांति मिशनों के लिए 68 करोड़ डॉलर का योगदान देगा जो पिछले वर्ष के एक अरब डॉलर से काफी कम है। यह वित्त पोषण विशेष रूप से उन मिशन के लिए उपलब्ध होगा जिनमें अमेरिका की विशेष रुचि है, जैसे लेबनान और कांगो में चल रहे मिशन।
संयुक्त राष्ट्र के शांति मिशन बजट का लगभग आधा हिस्सा अमेरिका और चीन के योगदान से आता है। एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चीन ने इस वर्ष के अंत तक अपनी पूरी देनदारी चुकाने का आश्वासन दिया है।