कैनबरा (ऑस्ट्रेलिया)
ऑस्ट्रेलिया के उप-प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री रिचर्ड मार्ल्स ने भारत के साथ हुए नए रक्षा समझौते को दोनों देशों की सेनाओं के बीच संचालनिक साझेदारी को मजबूत करने की दिशा में एक "अत्यंत महत्वपूर्ण कदम" बताया है।
विशेष बातचीत में मार्ल्स ने कहा:"मुझे लगता है कि आज का दिन इस बात का प्रतीक है कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच जो गहरा विश्वास और रणनीतिक सामंजस्य है, वह अब हमारी सेनाओं के संचालनिक स्तर पर गहरी साझेदारी के रूप में सामने आ रहा है।
जो समझौता हमने हस्ताक्षरित किया है—विशेष रूप से हमारे संचालन कमांड्स के बीच स्टाफ टॉक्स (वार्ता) को लेकर—वह बेहद महत्वपूर्ण है... हम इसे लेकर बेहद उत्साहित हैं।"
यह टिप्पणी कैनबरा में हुए एक प्रमुख रक्षा समझौते के हस्ताक्षर के बाद आई, जिसमें भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और ऑस्ट्रेलिया के उप-प्रधानमंत्री रिचर्ड मार्ल्स की मौजूदगी रही। इस समझौते का उद्देश्य दोनों सेनाओं के बीच इंटरऑपरेबिलिटी (संचालनिक तालमेल), सूचना साझाकरण, और संयुक्त अभियान समन्वय को बढ़ावा देना है।
राजनाथ सिंह, जो आधिकारिक दौरे पर ऑस्ट्रेलिया पहुंचे हैं, को कैनबरा के संसद भवन में पारंपरिक 'वेलकम टू कंट्री' स्मोक सेरेमनी के माध्यम से सम्मानित किया गया—यह समारोह ऑस्ट्रेलिया की आदिवासी विरासत को सम्मान देने का प्रतीक है।
दौरे के दौरान, राजनाथ सिंह और रिचर्ड मार्ल्स के बीच विस्तृत वार्ताएं हुईं, जिनमें भारत-ऑस्ट्रेलिया रक्षा साझेदारी, समुद्री सुरक्षा सहयोग, और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में संयुक्त पहलों को आगे बढ़ाने जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई। दोनों नेताओं ने क्षेत्र में शांति, स्थिरता और नियम-आधारित व्यवस्था बनाए रखने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
इस दौरान ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज़ भी बैठक में शामिल हुए, जो यह दर्शाता है कि कैनबरा भारत के साथ अपने संबंधों को कितनी रणनीतिक प्राथमिकता दे रहा है। बैठक की तस्वीरों में पीएम अल्बनीज़ और राजनाथ सिंह के बीच गर्मजोशी से हाथ मिलाते हुए, और रिचर्ड मार्ल्स के साथ खड़े नजर आना, भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच गहराते सहयोग का स्पष्ट संकेत है।
यह यात्रा दोनों देशों के बीच रक्षा और रणनीतिक सहयोग को नई ऊंचाई तक ले जाने की दिशा में एक मजबूत कदम मानी जा रही है, खासकर इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में बढ़ती चुनौतियों के मद्देनजर।