छत्तीसगढ़ की राजनीति में एक ऐसा नाम उभरा है, जिसने संघर्ष और समर्पण से यह साबित किया कि नेतृत्व केवल वंश से नहीं, बल्कि कर्म से कमाया जाता है, यह नाम है- तौक़ीर रज़ा. वे भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता, तेजतर्रार डिबेटर, सफल उद्यमी, खेल और संगीत प्रेमी तथा सामाजिक कार्यकर्ता हैं. आवाज द वाॅयस के ‘द चेंज मेकर्स’ सीरिज के लिए रायपुर से पेश है हमारी सहयोगी मंदाकिनी मिश्रा की यह खास रिपोर्ट.
समाज, राजनीति और व्यापार को समान संतुलन के साथ आगे बढ़ाना उनकी सबसे बड़ी विशेषता है. आज के दौर में तौक़ीर रज़ा राजनीति, उद्यमिता और समाज सेवा तीनों ही क्षेत्रों में सक्रिय हैं. उनका जीवन संघर्ष, समर्पण और सेवा का प्रतीक है. वे आम जनता और कार्यकर्ताओं के बीच सहजता से घुल-मिल जाते हैं और हर परिस्थिति में उपलब्ध रहते हैं.
एक सामान्य परिवार में जन्म, राजनीति के साथ बिजनेस में भी जमाई पैठ
साफगोई और मिलनसार व्यक्तित्व के धनी तौकीर रज़ा का जन्म (15सितंबर 1973) एक सामान्य परिवार में हुआ. बचपन से ही उनमें नेतृत्व की प्रवृत्ति और कुछ अलग करने का जज़्बा देखा गया. पढ़ाई के साथ-साथ वे खेल और सांस्कृतिक गतिविधियों में हमेशा अग्रणी रहे. शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने साल 2000व्यवसाय की ओर कदम बढ़ाया और अपनी मेहनत व ईमानदारी से कारोबार में अच्छा मुकाम हासिल किया. व्यावसायिक जीवन में तौकीर रज़ा ने कई क्षेत्रों में काम किया है. उन्होंने छोटे स्तर से शुरुआत की और धीरे-धीरे अपने कारोबार को प्रदेश में स्थापित किया. पैकेट दूध के व्यापार में बढ़िया काम किया. उन्होंने कारोबार को केवल मुनाफ़े तक सीमित नहीं रखा, बल्कि समाज को भी इससे जोड़ा. स्थानीय युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराना, छोटे व्यापारियों को मार्गदर्शन देना और सामाजिक कार्यों में सहयोग करना तौकीर रज़ा की विशेषता रही.
राजनीति में ऐसे हुई एंट्री, भाजपा में बनाई मजबूत पकड़
भाजपा से जुड़कर तौकीर रज़ा ने राजनीति के क्षेत्र में सक्रिय भूमिका निभाई. उनकी कार्यशैली और सरल स्वभाव ने उन्हें पार्टी के भीतर एक मजबूत पहचान दिलाई. वे ज़मीनी स्तर पर संगठन को मज़बूत करने और जनता के बीच जुड़ाव बनाने के लिए जाने जाते हैं. उनके लिए राजनीति केवल सत्ता की चाह नहीं, बल्कि समाज की सेवा का माध्यम है. इसके साथ तौकीर रज़ा ने हमेशा शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसे मुद्दों पर काम किया है. वे युवाओं को मुख्यधारा में जोड़ने और उन्हें सकारात्मक दिशा देने पर ज़ोर देते हैं.
गरीब तबके की मदद, धार्मिक सौहार्द्र को बढ़ावा देने और सामाजिक एकता कायम रखने की दिशा में भी उनका योगदान उल्लेखनीय है. राजनीति के शुरुआती दौर से ही तौक़ीर रज़ा भाजपा संगठन को मज़बूती देने में सक्रिय योगदान दिया. तौक़ीर रज़ा के अनुसार सबसे पहले भाजपा व्यापार प्रकोष्ठ में मंडल संयोजक बने और सबसे सक्रिय मंडल संयोजक में गिने गए. इसके बाद जिला भाजपा व्यापार प्रकोष्ठ में रहे. इसके बाद प्रदेश भाजपा व्यापार प्रकोष्ठ में विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में नई ऊर्जा दी. इन जिम्मेदारियों में तौक़ीर रज़ा ने व्यापारी वर्ग को भाजपा से जोड़ने और पार्टी की जड़ों को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई. विभिन्न राज्यों ओडिशा, उत्तर प्रदेश में पार्टी के लिए चुनाव कार्य किया.
संषर्घ, जिम्मेदारी और आत्मनिर्भरता की मिसाल
तौक़ीर रज़ा का बताते हैं कि 1994में भाजपा से प्राथमिक सदस्यता लेकर राजनीति की राह चुनी. उसी दौरान पारिवारिक संकट आया. पिता की दोनों किडनी खराब हो गई और मां ने अपनी एक किडनी दान दी, लेकिन परंतु पिता का निधन हो गया. उस कठिन समय में पूरे परिवार की जिम्मेदारी तौक़ीर रज़ा के कंधों पर आ गई. उन्होंने पढ़ाई के साथ निजी कंपनी जॉइन की और अपनी ईमानदार व कुशल प्रतिभा के बल पर घाटे में चल रही ब्रांच को प्रॉफिट में पहुंचा दिया. कुछ ही माह में उस कंपनी के ब्रांच मैनेजर बने और पांच वर्षों तक सुदूर बस्तर के कोने-कोने में कार्य करने के बाद रायपुर लौटकर खुद का व्यवसाय खड़ा किया. तौक़ीर रज़ा सुपर स्टॉकिस्ट और ट्रांसपोर्टिंग सहित कई क्षेत्रों में सफल उद्यमी के रूप में पहचाने जाते हैं. उनकी सबसे बड़ी खूबी यह रही कि उन्होंने अपने व्यवसाय को केवल लाभ तक सीमित नहीं रखा, बल्कि स्थानीय युवाओं को रोजगार और छोटे उद्यमियों को मार्गदर्शन देकर समाज से जोड़ा.
नक्सलवाद के खिलाफ बुलंद आवाज, धुरनक्सल क्षेत्र में बाइक रैली निकाली
तौक़ीर रज़ा बताते है कि उन्होंने Forum for Awareness of National Security (FANS) के बैनर तले नक्सलवाद के विरुद्ध ऐतिहासिक रैलियों का नेतृत्व किया. 22मार्च 2017में मांठ संगय डकाठ (हमारे साथ चलो) के नारे के साथ रायपुर से दंतेवाड़ा तक युवाओं को लेकर बड़ी लंबी 800किलोमीटर से अधिक की बाइक रैली की. नक्सल प्रभावित बारसूर में सीआरपीएफ जवानों के साथ भोजन कर नक्सलियों से आह्वान किया गया कि बुलेट छोड़ो, बैलेट पर विश्वास करो. इसी तरह 2018भी रैली निकाली गई. शहीद पुलिस जवान युगल किशोर वर्मा जी की स्मृति में मलैदा के जंगल, खैरागढ़ तक विशाल रैली की. नक्सलियों को सीना ठोककर संदेश दिया कि तुम हमारे एक जवान को मारोगे, हम 100जवान खड़ें करेंगे. वापस यह रैली मुख्यमंत्री निवास पर समाप्त हुई, यहां तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने रैली को सराहा.
ये उपलब्धियां भी
2014 – भाजपा सदस्यता अभियान में सक्रिय भागीदारी, 1400से अधिक नए सदस्य बनाए.
2015 – राज्य अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य नियुक्त हुए. सदस्य रहते प्रत्येक जिलों में धुआंधार दौरा कर जैन, मुस्लिम, सिख, ईसाई एवं बौद्ध समाजों की समस्याओं का ज़िला कलेक्टर के साथ समन्वय कर निराकरण किया.
2017–2018 – नक्सलवाद विरोधी ऐतिहासिक रैलियों का सफल नेतृत्व. नक्सलियों से नक्सलवाद छोड़ने की अपील भी की.
2022 – भाजपा प्रदेश प्रवक्ता नियुक्त किए गए. अब तक 4200से अधिक टीवी डिबेट्स में हिस्सा लिया. छत्तीसगढ़ में भाजपा की मज़बूत आवाज़ बने.
2023 – FANS के बैनर तले One Nation, One Law विषय पर इंद्रेश कुमार जी के मार्गदर्शन में विशाल सेमिनार का आयोजन.
2024 – मेडिकल कॉलेज सभागार, रायपुर में साइबर सिक्योरिटी पर विशाल जनजागरण कार्यक्रम किया. इस दौरान 1400से अधिक युवाओं ने इसमें रजिस्ट्रेशन किया और पूरे साइबर विशेषज्ञों को ध्यान से सुना व समझा भी.
मिलनसार और व्यवहारिक शैली ही रज़ा की खासियत
तौकीर रज़ा की खासियत उनकी मिलनसार और व्यवहारिक शैली है. वे आम जनता के बीच आसानी से घुल-मिल जाते हैं. चाहे संगठनात्मक बैठक हो या जनता की समस्याएं सुनना, वे हर जगह सहज और सक्रिय दिखाई देते हैं. यही कारण है कि धीरे-धीरे वे भाजपा में एक मज़बूत स्तंभ के रूप में देखे जाने लगे हैं. एक उद्यमी और नेता के रूप में तौकीर रज़ा के पास अनुभव और ऊर्जा दोनों हैं. राजनीति और व्यापार, दोनों ही क्षेत्रों में उनका सफर लगातार आगे बढ़ रहा है. आने वाले समय में वे प्रदेश की राजनीति में और अधिक प्रभावशाली भूमिका निभा सकते हैं.
खेल और संगीत में भी हुनर
तौकीर रज़ा बताते हैं कि राजनीति-व्यापार के अलावा खेल और संगीत में भी पसंद करते हैं. मैंने हॉकी में स्कूल स्टेट स्तर पर चमक बिखेरी और नागपुर, भोपाल, हिंगोली व हैदराबाद जैसे शहरों में राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा साबित की. कुश्ती में कुछ उपलब्धियां रहीं तो बॉडी बिल्डिंग में अविभाजित मध्यप्रदेश के Mr. MP रनरअप रहे साथ ही कई अन्य पुरस्कार जीते. इसके अलावा खैरागढ़ संगीत महाविद्यालय से शास्त्रीय संगीत की विधिवत शिक्षा ग्रहण कर गायन में निपुणता हासिल की.