अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की है कि इज़राइल और हमास ने गाज़ा संघर्ष को समाप्त करने के लिए अमेरिकी प्रस्तावित शांति योजना के पहले चरण पर सहमति जता दी है. उन्होंने कहा कि यह समझौता एक ऐतिहासिक और अभूतपूर्व घटना है, जो शांति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.
ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर कहा,"इसका मतलब है कि सभी बंधकों को बहुत जल्द रिहा कर दिया जाएगा और इज़राइल अपनी सेना को एक सहमति-निर्धारित सीमा रेखा तक पीछे हटा लेगा. यह मजबूत, टिकाऊ और चिरस्थायी शांति की दिशा में पहला कदम है."
उन्होंने आगे कहा,"सभी पक्षों के साथ निष्पक्ष व्यवहार किया जाएगा। यह अरब और मुस्लिम जगत, इज़राइल, उसके सभी पड़ोसी देशों और अमेरिका के लिए एक महान दिन है. हम कतर, मिस्र और तुर्की के उन मध्यस्थों का आभार व्यक्त करते हैं, जिन्होंने इस ऐतिहासिक और अभूतपूर्व घटना को संभव बनाया। धन्य हैं वे जो शांति स्थापित करते हैं!"
ट्रंप इस शुक्रवार को वाशिंगटन डीसी स्थित वॉल्टर रीड मेडिकल सेंटर में एक वार्षिक स्वास्थ्य जांच के लिए जाने वाले हैं. व्हाइट हाउस ने बताया कि इसके तुरंत बाद वे मध्य पूर्व की यात्रा पर जा सकते हैं, जहां उनके विशेष दूत हमास और इज़राइल के बीच संघर्ष विराम और बंधक रिहाई समझौते को अंतिम रूप देने के प्रयासों में जुटे हैं.
इस बीच, अल जज़ीरा की रिपोर्ट के अनुसार, हमास के गाज़ा प्रमुख खलील अल-हय्या मिस्र की खुफिया एजेंसी के प्रमुख के साथ मुलाकात कर रहे हैं, ताकि समझौते के अंतिम बिंदुओं को तय किया जा सके. सूत्रों के मुताबिक, गुरुवार को समझौते की आधिकारिक घोषणा हो सकती है.
वहीं, फ़िलिस्तीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) को एक पत्र लिखकर इज़राइल पर गाज़ा में "नरसंहार युद्ध" छेड़ने का आरोप लगाया है और कहा है कि तबाही अभूतपूर्व स्तर पर पहुंच गई है.
यह पत्र फ़िलिस्तीन के आधिकारिक X (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट पर साझा किया गया, जिसमें कहा गया:"जब दुनिया का बाकी हिस्सा रक्तपात को रोकने के लिए प्रयास कर रहा है, तब इज़राइल — एक कब्जाधारी शक्ति — फ़िलिस्तीनी जनता के खिलाफ अपने नरसंहार अभियान को लगातार अंजाम दे रहा है."
पत्र में यह भी कहा गया है कि इज़राइल ने सामूहिक दंड की अपनी आपराधिक नीति पर जोर दिया है और फिलिस्तीनी समाज को तहस-नहस करने के साथ-साथ कॉलोनी बसाने और कब्जा किए गए क्षेत्रों के विलय की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया है.
फ़िलिस्तीन का यह भी कहना है कि अक्टूबर 2023 से अब तक गाज़ा में 2,37,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं, जबकि अधिकांश घर और नागरिक ढांचे पूरी तरह ध्वस्त हो चुके हैं.
पत्र में चेतावनी दी गई है कि गाज़ा में जो कुछ हुआ है, वही अब वेस्ट बैंक में भी दोहराया जा सकता है, जहां यहूदी बस्तियों के बसने, हिंसा और जबरन विस्थापन की घटनाएं बढ़ रही हैं.
पत्र में यह कहा गया,"इज़राइल द्वारा जीवन और अंतरराष्ट्रीय कानून का लगातार हनन रोका जाना चाहिए। इस त्रासदी की दूसरी वर्षगांठ पर हम फिर दोहराते हैं—इस नरसंहार को अब रोका जाना चाहिए."
संघर्ष विराम वार्ता के तीसरे दिन यह घटनाक्रम ऐसे समय सामने आया है जब 7 अक्टूबर 2023 के हमले की दूसरी बरसी भी मनाई जा रही है. उस हमले के बाद ही इज़राइल ने गाज़ा पर बड़ा सैन्य अभियान शुरू किया था.
इस समझौते को गाज़ा संकट के शांतिपूर्ण समाधान की दिशा में एक निर्णायक मोड़ माना जा रहा है, हालांकि आगे की प्रक्रिया अब भी चुनौतीपूर्ण बनी हुई है.