न्यूयॉर्क
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को इज़रायल और हमास के बीच जारी गाजा युद्ध को खत्म करने के लिए एक 20 बिंदुओं वाला युद्धविराम प्रस्ताव पेश किया। इसके कुछ ही दिन बाद, शुक्रवार को हमास ने इस प्रस्ताव को कुछ शर्तों के साथ स्वीकार करने की घोषणा की।
हमास की प्रतिक्रिया के तुरंत बाद ट्रंप ने इज़रायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को फोन किया। Axios की रिपोर्ट के मुताबिक, नेतन्याहू ने फोन पर ट्रंप से कहा कि हमास की शर्तों के साथ सहमति किसी भी तरह से सकारात्मक संकेत नहीं है और इस प्रतिक्रिया का मतलब यह है कि उन्होंने प्रस्ताव को नामंज़ूर कर दिया है।
नेतन्याहू की बातों से नाराज़ होकर ट्रंप ने सख्त लहजे में कहा,
"मुझे समझ नहीं आता कि आप हमेशा इतने नकारात्मक क्यों रहते हैं। यह एक जीत है। इसे एक जीत की तरह स्वीकार कीजिए।"
एक अमेरिकी अधिकारी ने भी इस बात की पुष्टि की है कि ट्रंप ने नेतन्याहू को फटकार लगाई थी। इससे यह साफ होता है कि ट्रंप गाजा में युद्ध रोकने के लिए नेतन्याहू पर काफी दबाव बना रहे हैं और उन्हें समझाने की कोशिश कर रहे हैं कि अगर हमास युद्धविराम के लिए तैयार है, तो इसे मौका देना चाहिए।
हमास ने ट्रंप के प्रस्ताव पर अपनी आधिकारिक प्रतिक्रिया में कहा कि वे युद्ध समाप्त करने और गाजा से सभी इज़रायली सैनिकों की वापसी के बदले सभी बंधकों को छोड़ने को तैयार हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी जोड़ा कि प्रस्ताव के अन्य हिस्सों पर अभी बातचीत की ज़रूरत है।
इस बीच, रिपोर्टों के मुताबिक नेतन्याहू ने हमास की इस प्रतिक्रिया को नकारात्मक रूप में पेश करने की कोशिश की। लेकिन ट्रंप के लिए यह बात काफी मायने रखती थी कि हमास ने प्रस्ताव को पूरी तरह खारिज नहीं किया।
ट्रंप का मानना था कि हमास की प्रतिक्रिया शांति के लिए एक बड़ा कदम है, और इसी वजह से उन्होंने नेतन्याहू को चेतावनी भरे लहजे में कहा कि इस अवसर को गंवाना नहीं चाहिए।
स्रोत: Axios