इंडोनेशिया: स्कूल भवन के ध्वस्त होने से 49 की मौत, लापता छात्रों की खोज जारी

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 06-10-2025
Indonesia: 49 killed in school collapse, search continues for missing students
Indonesia: 49 killed in school collapse, search continues for missing students

 

सिडोर्जो

इंडोनेशियाई बचाव दल इस्लामिक बोर्डिंग स्कूल के प्रार्थना हॉल के ध्वस्त हो जाने के बाद लापता छात्रों की तलाश में जुटे हुए हैं। पिछले सप्ताह हुई इस दुर्घटना में अब तक 49 छात्रों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। बचाव दल ने सप्ताहांत में दर्जनों शव बरामद किए हैं, जबकि 14 छात्र अभी भी लापता बताए जा रहे हैं।

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एजेंसी के अनुसार, बचाव कार्य में भारी मशीनरी के साथ-साथ जेकहैमर, सर्कुलर सॉ और कभी-कभी अपने हाथों से मलबा हटाकर लापता छात्रों की खोज की जा रही है। केवल सप्ताहांत में ही 35 शव बरामद किए गए।

यह भवन 29 सितंबर को जावा द्वीप के पूर्वी हिस्से में स्थित शताब्दी पुराने अल खोझिनी स्कूल में गिरा। हादसे के वक्त लगभग सैकड़ों छात्र, ज्यादातर 12 से 19 वर्ष की उम्र के लड़के, प्रार्थना हॉल में मौजूद थे। अधिकारियों के मुताबिक, केवल एक छात्र घायल हुए बिना बच निकला, जबकि 97 को विभिन्न चोटों के साथ अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जिनमें से अधिकांश को छुट्टी दे दी गई। छह छात्र गंभीर रूप से घायल हैं और उनका इलाज जारी है।

पुलिस के अनुसार, दो मंजिला इस भवन में बिना अनुमति के दो मंजिलें जोड़ी जा रही थीं, जिससे संरचनात्मक कमजोरी आई और यह गिर गया। यह गैरकानूनी निर्माण की समस्या को लेकर पूरे देश में गहरी नाराजगी भी पैदा कर रहा है।

कंस्ट्रक्शन विशेषज्ञ मुडजी इरमवान ने कहा, “तीसरी मंजिल बनाते वक्त जब कंक्रीट डाला जा रहा था, तब भवन का भार वहन नहीं कर सका क्योंकि निर्माण मानकों के अनुरूप नहीं था। पूरे 800 वर्ग मीटर क्षेत्रफल वाला यह हिस्सा ढह गया।”

उन्होंने यह भी कहा कि छात्रों को अधूरे निर्माणाधीन भवन के अंदर नहीं जाना चाहिए था।

सिडोर्जो के जिला प्रमुख सुबंदी ने पुष्टि की कि स्कूल प्रबंधन ने निर्माण कार्य शुरू करने से पहले जरूरी अनुमति नहीं ली थी।

इंडोनेशिया के 2002 के भवन निर्माण कोड के अनुसार, किसी भी निर्माण के लिए संबंधित अधिकारियों से अनुमति लेना आवश्यक है। बिना अनुमति निर्माण करने पर जुर्माना और जेल की सजा हो सकती है, और यदि इससे मृत्यु होती है तो 15 साल तक की जेल और 8 अरब रुपिया (लगभग 50 लाख डॉलर) तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है।

स्कूल के देखभालकर्ता अब्दुस सलाम मुजिब, जो एक सम्मानित इस्लामी धर्मगुरु हैं, ने दुर्घटना के एक दिन बाद सार्वजनिक रूप से माफी मांगी।उन्होंने कहा, “यह ईश्वर की इच्छा है, हमें धैर्य रखना होगा और विश्वास रखना चाहिए कि ईश्वर इस त्रासदी से प्रभावितों को अच्छे इनाम से نوازेंगे।”

विश्व के सबसे बड़े मुस्लिम बहुल देश में मुस्लिम धर्मगुरुओं से जुड़ी आपराधिक जांचें हमेशा संवेदनशील रही हैं।स्कूल प्रशासन की ओर से इस घटना पर अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

पूर्वी जावा पुलिस प्रमुख नानांग अवियान्तो ने कहा, “हम इस मामले की पूरी तरह जांच करेंगे। जांच में कंस्ट्रक्शन विशेषज्ञों की टीम की भी मदद ली जाएगी ताकि यह पता चल सके कि स्कूल की लापरवाही से यह हादसा हुआ या नहीं।”