बार्सिलोना (स्पेन)
गाजा में इज़राइल के सैन्य अभियान के विरोध में शनिवार को स्पेन, इटली और पुर्तगाल में हज़ारों लोग सड़कों पर उतरे। खासकर बार्सिलोना, मैड्रिड, रोम और लिस्बन में बड़े विरोध प्रदर्शनों का आयोजन हुआ।
फ्लोटिला विवाद ने भड़काया जनाक्रोश
ग़ाज़ा की नाकेबंदी तोड़ने के प्रयास में बार्सिलोना से रवाना हुई मानवीय सहायता 'फ्लोटिला' को इज़राइली सेना द्वारा रोके जाने और उसमें सवार 450 कार्यकर्ताओं, जिनमें 40 से अधिक स्पेनवासी और बार्सिलोना के पूर्व मेयर भी शामिल थे, को हिरासत में लिए जाने के बाद विरोध और तेज़ हो गया।
70,000 से अधिक लोग बार्सिलोना में जुटे
बार्सिलोना टाउन हॉल के अनुसार, शहर में हुए प्रदर्शन में लगभग 70,000 लोग शामिल हुए। प्रदर्शनकारियों ने 'पासेइग डे ग्रासिया' जैसे शहर के मुख्य मार्गों पर रैली निकाली। हर उम्र के लोग, परिवार, सामाजिक कार्यकर्ता और छात्रों ने इसमें भाग लिया।
हाथों में फ़लस्तीनी झंडे और पोस्टर थे जिन पर लिखा था:
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"ग़ाज़ा मुझे दर्द देता है"
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"नरसंहार बंद करो"
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"फ्लोटिला से दूर रहो"
यूरोप के अन्य हिस्सों में भी विरोध
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इटली में शुक्रवार को गाज़ा के समर्थन में एक देशव्यापी हड़ताल आयोजित की गई, जिसमें लगभग 20 लाख लोग शामिल हुए।
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रोम और लिस्बन में भी शनिवार को बड़े प्रदर्शन हुए।
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स्पेन के कई अन्य शहरों, जैसे सेविला, बिलबाओ और वालेंसिया में भी विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई गई है।
राजनीतिक और कूटनीतिक पृष्ठभूमि
स्पेन की सरकार इन दिनों इज़राइली प्रधानमंत्री नेतन्याहू की अति-दक्षिणपंथी नीतियों के खिलाफ कूटनीतिक दबाव बना रही है। वहीं दूसरी ओर, हमास ने हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा युद्ध खत्म करने के लिए प्रस्तुत योजना के कुछ बिंदुओं को स्वीकार कर लिया है।
अब तक की स्थिति
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7 अक्टूबर, 2023 को हमास के दक्षिणी इज़राइल पर हमले में करीब 1,200 लोग मारे गए और 251 लोगों को बंधक बना लिया गया था।
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जवाबी कार्रवाई में इज़राइल के सैन्य हमलों से गाज़ा में अब तक 66,000 से अधिक लोग मारे गए, और 1,70,000 से अधिक घायल हुए हैं, जैसा कि गाज़ा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया है।
प्रदर्शनकारियों की उम्मीद
हालांकि इन विरोध प्रदर्शनों से इज़राइल की नीति में तुरंत बदलाव की उम्मीद नहीं है, फिर भी प्रदर्शनकारियों को विश्वास है कि वे आम नागरिकों को जागरूक कर सकते हैं और यूरोपीय सरकारों पर दबाव बनाकर उन्हें इज़राइल के खिलाफ सख्त रुख अपनाने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।