गाजा में इजरायली हवाई हमलों में महिलाओं और बच्चों समेत 70 फिलिस्तीनियों की मौत

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 05-10-2025
Israeli airstrikes in Gaza kill over 70 Palestinians, including women and children
Israeli airstrikes in Gaza kill over 70 Palestinians, including women and children

 

रियाद

हमास ने दावा किया है कि घिरे हुए गाजा पट्टी पर इजरायल के हालिया हवाई हमलों में महिलाओं और बच्चों सहित 70 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए हैं। समूह ने कहा कि नागरिकों पर हमले जारी हैं, जिससे यह साफ होता है कि इजरायल द्वारा हिंसा में कमी के दावे झूठे हैं।

यह जानकारी टीआरटी वर्ल्ड ने रविवार को अपनी रिपोर्ट में दी।

हमास ने शनिवार को जारी एक बयान में कहा,"यह खूनी हमला युद्ध अपराधी नेतन्याहू की सरकार द्वारा नागरिकों के खिलाफ जारी सैन्य हमलों की पोल खोलता है।"

अंतरराष्ट्रीय समुदाय से हस्तक्षेप की मांग

हमास ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय, अरब और इस्लामी देशों से अपील की है कि वे

  • फिलिस्तीनी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करें,

  • मानवीय सहायता बढ़ाएं,

  • और इजरायल पर दबाव डालें ताकि दो साल से जारी इस कथित "नरसंहार" और भुखमरी को रोका जा सके।

93 हवाई हमलों में 70 मौतें

गाजा मीडिया कार्यालय के अनुसार, शनिवार को इजरायली सेना ने 93 हवाई हमले किए, जिनमें 70 लोग मारे गए, सिर्फ गाजा शहर में ही 47 लोगों की जान गई


ट्रंप ने बमबारी रोकने की अपील की

इससे पहले शुक्रवार को, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजरायल से गाजा पर तत्काल बमबारी रोकने की अपील की थी।
यह बयान तब आया जब हमास ने कहा कि वह अपने युद्धविराम प्रस्ताव के तहत इजरायली बंदियों को रिहा करने को तैयार है।

ट्रंप ने कहा,"मुझे लगता है कि हमास अब स्थायी शांति के लिए तैयार है।"


मिस्र में सोमवार को अहम बैठक

मिस्र ने घोषणा की है कि सोमवार को इजरायल और हमास के प्रतिनिधिमंडल काहिरा में मुलाकात करेंगे,
जहां ट्रंप की शांति योजना के तहत

  • युद्धविराम,

  • कैदियों की अदला-बदली,

  • और आगे की रणनीति पर चर्चा होगी।


ट्रंप की 20-सूत्रीय गाजा शांति योजना

ट्रंप ने 29 सितंबर को 20 बिंदुओं वाली गाजा शांति योजना पेश की थी, जिसमें शामिल हैं:

  • तत्काल युद्धविराम,

  • हमास का निरस्त्रीकरण,

  • और 72 घंटे के भीतर इजरायली बंदियों की रिहाई

इस योजना को अंतरराष्ट्रीय समर्थन मिल रहा है, लेकिन अभी भी कई मुद्दों पर सहमति बननी बाकी है