सुरिन (थाईलैंड)
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा घोषित युद्धविराम की बात के बावजूद थाईलैंड और कंबोडिया की सीमा पर शनिवार सुबह भी लड़ाई थमी नहीं। ट्रंप ने दावा किया था कि उन्होंने दोनों देशों से संघर्ष रोकने पर सहमति हासिल कर ली है, लेकिन जमीनी स्थिति बिल्कुल उलट दिखाई दी।
थाई अधिकारियों ने साफ कहा कि वे किसी युद्धविराम के लिए सहमत नहीं हुए हैं, जबकि कंबोडिया ने ट्रंप के दावे पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। कंबोडिया के रक्षा मंत्रालय ने आरोप लगाया कि शनिवार सुबह थाई लड़ाकू विमानों ने हवाई हमले किए।
थाईलैंड ने ट्रंप के दावे को बताया ‘ग़लत समझ’
थाई विदेश मंत्री सिहासक फुआंगकेटकेओ ने कहा कि ट्रंप की कई टिप्पणियाँ “स्थिति की वास्तविकता को नहीं दर्शातीं”। उन्होंने विशेष तौर पर उस टिप्पणी की आलोचना की जिसमें ट्रंप ने थाई सैनिकों को घायल करने वाले बारूदी सुरंग विस्फोट को “सड़क दुर्घटना” कहा था।
सिहासक ने कहा,“ट्रंप ने जानबूझकर तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने वाले स्रोतों पर भरोसा किया है, इससे थाई जनता की भावनाएँ आहत हुई हैं। हम दशकों से अमेरिका के विश्वसनीय सहयोगी रहे हैं।”
संघर्ष की पृष्ठभूमि
7 दिसंबर की झड़प के बाद दोनों देशों की सेनाओं के बीच बड़े पैमाने पर लड़ाई शुरू हो गई। इससे जुलाई में ट्रंप की मध्यस्थता से हुए युद्धविराम की प्रक्रिया पटरी से उतर गई। उस युद्धविराम को लागू करवाने के लिए ट्रंप ने थाईलैंड और कंबोडिया पर व्यापारिक दबाव भी डाला था।
हालिया हिंसा में अब तक दो दर्जन से अधिक लोगों की मौत और लाखों लोगों के विस्थापित होने का अनुमान है। थाई सेना ने 11 सैनिकों के मारे जाने की पुष्टि की है, जबकि वह दावा करती है कि कंबोडिया के 165 सैनिक मारे गए। कंबोडिया ने अपने सैन्य हताहतों की संख्या जारी नहीं की है, लेकिन उसने 11 नागरिकों की मौत और 76 के घायल होने की पुष्टि की है।
ट्रंप के दावे पर दोनों देशों की असहमति
शुक्रवार को ट्रंप ने दोनों प्रधानमंत्रियों से बातचीत के बाद सोशल मीडिया पर दावा किया था कि युद्धविराम फिर से लागू कर दिया गया है। लेकिन थाई प्रधानमंत्री अनुतिन चर्नविराकुल ने कहा कि शांति तभी संभव है जब कंबोडिया पहले हमले बंद करे।थाई विदेश मंत्रालय ने बाद में खुले तौर पर ट्रंप के युद्धविराम दावे का खंडन कर दिया।
दूसरी ओर, कंबोडियाई प्रधानमंत्री हुन मानेत ने भी अपने आधिकारिक बयान में किसी युद्धविराम का ज़िक्र नहीं किया। हालांकि, उन्होंने ट्रंप और मलेशियाई प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम को शांति प्रयासों के लिए धन्यवाद दिया।
मलेशिया की नई पहल, थाईलैंड की बेरुखी
अनवर इब्राहिम ने शनिवार रात दोनों देशों से युद्धविराम लागू करने की अपील की और इसकी निगरानी में अमेरिका और मलेशिया की भूमिका का प्रस्ताव रखा।कंबोडिया ने इस पहल का समर्थन किया, लेकिन थाई प्रधानमंत्री अनुतिन ने तुरंत इसे खारिज कर दिया।सीमा पर तनाव और हिंसा जारी रहने से क्षेत्र में अस्थिरता बनी हुई है और कूटनीतिक प्रयास अभी भी अनिश्चितता में घिरे हुए हैं।