लंदन.
लेखक सलमान रुश्दी को वेंटिलेटर से हटा दिया गया है. बताया जा रहा है कि वह अब बातचीत कर रहे हैं. एक इंटरव्यू के दौरान शुक्रवार को अमेरिका के न्यूयार्क में उन पर चाकू से हमला किया गया था.
ब्रिटिश-अमेरिकी लेखक आतिश तासीर ने कहा कि 75 वर्षीय सलमान रुश्दी वेंटिलेटर से बाहर आए गए है और और बात कर रहे हैं (और मजाक कर रहे है).
इसकी पुष्टि लेखक के एजेंट एंड्रयू वायली ने भी की. पहले वायली ने बताया था कि सलमान वेंटिलेटर पर हैं. हमले में उनके हाथ और लीवर पर गहरी चोट लगी है.
वहीं उनकी एक आंख की रोशनी जा सकती है. घटना चौटाउक्वा इंस्टीट्यूशन में हुई. हमलावर तेजी से मंच पर आया और रुश्दी पर चाकू से हमला कर दिया.
इस दौरान मंच पर मौजूद इंटरव्यूअर के सिर पर भी हल्की चोट आईै. पुलिस ने आरोपी की पहचान 24 वर्षीय हादी मटर के रूप में की है जो न्यू जर्सी का है.
आरोपी ने खुद को बेकसूर बताया और कहा कि उसने इस घटना को अंजाम नहीं दिया है. उसे चौटाउक्वा काउंटी जेल में रखा गया है. अधिकारियों ने कहा कि हमलावर ने रुश्दी के गर्दन और पेट पर चाकू से वार किया है.
सलमान रुश्दी द्वारा मुस्लिम परंपराओं पर लिखे गए उपन्यास 'द सैटेनिक वर्सेस' को लेकर ईरान के धार्मिक नेता अयातुल्ला खामैनी ने 1988 में उनके खिलाफ फतवा जारी किया था.
हमले को उसी से जोड़कर देखा जा रहा है. हालांकि, ईरान के एक राजनयिक ने कहा, हमारा इस हमले से कोई लेना-देना नहीं है. रुश्दी का जन्म भारतीय स्वतंत्रता के वर्ष 1947 में मुंबई में हुआ था.
उन्होंने ब्रिटेन में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में इतिहास की पढ़ाई की है. उन्हें उपन्यास 'मिडनाइट्स चिल्ड्रन' के लिए 1981 में 'बुकर प्राइज' और 1983 में 'बेस्ट ऑफ द बुकर्स' पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
रुश्दी ने लेखक के तौर पर शुरूआत 1975 में अपने पहले उपन्यास 'ग्राइमस' के साथ की थी-