आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि रूस एवं चीन ने ब्रिक्स सदस्य देशों के सामाजिक-आर्थिक विकास में बाधा डालने वाले ‘‘भेदभावपूर्ण प्रतिबंधों’’ के खिलाफ एक साझा रुख अपनाया है.
शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में भाग लेने यहां पहुंचे पुतिन ने चीन की सरकारी समाचार एजेंसी ‘शिन्हुआ’ से एक साक्षात्कार के दौरान यह टिप्पणी की.
उन्होंने कहा कि रूस और चीन महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए अतिरिक्त संसाधन जुटाने पर विशेष ध्यान दे रहे हैं और वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए ब्रिक्स की क्षमता को मजबूत करने के लिए एकजुट हैं.
रूस के राष्ट्रपति ने कहा कि मॉस्को और बीजिंग ब्रिक्स सदस्यों और समग्र विश्व के ‘‘सामाजिक-आर्थिक विकास में बाधा डालने वाले भेदभावपूर्ण प्रतिबंधों के विरुद्ध एक साझा रुख’’ अपनाते हैं.
पुतिन ने यह टिप्पणी ऐसे समय में की है जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ब्रिक्स के सदस्य देशों पर 10 प्रतिशत शुल्क लगाने की धमकी दे रहे हैं.
ब्रिक्स एक अंतर-सरकारी संगठन है जिसमें ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं. सऊदी अरब, ईरान, इथियोपिया, मिस्र, अर्जेंटीना और संयुक्त अरब अमीरात इसके नए सदस्य हैं.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी यहां आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन से इतर पुतिन से मुलाकात करेंगे.
पुतिन ने कहा कि रूस और चीन अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक में सुधार का समर्थन करते हैं.
शिखर सम्मेलन में भाग लेने और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ वार्ता करने के अलावा, पुतिन द्वितीय विश्व युद्ध में जापान के खिलाफ चीन की जीत की 80वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित होने वाले परेड में भी शामिल होंगे.
पुतिन ने आशा व्यक्त की कि एससीओ तियानजिन शिखर सम्मेलन 10-सदस्यीय संगठन को नयी शक्तिशाली गति देगा और समकालीन चुनौतियों एवं खतरों का सामना करने की इसकी क्षमता को मजबूत करेगा तथा साझा यूरेशियाई क्षेत्र में एकजुटता को मजबूत करेगा.
उन्होंने कहा, ‘‘इससे एक अधिक न्यायसंगत बहुध्रुवीय वैश्विक व्यवस्था को आकार देने में मदद मिलेगी.