खैबर पख्तूनख्वा (पाकिस्तान)
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा (केपी) प्रांत में मानसून सीज़न की शुरुआत से अब तक बारिश जनित घटनाओं में 71 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें से अधिकांश बच्चे हैं, जबकि 86 अन्य घायल हुए हैं। यह जानकारी डॉन समाचार पत्र ने केपी की प्रांतीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (PDMA) के हवाले से दी है।
हर साल जून से सितंबर तक चलने वाली मानसून बारिशों ने इस साल भी केपी में तबाही मचा दी है, जिससे बाढ़, भूस्खलन और जनविस्थापन जैसी गंभीर समस्याएं उत्पन्न हुई हैं—खासतौर पर उन इलाकों में जो कमज़ोर बुनियादी ढांचे या घनी आबादी से जूझ रहे हैं।
PDMA की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, 71 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जिनमें 40 बच्चे, 17 पुरुष और 14 महिलाएं शामिल हैं।स्वात ज़िला सबसे अधिक प्रभावित रहा, जहां 22 लोगों की जान गई। इन मौतों के पीछे मुख्य रूप से बाढ़, भूस्खलन और इमारतों के गिरने की घटनाएं जिम्मेदार रहीं।
27 जून को स्वात और मलाकंड डिवीज़न में अचानक आई बाढ़ में 17 लोग, जिनमें ज़्यादातर पर्यटक थे, लापता हो गए।
इनमें से 12 शव बरामद, 4 लोगों को बचा लिया गया, जबकि 1 व्यक्ति अब भी लापता है।
राहत कार्यों में देरी को लेकर देशभर में नाराजगी देखी गई।
21 जुलाई को एक महिला की नाले में बहकर मौत हो गई, जबकि दो बच्चे भी बह गए।
उसी दिन स्वात की बहरीन तहसील में एक मकान की छत गिरने से तीन बच्चों की मौत हो गई।
स्वात – 22
बुनेर – 4
मलाकंड – 5
चरसद्दा – 3
अपर दीर – 3
तोरघर – 2
मानसेहरा – 3
हंगू – 2
खैबर – 3
एबटाबाद – 5
शांगला – 2
बाजौर – 3
लोअर कोहिस्तान – 2
लक्की मरवत – 3
बाटाग्राम – 2
करक, हरीपुर, अपर कोहिस्तान, नौशेरा, कोहाट – 1-1 मौत
PDMA के मुताबिक, 86 लोग घायल हुए हैं—जिसमें 38 पुरुष, 15 महिलाएं और 33 बच्चे शामिल हैं।
कुल 358 मकान क्षतिग्रस्त, जिनमें से 54 पूरी तरह ढह गए।
स्वात में सबसे ज्यादा 63 घर नष्ट हुए।
करक में 38, बुनेर में 22 मकान प्रभावित हुए।
142 मवेशियों की भी मौत हो चुकी है।
PDMA ने खैबर पख्तूनख्वा में आगामी 12 से 24 घंटों के भीतर फिर से बारिश और तूफानों की चेतावनी जारी की है।
प्रभावित इलाकों में शामिल हैं:
चितराल, दीर, स्वात, कालाम, मानसेहरा, बाटाग्राम, एबटाबाद, हरीपुर, स्वाबी, मर्दान, नौशेरा, पेशावर, चरसद्दा, कोहाट, लक्की मरवत, पराचिनार, बन्नू और डेरा इस्माइल खान।
PDMA ने 4 से 7 अगस्त के बीच तेज बारिश, हवाएं और गरज-चमक के साथ आंधी की भविष्यवाणी को देखते हुए सभी जिला प्रशासन और संबंधित एजेंसियों को अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया है।
मानसून की विनाशलीला इस बार पाकिस्तान में एक बार फिर तबाही का सबब बन चुकी है। अब देखना होगा कि प्रशासन कितनी जल्दी और प्रभावी ढंग से राहत व पुनर्वास कार्यों को अंजाम देता है।