नई दिल्ली
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि नरेंद्र मोदी नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने छोटे और मध्यम व्यापारियों को अपनी खराब नीतियों की जंजीरों में बांध दिया है। उन्होंने कहा कि देश के वैश्य समाज, जो अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, इस समय हताश और परेशान है।
राहुल गांधी ने वैश्य समाज के प्रतिनिधियों से मुलाकात की और इसका वीडियो अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर साझा किया। उन्होंने कहा, "जिस समाज ने देश की अर्थव्यवस्था में ऐतिहासिक योगदान दिया, आज वही हताश है। यह खतरे की घंटी है।" उनका यह बयान व्यापारिक समुदाय में बढ़ती समस्याओं और छोटे व्यापारियों की परेशानियों को उजागर करता है।
राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि सरकार ने बड़े व्यापारिक घरानों और एकाधिकार को खुली छूट दी है, जबकि छोटे व्यापारियों को नौकरशाही, जटिल जीएसटी प्रणाली और अन्य नीतिगत असुविधाओं के कारण परेशान होना पड़ रहा है। उन्होंने कहा, "यह सिर्फ नीति की गलती नहीं है, बल्कि उत्पादन, रोजगार और भारत के भविष्य पर सीधा हमला है। भाजपा सरकार की इस सामंतवादी सोच के खिलाफ यह लड़ाई है। और इस लड़ाई में मैं पूरी ताकत से देश के व्यापार की रीढ़ – वैश्य समाज के साथ खड़ा हूं।"
इस दौरान वैश्य समाज के प्रतिनिधियों ने राहुल गांधी को अपने उद्योगों से जुड़ी समस्याओं से अवगत कराया। इनमें जूता निर्माण, कृषि उत्पाद, बिजली, पेपर और स्टेशनरी, ट्रैवल, स्टोन कटिंग, केमिकल्स और हार्डवेयर जैसे विभिन्न क्षेत्र शामिल हैं।
राहुल गांधी ने यह भी कहा कि वैश्य समाज के साथ खड़े रहकर ही देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती दी जा सकती है। उन्होंने छोटे और मध्यम व्यापारियों के हितों की रक्षा करने और उनके साथ मिलकर सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ आवाज उठाने का भरोसा दिया।
इस मुलाकात और वीडियो के जरिए राहुल गांधी ने सरकार की व्यापारिक नीतियों पर तीखी प्रतिक्रिया दी है और यह स्पष्ट किया है कि उनका फोकस छोटे व्यापारियों और वैश्य समुदाय के आर्थिक उत्थान और सुरक्षा पर है।