दोहा (कतर)
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) की सांसद सुप्रिया सुले के नेतृत्व में गए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने अपने चार देशों के दौरे की पहली कड़ी के रूप में कतर की यात्रा को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है. यह दौरा पहलगाम में हुए वीभत्स आतंकी हमले, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और उसके बाद के घटनाक्रमों के मद्देनज़र आयोजित किया गया था.
भारतीय दूतावास की ओर से जारी बयान के अनुसार, दोहा में प्रतिनिधिमंडल ने कतर सरकार और शूरा काउंसिल के प्रमुख अधिकारियों, मीडिया, शिक्षाविदों, थिंक टैंक और भारतीय समुदाय के प्रतिनिधियों के साथ सकारात्मक और सार्थक बातचीत की.
प्रतिनिधिमंडल ने कतर के विदेश मामलों के राज्य मंत्री मोहम्मद बिन अब्दुलअज़ीज़ बिन सालेह अल खुलैफ़ी, आंतरिक मामलों के राज्य मंत्री अब्दुलअज़ीज़ बिन फैसल बिन मोहम्मद अल थानी, शूरा काउंसिल की उपाध्यक्ष हम्दा बिन्त हसन अल सुलैती सहित कई वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की.
इसके अलावा, मध्य पूर्व वैश्विक मामलों की परिषद (Middle East Council for Global Affairs) में थिंक टैंक और अकादमिक जगत के साथ गोलमेज चर्चा का आयोजन भी किया गया.
प्रतिनिधिमंडल ने कतर के प्रमुख समाचार पत्रों अल शरक और पेनिनसुला की संपादकीय टीम से भी संवाद किया. 26 मई को भारतीय समुदाय के साथ विशेष स्वागत कार्यक्रम का आयोजन भी हुआ.
बयान में कहा गया कि इन बैठकों के दौरान भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने सीमा पार आतंकवाद के प्रति भारत की "शून्य सहिष्णुता" (Zero Tolerance) की नीति को दोहराया और 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद देश में हुए घटनाक्रमों की जानकारी साझा की.
उन्होंने बताया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ एक संयमित, लक्षित और संतुलित कार्रवाई थी, जो आतंकवाद के खिलाफ भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, बिना तनाव बढ़ाए।
भारतीय प्रतिनिधियों ने यह भी ज़ोर देकर कहा कि अब आतंकवादियों और उनके समर्थकों में कोई भेद नहीं किया जाना चाहिए और दशकों से भारत के खिलाफ बनाए गए सीमा पार आतंकवादी ढांचे को पूरी तरह खत्म करना आवश्यक है.
बयान के अनुसार, “कतर पक्ष ने भी आतंकवाद के खिलाफ अपनी ‘शून्य सहिष्णुता नीति’ दोहराई और आतंकवाद की स्पष्ट निंदा की। प्रतिनिधिमंडल ने कतर सरकार द्वारा पहलगाम हमले की निंदा के लिए आभार जताया और कतर नेतृत्व के समर्थन की सराहना की.”
गौरतलब है कि कतर के विदेश मंत्रालय ने 23 अप्रैल को पहलगाम हमले की तीव्र निंदा की थी. इसके बाद 6 मई को कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच फोन पर बातचीत हुई थी. वहीं, 7 मई को कतर के प्रधानमंत्री एवं विदेश मंत्री शेख मोहम्मद बिन जासिम अल-थानी और भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के बीच भी संवाद हुआ था.
प्रतिनिधिमंडल ने मीडिया संवाद के दौरान अपनी बैठकों और समग्र दौरे की जानकारी साझा की और पत्रकारों के प्रश्नों का उत्तर दिया. भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए प्रतिनिधियों ने उनकी सहिष्णुता, बहुलवाद, एकता और सामाजिक समरसता के मूल्यों को बनाए रखने के लिए उनकी सराहना की और उन्हें भारत की सामाजिक एकता को तोड़ने वाली ताक़तों से सचेत रहने की अपील की.
बयान में अंत में यह भी बताया गया कि सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल कतर से अब अपनी यात्रा के दूसरे चरण के तहत 27 मई को दक्षिण अफ्रीका रवाना होगा.